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चैत्र नवरात्रि का नौवां दिन आज, मां सिद्धिदात्री की होगी आराधना, जानें कब किया जाएगा व्रत पारण - CHAITRA NAVRATRI 9TH DAY

नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री का व्रत और पूजन करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है.

Chaitra Navratri 9th day
Chaitra Navratri 9th day (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : April 6, 2025 at 6:43 AM IST

Updated : April 6, 2025 at 8:12 AM IST

3 Min Read

चैत्र नवरात्रि 2025 का अंतिम दिन आज यानी रविवार को है. इस दिन मां दुर्गा की नौवीं शक्ति मां सिद्धिदात्री की आराधना की जाती है. नवरात्रि के अंतिम दिन माता सिद्धिदात्री की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. माना जाता है कि मां दुर्गा के इस स्वरूप की पूजा मनुष्य, किन्नर, संत, देवी-देवता, असुर सभी करते हैं. माता की आराधना के बाद कन्या पूजन भी किया जाएगा. इसी के साथ आज माता के नवरात्रि महापर्व का समापन होगा. नवरात्रि के साथ-साथ आज रामनवमी का भी पर्व मनाया जा रहा है.

मां सिद्धिदात्री का स्वरूप: माता के नौवें नवरात्रि के दिन पूजन के बाद अणिमा, महिमा, लघिमा, प्राकाम्य, ईशित्व, गरिमा, प्राप्ति, वशित्व ये सभी सिद्धियां मिलती हैं. देवी पुराण के मुताबिक भगवान शिव को भी माता की कृपा से ही सिद्धियां मिली थीं. भगवान शिव पर माता की कृपा के बाद ही उनका आधा शरीर देवी का हुआ था. माता सिद्धिदात्री माता लक्ष्मी के समान के कमल पर विराजमान हैं. मां के हाथों में शंख, गदा, सुदर्शन, कमल सुशोभित है. इस स्वरूप में मां दुर्गा ने लाल जोड़ा धारण किया है.

माता का भोग: माता रानी का व्रत करने और विधि-विधान से पूजन करने के बाद घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है. नवरात्रि के नौवें दिन माता सिद्धिदात्री को हलवा-पुड़ी, काले-चने, नारियल की मिठाई, खीर मौसमी फल का भोग लगाया जाता है. माता की पूजा करते समय जामुनी, बैंगनी, लाल रंग का पहना शुभ माना जाता है. यह रंग प्रेम, शक्ति और अध्यात्म का प्रतीक होता है.

मां सिद्धिदात्री पूजन विधि: चैत्र नवरात्रि के अंतिम ब्रह्म मुहूर्त में उठकर अन्य दिन की तरह ही माता दुर्गा की पूजा अर्चना करें. साथ ही इस दिन सपरिवार हवन करने का विशेष महत्व माना गया है.आज माता के साथ-साथ सभी देवी देवताओं की पूजा भी की जाती है. इसके लिए आप लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछा लें और माता की तस्वीर या मूर्ति की स्थापना करें. इसके बाद गंगाजल से चौकी के चारों तरफ छिड़काव करें. फिर पूरे परिवार के साथ माता के जयकारे लगाएं और माता को रोली, कुमकुम, चंदन, पान-सुपारी आदि चीजें अर्पित करें.

कन्या पूजन: हवन में सभी देवी देवताओं के नाम की आहुति अवश्य दें. हवन के समय दुर्गा सप्तशती के सभी श्लोकों के साथ मां दुर्गा की आहुति भी दी जाती है, फिर माता की आरती उतारें. इसके बाद सभी कन्याओं को घर पर बुलाकर कन्या पूजन शुरू करें. कन्या पूजन और माता को भोग में सिद्धिदात्री को भोग में हलवा व चना का विशेष महत्व है.

नवरात्रि व्रत पारण: चैत्र नवरात्रि का व्रत पारण 6 अप्रैल 2025 यानी आज, रविवार को महानवमी तिथि के समापन के बाद किया जाएगा. नवमी तिथि रात 7.22 पर समाप्त होगी. कुछ लोग मान्यता अनुसार रात में नहीं बल्कि उदयातिथि में नवरात्रि व्रत का पारण करते हैं. ऐसे में वह लोग 7 अप्रैल 2025 को दशमी तिथि पर सुबह 6.04 मिनट पर व्रत खोल सकते हैं.

