रायपुर: छत्तीसगढ़ के दिव्यांगजन अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर रायपुर के मरीन ड्राइव में कर रहे हैं प्रदर्शन. दिव्यांगजनों का कहना है कि उनकी मांगें पूरी नहीं होने पर वे भीख मांगकर राजकोष में पैसा जमा करेंगे. 26 मार्च से इनकी रैली रायपुर में चल रही है. भारी गर्मी के बीच ये सभी दिव्यांगजन अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं. छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है. तब तक अपना प्रदर्शन खत्म नहीं करेंगे.
"दिव्यांगजनों की नहीं ले रहा कोई सुध": छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष बोहित राम चंद्राकर का कहना है कि हमने कई बार 6 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को अवगत कराया है. इसके बावजूद हमारी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है. हम 3 साल से सड़कों पर अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं. अब तक हमारी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. मरीन ड्राइव से कई बार पैदल मार्च निकालकर मुख्यमंत्री निवास जाने की कोशिश भी की गई लेकिन पुलिस प्रशासन के द्वारा उन्हें रोक दिया गया.
पिछले तीन दिनों से खुले आसमान के नीचे दिन और रात बैठे हुए हैं. यहां पर कई तरह की समस्याओं का सामना दिव्यांग भाई और बहन को करना पड़ रहा है. बावजूद इसके आज तक शासन प्रशासन का कोई भी अधिकारी दिव्यांगजनों की सुध लेने नहीं पहुंचा है- बोहित राम चंद्राकर, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा
हम लोग भीख मांगकर अपना प्रदर्शन कर रहे हैं. भीख में जो पैसा मिलेगा उसे राजकोष में जमा करेंगे. दिव्यांगजनों को महज महीने में 500 रुपए पेंशन दिया जा रहा है जो नाकाफी है. सरकार पढ़े लिखे और जॉब करने वाले की पत्नियों को महतारी वंदन योजना के तहत हर महीने 1000 रुपए दे रही है. मैं महुआ बीनकर परिवार का पालन करती हूं-सविता मरावी, दिव्यांगजन, जशपुर
"जिंदगी परेशानी से भरी है": बालोद की रहने वाली दिव्यांगजन सविता ठाकुर ने बताया कि "यहां पर कौन-कौन सी परेशानी है जिसको बताया जाए. हर तरह की परेशानियों का सामना हमें करना पड़ रहा है. सबसे पहली बात तो यह है कि हम खुले आसमान के नीचे दिन और रात गुजार रहे हैं. ना खाने की व्यवस्था है ना सोने की व्यवस्था है ना पीने के लिए पानी की कोई व्यवस्था है. इसके साथ ही पिछले तीन दिनों के दौरान शासन प्रशासन का कोई भी अधिकारी या प्रदेश का मंत्री भी यहां नहीं पहुंचा है.
दिव्यांगजनों की मांगें: इस प्रदर्शन के दौरान दिव्यांगजनों ने जो मांगें की है. वह इस प्रकार है.
- फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने वाले दिव्यांगों की जांच हो. ऐसे लोगों का राज्य मेडिकल बोर्ड से दिव्यांगता का भौतिक परीक्षण कराया जाए. फर्जी दिव्यांग शासकीय कर्मियों को बर्खास्त किया जाए
- दिव्यांग जनों को हर महीने 5 हजार रुपए मासिक पेंशन दिया जाए. बीपीएल की बाध्यता को खत्म की जाए
- 18 वर्ष से अधिक के अविवाहित दिव्यांग युवती और महिला को महतारी वंदन योजना का फायदा दिया जाए.
- दिव्यांगजन के लिए विशेष भर्ती अभियान चलाया जाए. ऐसे पदों पर जल्द से जल्द वैकेंसी निकाली जाए.
- शासकीय दिव्यांग कर्मियों को पदोन्नति में चार प्रतिशत रिजर्वेशन मिले.
- बेरोजगार दिव्यांगों को बिना गारंटर लोन दिलाया जाए. कोरोना के पहले दिए गए सभी लोन माफ किए जाए.