मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना के साथ श्रद्धालुओं का जनसैलाब मां महामाया मंदिर, चनवारीडांड में उमड़ पड़ा. मंदिर प्रांगण में भक्तों की लंबी कतारें सुबह से ही देखी गईं.
भक्तगण श्रद्धा और भक्ति भाव से मां महामाया के दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं. यहां मनोकामना ज्योति कलश भी प्रज्ज्वलित किए गए हैं. मान्यता है कि मां महामाया के दर पर सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है.
विदेशों से भी पहुंचते हैं श्रद्धालु: मां महामाया का यह मंदिर केवल क्षेत्र ही नहीं बल्कि प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में भी प्रसिद्ध है. नवरात्रि के दौरान यहां लाखों श्रद्धालु आते हैं. यहां विशेष भोग और भंडारे का आयोजन होता है. मंदिर में श्रद्धालु दीप प्रज्ज्वलित कर मां से अपनी मनोकामनाएं पूरी करने की प्रार्थना करते हैं. इस दौरान पूरे मंदिर परिसर में धार्मिक उत्साह चरम पर रहता है.
श्रद्धालु वंदना जायसवाल कहती हैं, "मैं हर साल मां महामाया के दरबार में आती हूं. यहां पर जो भी मनोकामना मांगते हैं, वह पूरी होती है. विशेष रूप से रामनवमी के दिन यहां भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ता है."
श्रद्धालु प्रदीप प्रधान कहते हैं, "हिन्दू नववर्ष के इस पावन अवसर पर माता रानी से हम सबके सुख समृद्धि की प्रार्थना करते हैं. मनोकामना कलश जलाने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है, जिसमें हजारों श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं."
रामनवमी का विशेष महत्व: रामनवमी के दिन मां महामाया मंदिर में विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं. इस अवसर पर मंदिर प्रबंधन द्वारा भव्य आरती और भंडारे का आयोजन किया जाता है. श्रद्धालु बड़ी संख्या में मंदिर में माता के दर्शन के लिए आते हैं और रामनवमी के दिन पूरे मंदिर परिसर में विशेष पूजा अर्चना होती है. रामनवमी के दिन मां महामाया मंदिर में भक्तों का तांता देर रात तक लगा रहता है.
मंदिर समिति का प्रबंधन: मंदिर समिति के अध्यक्ष आरबी श्रीवास्तव ने बताया, "मां महामाया की अपार शक्ति को यहां हर भक्त महसूस कर सकता है. नवरात्रि और रामनवमी के दौरान माता के प्रति आस्था और भक्ति देखते ही बनती है. यहां आने वाले हर भक्त की मनोकामना पूरी होती है और मां के आशीर्वाद से उनका जीवन सुख-समृद्धि से भर जाता है."
भक्ति और आस्था का संगम: चैत्र नवरात्रि और रामनवमी के अवसर पर मां महामाया मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है. हर साल यहां हजारों श्रद्धालु माता रानी के दर्शन के लिए आते हैं और भक्ति के इस माहौल में शामिल होकर खुद को धन्य मानते हैं.