रायपुर: छत्तीसगढ़ में रेल नेटवर्क का विस्तार तेजी से होने जा रहा है. हाल ही में मोदी सरकार ने खरसिया नया रायपुर परमालकसा रेल परियोजना को मंजूरी दी है. इस परियोजना की खासियत को बताने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था. इसमें केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ विष्णुदेव साय और रेलवे के आला अधिकारी जुड़े. सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, सांसद संतोष पांडे, सांसद कमलेश जांगड़े और राधेश्याम राठिया भी इस आयोजन में शामिल हुए.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी अहम जानकारी: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि खरसिया नया रायपुर परमालकसा प्रोजेक्ट 5वीं और 6वीं रेल परियोजना होगी. इसकी लागत 8 हजार 741 करोड़ रूपए है. इसके रूट की लम्बाई 278 किमी और ट्रैक की लम्बाई 615 किमी है. इससे 21 स्टेशन जुड़ेंगे. इस परियोजना में 48 बड़े पुल, 349 छोटे पुल, 14 आरओबी, 184 आरयूबी और 5 रेल फ्लाईओवर बनेंगे. इस नये रूट में 21 से 38 मिलियन टन कार्गो, 8 मेल और एक्सप्रेस और सेमी हाई-स्पीड ट्रेनें चलाई जाएंगी. इससे रायगढ़, जांजगीर-चांपा, सक्ती, बिलासपुर, बलौदा बाजार, रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव जिलों को सीधा लाभ होगा.
परियोजना छत्तीसगढ़ के लिए बहुत खास है, क्योंकि यह लाइन कोलकाता और मुंबई को सीधे जोड़ती है. बारह महीने इस लाइन में यात्रियों की भीड़ बनी रहती है, इस रेल प्रोजेक्ट से अतिरिक्त यात्री क्षमता बढ़ेगी. वहीं मालगाड़ियां बिलासपुर और रायपुर को बायपास कर सकेंगी. ट्रैफिक के डायवर्सन से यात्री गाड़ियों का संचालन अधिक आसान और निर्बाध होगा.- अश्विनी वैष्णव, रेल मंत्री
रेल मंत्री जी ने छत्तीसगढ़ के विकास के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. खरसिया नया रायपुर-परमालकसा रेल परियोजना जैसी महत्त्वपूर्ण सौगात से छत्तीसगढ़ प्रदेश के विकास को एक नई गति मिलेगी. यह रेल परियोजना जांजगीर-चांपा, सक्ती, बलौदा बाजार, रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव जैसे प्रमुख जिलों को जोड़ेगी. इससे इन जिलों के नए अवसर मिलेंगे. लोगों को रोजगार मिलेगा. - विष्णुदेव साय, सीएम, छत्तीसगढ़
21 से 38 मिलियन टन माल परिवहन और 8 मेल एक्सप्रेस सेमी हाई-स्पीड ट्रेनें इस मार्ग से चलेंगी. हर साल 113 करोड़ किलोग्राम CO2 उत्सर्जन में कमी होगी, जो कि लगभग 4.5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है. 22 करोड़ लीटर डीजल की बचत सालाना होगी, जिससे पर्यावरण और ईंधन दोनों को लाभ होगा. इस रेल परियोजना से हर साल 2,520 करोड़ रुपए की लॉजिस्टिक लागत की बचत होगी, जो सड़क परिवहन की तुलना में अधिक किफायती है- अवधेश कुमार त्रिवेदी, सीनियर डीसीएम, रायपुर रेल मंडल
खरसिया नया रायपुर परमालकसा रेल रूट के बारे में जानिए: यह क्षेत्र लाइमस्टोन (चूना पत्थर) से भरा प्रदेश है. रेल संपर्क बेहतर होने से यहां सीमेंट उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा. खरसिया से नया रायपुर तक सीधी रेल लाइन से राजधानी का संपर्क मुंबई और कोलकाता जैसे महानगरों से और बेहतर होगा. परियोजना से माल परिवहन तेज होगा, जिससे उद्योगों की लॉजिस्टिक लागत में कमी आएगी. इससे कृषि उत्पादों, खनिजों और निर्माण सामग्री के ट्रांसपोर्ट को भी बढ़ावा मिलेगा.