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नवरात्रि के पहले दिन ऐसे करें मां शैलपुत्री की पूजा, शक्ति और साहस की होगी प्राप्ति - CHAITRA NAVRATRI 2025

आज से चैत्र नवरात्रि शुरू हो गए हैं. पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी.

Chaitra Navratri 2025
चैत्र नवरात्रि 2025 (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : March 30, 2025 at 7:09 AM IST

Updated : March 30, 2025 at 9:39 AM IST

4 Min Read

शिमला: आज से मां भगवती के त्योहार की शुरुआत हो गई है. चैत्र नवरात्रि का पहला दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दिन मां शैलपुत्री की उपासना की जाती है. मां शैलपुत्री नवरात्रि की पहली देवी हैं और उन्हें पर्वतों की पुत्री कहा जाता है. मां शैलपुत्री का जन्म पर्वत राज हिमालय के घर में हुआ था. वह भगवान शिव की पत्नी पार्वती का ही एक रूप हैं. मां शैलपुत्री की उपासना से भक्तों को शक्ति और साहस प्राप्त होता है.

पहला दिन: शैलपुत्री

  • देवी का स्वरूप: शैलपुत्री देवी का स्वरूप पहाड़ों की पुत्री के रूप में होता है. नवरात्रि की शुरुआत देवी शैलपुत्री की पूजा से होती है. देवी को पर्वत की बेटी के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि संस्कृत में पुत्री का अर्थ है 'बेटी' और शैल का अर्थ है 'चट्टान' या पर्वत (शैल+पुत्री = शैलपुत्री). मां शैलपुत्री नंदी पर सवार होती हैं और उनके एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में कमल होता है. इस दिन भक्त देवी शैलपुत्री को शुद्ध देशी घी या उससे बने भोजन का भोग लगाते हैं, ताकि उन्हें स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद मिले. उसका पसंदीदा रंग सफेद है.
  • कपड़े: शैलपुत्री देवी की पूजा के लिए सफेद रंग के कपड़े पहन सकते हैं.
  • भोग: शैलपुत्री देवी को गुड़ और चने का भोग लगाया जाता है.

मां शैलपुत्री की पूजा विधि

शिमला के कामना देवी मंदिर के पुजारी नरेश कुमार ने बताया कि मां शैलपुत्री की पूजा करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:

  1. स्नान और पूजा: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और मां शैलपुत्री की पूजा करें.
  2. मंत्र जाप: मां शैलपुत्री के मंत्र "ॐ शैलपुत्र्यै नमः" का जाप करें.
  3. फूल और चुनरी: मां शैलपुत्री को लाल फूल और लाल चुनरी चढ़ाएं.
  4. भोग: मां शैलपुत्री को फल और मिठाई का भोग लगाएं.
Chaitra Navratri 2025
नवरात्रि के पहले दिन होती है मां शैलपुत्री की पूजा (ETV Bharat GFX)

मां शैलपुत्री की उपासना के उपाए

  • लाल फूल: मां शैलपुत्री को लाल फूल चढ़ाने से भक्तों को शक्ति और साहस प्राप्त होता है.
  • लाल चुनरी: मां शैलपुत्री को लाल चुनरी चढ़ाने से भक्तों को सुख और समृद्धि प्राप्त होती है.
  • मंत्र जाप: मां शैलपुत्री के मंत्र का जाप करने से भक्तों को मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है.
  • मां शैलपुत्री की उपासना करने से भक्तों को शक्ति, साहस, सुख, और समृद्धि प्राप्त होती है.

