पटना: लोक आस्था का महापर्व चैती छठ संपन्न हो गया. चार दिवसीय छठ के मौके पर शुक्रवार को व्रतियों ने चौथे दिन उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ दिया. तीसरे दिन गुरुवार की शाम छठ व्रतियों ने अस्तालगामी भगवान भास्कर(डूबते सूर्य) को पहला अर्घ अर्पित किया था. राजधानी पटना में छठ व्रतियों ने हजारों की संख्या में गंगा घाट पर भगवान भास्कर की पूजा की.
गंगा घाट पर अर्घ: चैती छठ को लेकर राजधानी पटना में गंगा में कुल 41 घाटों का निर्माण करवाया गया है. इन घाटों पर हजारों की छठ व्रतियों ने अस्तलागामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ अर्पित किया. इस दौरान घाटों पर छठी मईया का गीत बजता रहा.
छठी मैया पर आस्था: पटना की रहने वाली बिजुली देवी का कहना है कि कार्तिक महीना में होने वाला छठ व्रत वह वर्षों से करती रही हैं. पहली बार चैती छठ कर रही है. छठी मैया सभी व्रतियों की मनोकामना पूरा करती हैं. उन्होंने भी छठी मैया से प्रार्थना की है कि उनके बेटे की शादी हो जाए.
बेटे की शादी होने के बाद चैती छठ हमेशा के लिए करेंगे. इसबार पहली बार है. कार्तिक छठ भी वर्षों से करती आ रही हूं.- बिजली देवी, व्रती
25 वर्षों से कर रही उपासना: पटना की रहने वाली सविता देवी पिछले 25 वर्षों से कार्तिक और चैती छठ दोनों करती है. सविता देवी का कहना है कि जो भी सच्चे मन से छठी मैया एवं भगवान भास्कर से मांगती हैं वह जरूर पूरा होता है.
मनोकामना पूरी करती हैं मईया: पटना की रहने वाली श्रीदेवी का कहना है कि बिहार में छठ पर्व का अलग महत्व है. पूरे निष्ठा के साथ भगवान भास्कर एवं छठी मैया की पूजा की जाती है. छठी मैया से लोग जो भी मनोकामना करती हैं मा उसको पूरा करती हैं.
आस्था और परंपरा के संगम के पर्व चैती छठ पूजा के चतुर्थ अनुष्ठान उषा अर्घ्य की प्रदेशवासियों एवं व्रतधारियों को हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाई।
— BJP Bihar (@BJP4Bihar) April 4, 2025
जय छठी मईया! pic.twitter.com/MLloh8e7FA
सुरक्षा के व्यापक इंतजाम: चैती छठ को लेकर पटना जिला प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए. पटना जिला प्रशासन की ओर से सभी गंगा घाटों पर चाक-चौबंद व्यवस्था की गई थी. गंगा घाटों के अलावा पटना के कच्ची तालाब और चिड़ियाघर समेत कुल सात जगहों पर तालाब में अर्घ्य देने के लिए इंतजाम किया गया.
छठ पूजा क्या है?: इस महापर्व में सूर्यदेव की बहन की आराधना की जाती है. छठी मईया की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी हो जाती है. इससे घर-परिवार में सुख शांति और समृद्धि आती है. हिन्दुओं के लिए यह आस्था का महापर्व कहलाता है. पूरे 4 घंटे का निर्जला उपवास करने के बाद छठ व्रती अर्घ्य देती हैं.

मईया को पसंद है ठेकुआ: बता दें कि छठ पूजा में ठेकुआ का भोग लगाया जाता है. इसके बिना पूजा अधूरा माना जाता है. कार्तिक छठ हो या चैती छठ सभी में ठेकुआ का प्रसाद चढ़ाया जाता है.
ठेकुआ की रेसिपी: ठेकुआ बनाने की विधी काफी आसान है. यह गेहूं का आटा, घुड़ और घी का प्रयोग किया जाता है. इसमें तलने के लिए घी या फिर रिफायइन का प्रयोग किया जाता है. गेहूं का आटा, घुड़ को एक साथ मिलाक गूंदा जाता है. इसके बाद इसे आकार देकर तेल में तला जाता है. यह आटा के अलावा मैदा का भी बनता है.
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