ग्वालियर: साल 2012 में आई इरफान खान अभिनीत फिल्म पान सिंह तोमर एक सच्ची कहानी पर आधारित थी, ये फिल्म चंबल के बागी पान सिंह तोमर के जीवन पर बनायी गई थी. किस तरह एक गांव में पैदा हुआ लड़का फौजी बना, फिर देश और विदेश में दौड़ कर मेडल जीते, नाम बनाया और फिर सरकारी सिस्टम पुलिस की कार्यशैली से हार कर अपने परिवार पर हुए अन्याय के खिलाफ हथियार उठाकर बीहड़ में कूद गया.
पान सिंह तोमर भले ही अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन एक बार फिर उनका परिवार सिस्टम से लड़ रहा है. इशारा दे रहा है कि, इंसाफ नहीं हुआ, तो इतिहास दोहराएगा. पान सिंह तोमर की पोती सपना तोमर से खास बातचीत की ईटीवी भारत संवाददाता पीयूष श्रीवास्तव ने.
पिछले दिनों सुर्खियों में आया था मारपीट का वीडियो
पिछले तीन दिनों से देशभर के सोशल मीडिया पर एक वीडियो ट्रेंड कर रहा है, दावा किया जा रहा है कि, झांसी में बिजली कर्मचारियों से अभद्रता और मारपीट हुई. मामले में FIR भी दर्ज की गई है. सपना तोमर को आरोपी बनाया गया है, जो चंबल में बागी रहे स्व पान सिंह तोमर की पोती हैं. आरोप लगा कि, बिजली कर्मचारी उनके घर कार्रवाई के लिए गए थे और इस बात पर सपना ने उनके साथ मारपीट कर दी, लेकिन इन दावों में कहीं ना कहीं सपना तोमर का पक्ष दब गया.
वर्षों से लाइमलाइट से दूर है पान सिंह तोमर का परिवार
मूल रूप से पान सिंह तोमर की मौत के बाद उनके बेटे सौराम सिंह तोमर अपने परिवार के साथ उत्तर प्रदेश के झांसी के बबीना में बस गए. आर्मी से रिटायर्ड सौराम सिंह ने अपने परिवार को बरसों तक लाइमलाइट से दूर रखा. कुछ नाते रिश्तेदारों के अलावा उनके इतिहास के बारे में किसी को नहीं पता था, लेकिन हाल ही में हुए एक वाक्ये ने उनके परिवार को सुर्खियां में ला दिया.
पान सिंह की पत्नी से हुई अभद्रता
सौराम सिंह की बेटी और स्व पान सिंह तोमर की पोती सपना तोमर पिछले 7 वर्षों से मध्य प्रदेश के ग्वालियर में रह रही हैं. एटीवी भारत से बातचीत में उन्हें बताया कि, "वे कुछ दिन पहले ही अपने माता पिता से मिलने बबीना गई हुई थी. उन्होंने कहा कि, "दो दिन पहले 4 जून के दिन कुछ बिजली कर्मचारी उनके घर में घुस आए थे, उन्होंने घर में लगे बिजली मीटर से छेड़छाड़ शुरू की और उसे बदलने की बात कहने लगे, उस समय घर के सभी सदस्य ऊपरी मंजिल पर थे नीचे सिर्फ उनकी दादी (पान सिंह तोमर की पत्नी) थी. जब उन्होंने उन कर्मचारियों से पूछा के वे कौन हैं, तो बिजली कर्मचारियों ने उनके साथ अभद्रता की, इस बात की जानकारी नीचे रह रहे किरायेदारों ने ऊपर आकर सबको बतायी."

मीटर बदलने को लेकर हुआ विवाद
सपना तोमर के मुताबिक, इस तरह अचानक बिना किसी सूचना या अनुमति के बिजली कर्मचारियों का घर में घुसना परिवार को ठीक नहीं लगा. बिजली कंपनी के कर्मचारियों ने बिना अनुमति घर का मीटर बदल दिया, घर की बिजली काट दी और मीटर बदलने का भी 5000 रुपया मांगने लगे. सपना उनसे बात करने गई तो कर्मचारियों ने मीटर बदलने की बात कही, जिस पर सपना तोमर ने उन्हें बताया कि, उनके घर में पीएम सौर ऊर्जा योजना के तहत सोलर पैनल लगाए गए हैं और अब उसमें बाइडाइरेक्शनल मीटर लगाया जाएगा, लेकिन बिजली कर्मचारी उसी बात पर अड़े रहे.