पूजा विधि

  1. पूजा की शुरुआत: पूजा की शुरुआत करने के लिए सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें और उन्हें अक्षत और फूल चढ़ाएं.
  2. मां शैलपुत्री की पूजा: इसके बाद मां शैलपुत्री की पूजा करें. उन्हें लाल फूल और लाल चुनरी चढ़ाएं.
  3. मंत्र जाप: मां शैलपुत्री के मंत्र "ॐ शैलपुत्र्यै नमः" का जाप करें.
  4. धूप और दीप: मां शैलपुत्री के सामने धूप और दीप जलाएं.
  5. आरती: मां शैलपुत्री की आरती करें और उनकी कृपा के लिए प्रार्थना करें.
  6. प्रसाद: मां शैलपुत्री को प्रसाद चढ़ाएं और उसे अपने परिवार के साथ बांटे.
  7. पूजा का समापन: पूजा का समापन करने के लिए मां शैलपुत्री को प्रणाम करें और उनकी कृपा के लिए धन्यवाद दें.

मां शैलपुत्री की आरती

जय शैलपुत्री मैया, जय शैलपुत्री मैया,
जय शैलपुत्री मैया, जय शैलपुत्री मैया.

तुम्हारी महिमा अपरम्पार,
तुम्हारी शक्ति अनंत है,
तुम्हारी कृपा से हमें शक्ति मिलती है,
तुम्हारी कृपा से हमें साहस मिलता है.

जय शैलपुत्री मैया, जय शैलपुत्री मैया,
जय शैलपुत्री मैया, जय शैलपुत्री मैया.

तुम्हारी पूजा से हमें पवित्रता मिलती है,
तुम्हारी पूजा से हमें शुद्धता मिलती है,
तुम्हारी कृपा से हमें जीवन की सच्चाई मिलती है,
तुम्हारी कृपा से हमें जीवन की गति मिलती है.

जय शैलपुत्री मैया, जय शैलपुत्री मैया,
जय शैलपुत्री मैया, जय शैलपुत्री मैया.

तुम्हारी महिमा को हमेशा याद रखेंगे,
तुम्हारी शक्ति को हमेशा सम्मान देंगे,
तुम्हारी कृपा से हमें जीवन की सफलता मिलेगी,
तुम्हारी कृपा से हमें जीवन की सुख-समृद्धि मिलेगी.

जय शैलपुत्री मैया, जय शैलपुत्री मैया,
जय शैलपुत्री मैया, जय शैलपुत्री मैया.

ये भी पढ़ें: नवरात्रि में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, जानें पूजा विधि, भूलकर भी न करें ये काम

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शिमला: आज से मां भगवती के त्योहार की शुरुआत हो गई है. चैत्र नवरात्रि का पहला दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दिन मां शैलपुत्री की उपासना की जाती है. मां शैलपुत्री नवरात्रि की पहली देवी हैं और उन्हें पर्वतों की पुत्री कहा जाता है. मां शैलपुत्री का जन्म पर्वत राज हिमालय के घर में हुआ था. वह भगवान शिव की पत्नी पार्वती का ही एक रूप हैं. मां शैलपुत्री की उपासना से भक्तों को शक्ति और साहस प्राप्त होता है.

पहला दिन: शैलपुत्री

  • देवी का स्वरूप: शैलपुत्री देवी का स्वरूप पहाड़ों की पुत्री के रूप में होता है. नवरात्रि की शुरुआत देवी शैलपुत्री की पूजा से होती है. देवी को पर्वत की बेटी के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि संस्कृत में पुत्री का अर्थ है 'बेटी' और शैल का अर्थ है 'चट्टान' या पर्वत (शैल+पुत्री = शैलपुत्री). मां शैलपुत्री नंदी पर सवार होती हैं और उनके एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में कमल होता है. इस दिन भक्त देवी शैलपुत्री को शुद्ध देशी घी या उससे बने भोजन का भोग लगाते हैं, ताकि उन्हें स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद मिले. उसका पसंदीदा रंग सफेद है.
  • कपड़े: शैलपुत्री देवी की पूजा के लिए सफेद रंग के कपड़े पहन सकते हैं.
  • भोग: शैलपुत्री देवी को गुड़ और चने का भोग लगाया जाता है.

