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युवक की हत्या कर झाड़ियों में फेंका था शव; 7 साल बाद 5 दोषियों को उम्रकैद - CHANDAULI MURDER COURT VERDICT

चंदौली के चकिया इलाके में हुई थी वारदात, कोर्ट ने 22-22 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.

कोर्ट ने दोषियों को सुनाई सजा.
कोर्ट ने दोषियों को सुनाई सजा. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : April 24, 2025 at 11:26 PM IST

3 Min Read

चंदौली/बरेली : सात साल पहले हुई युवक की हत्या के मामले में एक महिला समेत 5 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. जिला एवं सत्र न्यायाधीश रविंद्र सिंह की अदालत ने आरोपियों पर 22-22 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. अर्थदंड अदा न करने पर 6 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.

अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी शशि शंकर सिंह और सहायक शासकीय अधिवक्ता राजेंद्र कुमार पांडेय ने अपना पक्ष रखा. बताया कि एक मार्च 2017 को चकिया थाना क्षेत्र के हमेइया कुपड़ा गांव के सीवान में झाड़ियों में युवक का शव मिला था.

पुलिस ने इस मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू की थी. पता चला कि युवक की हत्या की गई थी. इसके बाद पुलिस ने विवेचना कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था. इस मामले की सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायालय में चल रही थी.

जिला जज ने आरोप सिद्ध होने पर धारा 302, 201, 147, 120बी भादवि के संबंध में आरोपी राहुल सिंह, रवि गुप्ता, मनीष राजभर, प्रमोद राम और उजाला देवी उर्फ दीपशीखा पत्नी धर्मेन्द्र सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

बरेली में मजदूर की हत्या में दोषी को उम्रकैद : बरेली जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने मजदूरी के पैसे मांगने पर गोलीमार मजदूर की हत्या के मामले में दोषी को अजीवन कारावास की सजा सुनाई. इसके अलावा 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. वारदात आंवला थाना क्षेत्र में 17 अक्टूबर 2005 को हुई थी.

आंवला थाना क्षेत्र का रहने वाला नरेश पाल अपनी पत्नी सीमा के साथ कैंट थाना क्षेत्र के कंधरपुर में किराए के मकान में रहता था. वह मजदूरी करता था. उसने गांव के ही चंद्रसेन उर्फ शेखर के यहां मजदूरी की थी. उसे इसके रुपये नहीं मिले थे. पैसों को देने के बहाने चंद्रसेन उसे बुलाकर ले गया. इसके बाद गोली मार दी थी.

जिला अस्पताल के बाद नरेश पाल को दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहां 5 नवंबर 2005 को उसकी मौत हो गई थी. कैंट थाने की पुलिस ने आरोपी चंद्रसेन उर्फ शेखर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इसके बाद से यह मामला कोर्ट में था.

डीजीसी रीत राम राजपूत ने बताया कि मजदूर नरेश पाल को अपनी मजदूरी के पैसे मांगने के विवाद में चंद्रसेन उर्फ शेखर मामले में 15 गवाह पेश किए गए. गुरुवार को न्यायालय जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने आरोपी चंद्रसेन उर्फ शेखर को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. 20000 का अर्थदंड भी लगाया है. कोर्ट ने इसमें से 10 हजार रुपये नरेश पाल के वारिस को देने के आदेश दिए हैं.

यह भी पढ़ें : आगरा के संजलि हत्याकांड में 6 साल बाद आया फैसला; चचेरे भाई ने जिंदा जलाया था, मां बोली- हत्यारों को फांसी हो

चंदौली/बरेली : सात साल पहले हुई युवक की हत्या के मामले में एक महिला समेत 5 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. जिला एवं सत्र न्यायाधीश रविंद्र सिंह की अदालत ने आरोपियों पर 22-22 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. अर्थदंड अदा न करने पर 6 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.

अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी शशि शंकर सिंह और सहायक शासकीय अधिवक्ता राजेंद्र कुमार पांडेय ने अपना पक्ष रखा. बताया कि एक मार्च 2017 को चकिया थाना क्षेत्र के हमेइया कुपड़ा गांव के सीवान में झाड़ियों में युवक का शव मिला था.

पुलिस ने इस मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू की थी. पता चला कि युवक की हत्या की गई थी. इसके बाद पुलिस ने विवेचना कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था. इस मामले की सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायालय में चल रही थी.

जिला जज ने आरोप सिद्ध होने पर धारा 302, 201, 147, 120बी भादवि के संबंध में आरोपी राहुल सिंह, रवि गुप्ता, मनीष राजभर, प्रमोद राम और उजाला देवी उर्फ दीपशीखा पत्नी धर्मेन्द्र सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

बरेली में मजदूर की हत्या में दोषी को उम्रकैद : बरेली जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने मजदूरी के पैसे मांगने पर गोलीमार मजदूर की हत्या के मामले में दोषी को अजीवन कारावास की सजा सुनाई. इसके अलावा 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. वारदात आंवला थाना क्षेत्र में 17 अक्टूबर 2005 को हुई थी.

आंवला थाना क्षेत्र का रहने वाला नरेश पाल अपनी पत्नी सीमा के साथ कैंट थाना क्षेत्र के कंधरपुर में किराए के मकान में रहता था. वह मजदूरी करता था. उसने गांव के ही चंद्रसेन उर्फ शेखर के यहां मजदूरी की थी. उसे इसके रुपये नहीं मिले थे. पैसों को देने के बहाने चंद्रसेन उसे बुलाकर ले गया. इसके बाद गोली मार दी थी.

जिला अस्पताल के बाद नरेश पाल को दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहां 5 नवंबर 2005 को उसकी मौत हो गई थी. कैंट थाने की पुलिस ने आरोपी चंद्रसेन उर्फ शेखर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इसके बाद से यह मामला कोर्ट में था.

डीजीसी रीत राम राजपूत ने बताया कि मजदूर नरेश पाल को अपनी मजदूरी के पैसे मांगने के विवाद में चंद्रसेन उर्फ शेखर मामले में 15 गवाह पेश किए गए. गुरुवार को न्यायालय जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने आरोपी चंद्रसेन उर्फ शेखर को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. 20000 का अर्थदंड भी लगाया है. कोर्ट ने इसमें से 10 हजार रुपये नरेश पाल के वारिस को देने के आदेश दिए हैं.

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