कर्मचारियों ने FIR का डर दिखा कर धमकाया
बिजली कर्मचारियों की बात सुनकर सपना तोमर ने उन्हें तीन दिन बाद आने के लिए कहा. उन्होंने बताया कि घर में कोई पुरुष नहीं है और कर्मचारियों में कोई महिला नहीं है. जब उनके पिता आए, उस समय आप लोग आपका अपना काम करें. इस बात पर कर्मचारी बहस करने लगे. उन्हें सरकारी कम में बाधा डालने की कह कर FIR की धमकी देने लगे. इसके बाद सपना ने अपने पिता को फोन किया और बात कराने की कोशिश की, लेकिन जब बिजली कर्मियों को लगा की उन्हें यहां से कोई पैसा नहीं मिलेगा तो उन्होंने वीडियो बनाना शुरू कर दिया.
जेई पर लगाया गंभीर हरकत का आरोप
इस तरह बिना इजाजत उनका पर्सनल वीडियो बनाना सपना तोमर को ठीक नहीं लगा. उन्होंने आरोप लगाया कि वहां खड़े रहने के दौरान JE वैभव रावत ने फोन उठाने के बहाने उनके शरीर को टच किया. उन्होंने पहले इस बात को नजरअंदाज किया, लेकिन इसके बाद JE ने मोबाइल चलाते हुए तीन बार अपनी कोहनी मारी. इसके बाद उन्होंने जेई के फोन पर झपट्टा मारा था, क्योंकि वे मोबाइल के जरिए उनकी रिकॉर्डिंग कर रहे थे.

'जेई ने तोड़ी उंगली तो सेल्फ़ डिफेंस में उठाया हाथ'
इस घटना क्रम पर ईटीवी भारत से सपना तोमर का कहना था कि, JE ने उनके हाथ की उंगली पकड़ कर पूरी तरह मोड़ दी. जिसकी वजह से उनके हाथ की ऊंगली में फ्रैक्चर हुआ है. उस दर्द में अपने बचाव के लिए उन्होंने हाथ उठाया था. वह सेल्फ डिफेंस था, लेकिन उसे गलत तरीके से प्रदर्शित कर, उन्हें ही गलत साबित करने की कोशिश की जा रही है.
पुलिस ने नहीं की कोई मदद, FIR भी दर्ज की
उनका कहना है कि वे "पुलिस के पास भी गई थीं, लेकिन पुलिस ने उनसे एक आवेदन मात्र लिया, कोई पावती नहीं दी और जब बिजली विभाग का जेई पहुंचा तो उसके कहने पर मेरे खिलाफ फिर FIR दर्ज कर दी. पुलिस ने शाम 6 बजे तक जबरन बैठाया और हमें बिना FIR वापस भेज दिए. ये ठीक वैसे ही हालत हैं. जैसे उनके दादा जब पुलिस के पास गए थे, तो उनकी सुनवाई नहीं हुई थी.
पब्लिसिटी के लिए उछाला दादा का नाम
सपना तोमर का कहना है कि इस पूरे मामले को तूल देने के लिए ही यह वीडियो वायरल किया गया और इसमें उनके दादा पान सिंह तोमर का नाम उपयोग किया गया क्योंकि सामान्य तौर पर इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं, लेकिन इस मामले में गलती न होने के बावजूद उन पर एफआइआर दर्ज कराई गई है. इस तरह के हालात बनाए गए, क्योंकि उनके साथ उनके दादा का नाम जुड़ा हुआ था. यह 1 तरह से सस्ती पब्लिसिटी पाने का तरीका है.
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'उनके प्रति लोगों का बदलने लगा नजरिया, दूर होने लगे'
सपना का मानना है जब से वीडियो वायरल हुआ है, तब से ही उनके लिए जीना मुश्किल हो गया है. कई पहचान के लोग उन्हें फोन कर रहे हैं. कई लोग उनसे दूरी बनाने लगे हैं. पिछले कई वर्षों से वे लोग शांति से रह रहे थे, ज़्यादातर लोगों को उनके बारे में नहीं पता था, लेकिन अब लोगों को पता चल रहा है कि वह पान सिंह तोमर के परिवार से हैं. ऐसे में उन्हें अब खतरा भी महसूस हो रहा है. क्योंकि ऐसी परिस्थिति में लोगों का देखने का नजरिया बदल जाता है.
सपना तोमर कहती हैं कि "लोग पान सिंह तोमर को डाकू कहते हैं, वे डाकू नहीं थी बागी थे, सात बार नेशनल स्टेपल चेस चैंपियन रहे हैं, वे एक एथलीट थे, लेकिन लोग यहां उन्हें डाकू कहते हैं. डाकू डकैती करता है, लेकिन वे बागी थे. जो अपने हक के लिए लड़े, जब उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई, तब उन्होंने बगावत की. चम्बल अंचल में इस तरह की कई गलत धारणाएं हैं. जिन्हें बदलने की जरूरत है."