मां शैलपुत्री की पूजा विधि

शिमला के कामना देवी मंदिर के पुजारी नरेश कुमार ने बताया कि मां शैलपुत्री की पूजा करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:

  1. स्नान और पूजा: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और मां शैलपुत्री की पूजा करें.
  2. मंत्र जाप: मां शैलपुत्री के मंत्र "ॐ शैलपुत्र्यै नमः" का जाप करें.
  3. फूल और चुनरी: मां शैलपुत्री को लाल फूल और लाल चुनरी चढ़ाएं.
  4. भोग: मां शैलपुत्री को फल और मिठाई का भोग लगाएं.
Chaitra Navratri 2025
नवरात्रि के पहले दिन होती है मां शैलपुत्री की पूजा (ETV Bharat GFX)

मां शैलपुत्री की उपासना के उपाए

  • लाल फूल: मां शैलपुत्री को लाल फूल चढ़ाने से भक्तों को शक्ति और साहस प्राप्त होता है.
  • लाल चुनरी: मां शैलपुत्री को लाल चुनरी चढ़ाने से भक्तों को सुख और समृद्धि प्राप्त होती है.
  • मंत्र जाप: मां शैलपुत्री के मंत्र का जाप करने से भक्तों को मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है.
  • मां शैलपुत्री की उपासना करने से भक्तों को शक्ति, साहस, सुख, और समृद्धि प्राप्त होती है.

पूजा विधि

  1. पूजा की शुरुआत: पूजा की शुरुआत करने के लिए सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें और उन्हें अक्षत और फूल चढ़ाएं.
  2. मां शैलपुत्री की पूजा: इसके बाद मां शैलपुत्री की पूजा करें. उन्हें लाल फूल और लाल चुनरी चढ़ाएं.
  3. मंत्र जाप: मां शैलपुत्री के मंत्र "ॐ शैलपुत्र्यै नमः" का जाप करें.
  4. धूप और दीप: मां शैलपुत्री के सामने धूप और दीप जलाएं.
  5. आरती: मां शैलपुत्री की आरती करें और उनकी कृपा के लिए प्रार्थना करें.
  6. प्रसाद: मां शैलपुत्री को प्रसाद चढ़ाएं और उसे अपने परिवार के साथ बांटे.
  7. पूजा का समापन: पूजा का समापन करने के लिए मां शैलपुत्री को प्रणाम करें और उनकी कृपा के लिए धन्यवाद दें.

मां शैलपुत्री की आरती

जय शैलपुत्री मैया, जय शैलपुत्री मैया,
जय शैलपुत्री मैया, जय शैलपुत्री मैया.

तुम्हारी महिमा अपरम्पार,
तुम्हारी शक्ति अनंत है,
तुम्हारी कृपा से हमें शक्ति मिलती है,
तुम्हारी कृपा से हमें साहस मिलता है.

जय शैलपुत्री मैया, जय शैलपुत्री मैया,
जय शैलपुत्री मैया, जय शैलपुत्री मैया.

तुम्हारी पूजा से हमें पवित्रता मिलती है,
तुम्हारी पूजा से हमें शुद्धता मिलती है,
तुम्हारी कृपा से हमें जीवन की सच्चाई मिलती है,
तुम्हारी कृपा से हमें जीवन की गति मिलती है.

जय शैलपुत्री मैया, जय शैलपुत्री मैया,
जय शैलपुत्री मैया, जय शैलपुत्री मैया.

तुम्हारी महिमा को हमेशा याद रखेंगे,
तुम्हारी शक्ति को हमेशा सम्मान देंगे,
तुम्हारी कृपा से हमें जीवन की सफलता मिलेगी,
तुम्हारी कृपा से हमें जीवन की सुख-समृद्धि मिलेगी.

जय शैलपुत्री मैया, जय शैलपुत्री मैया,
जय शैलपुत्री मैया, जय शैलपुत्री मैया.

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Last Updated : March 30, 2025 at 9:39 AM IST
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