ये भी पढ़ें: रामनवमी पर अपनों को भेजें ये बेस्ट Wishes, पढ़ते ही खिल उठेगा दिल

ये भी पढ़ें: चैत्र नवरात्रि की अष्टमी आज, मां महागौरी की होगी आराधना, जानें पूजन विधि और महत्व

चैत्र नवरात्रि 2025 का अंतिम दिन आज यानी रविवार को है. इस दिन मां दुर्गा की नौवीं शक्ति मां सिद्धिदात्री की आराधना की जाती है. नवरात्रि के अंतिम दिन माता सिद्धिदात्री की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. माना जाता है कि मां दुर्गा के इस स्वरूप की पूजा मनुष्य, किन्नर, संत, देवी-देवता, असुर सभी करते हैं. माता की आराधना के बाद कन्या पूजन भी किया जाएगा. इसी के साथ आज माता के नवरात्रि महापर्व का समापन होगा. नवरात्रि के साथ-साथ आज रामनवमी का भी पर्व मनाया जा रहा है.

मां सिद्धिदात्री का स्वरूप: माता के नौवें नवरात्रि के दिन पूजन के बाद अणिमा, महिमा, लघिमा, प्राकाम्य, ईशित्व, गरिमा, प्राप्ति, वशित्व ये सभी सिद्धियां मिलती हैं. देवी पुराण के मुताबिक भगवान शिव को भी माता की कृपा से ही सिद्धियां मिली थीं. भगवान शिव पर माता की कृपा के बाद ही उनका आधा शरीर देवी का हुआ था. माता सिद्धिदात्री माता लक्ष्मी के समान के कमल पर विराजमान हैं. मां के हाथों में शंख, गदा, सुदर्शन, कमल सुशोभित है. इस स्वरूप में मां दुर्गा ने लाल जोड़ा धारण किया है.

माता का भोग: माता रानी का व्रत करने और विधि-विधान से पूजन करने के बाद घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है. नवरात्रि के नौवें दिन माता सिद्धिदात्री को हलवा-पुड़ी, काले-चने, नारियल की मिठाई, खीर मौसमी फल का भोग लगाया जाता है. माता की पूजा करते समय जामुनी, बैंगनी, लाल रंग का पहना शुभ माना जाता है. यह रंग प्रेम, शक्ति और अध्यात्म का प्रतीक होता है.

मां सिद्धिदात्री पूजन विधि: चैत्र नवरात्रि के अंतिम ब्रह्म मुहूर्त में उठकर अन्य दिन की तरह ही माता दुर्गा की पूजा अर्चना करें. साथ ही इस दिन सपरिवार हवन करने का विशेष महत्व माना गया है.आज माता के साथ-साथ सभी देवी देवताओं की पूजा भी की जाती है. इसके लिए आप लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछा लें और माता की तस्वीर या मूर्ति की स्थापना करें. इसके बाद गंगाजल से चौकी के चारों तरफ छिड़काव करें. फिर पूरे परिवार के साथ माता के जयकारे लगाएं और माता को रोली, कुमकुम, चंदन, पान-सुपारी आदि चीजें अर्पित करें.

कन्या पूजन: हवन में सभी देवी देवताओं के नाम की आहुति अवश्य दें. हवन के समय दुर्गा सप्तशती के सभी श्लोकों के साथ मां दुर्गा की आहुति भी दी जाती है, फिर माता की आरती उतारें. इसके बाद सभी कन्याओं को घर पर बुलाकर कन्या पूजन शुरू करें. कन्या पूजन और माता को भोग में सिद्धिदात्री को भोग में हलवा व चना का विशेष महत्व है.

नवरात्रि व्रत पारण: चैत्र नवरात्रि का व्रत पारण 6 अप्रैल 2025 यानी आज, रविवार को महानवमी तिथि के समापन के बाद किया जाएगा. नवमी तिथि रात 7.22 पर समाप्त होगी. कुछ लोग मान्यता अनुसार रात में नहीं बल्कि उदयातिथि में नवरात्रि व्रत का पारण करते हैं. ऐसे में वह लोग 7 अप्रैल 2025 को दशमी तिथि पर सुबह 6.04 मिनट पर व्रत खोल सकते हैं.

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Last Updated : April 6, 2025 at 8:12 AM IST
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