शिमला: हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नई दिल्ली में केंद्रीय विद्युत मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात कर प्रदेश के हितों से जुड़े कई अहम मुद्दे उठाए. उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (सीपीएसयू) की ओर से संचालित जलविद्युत परियोजनाओं में राज्य की मुफ्त बिजली हिस्सेदारी बढ़ाने का आग्रह किया, खासकर उन परियोजनाओं में जहां लागत पहले ही वसूल की जा चुकी है.
सीएम सुक्खू ने इस बात जोर दिया कि हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है, लेकिन इसके अधिकारों की भी रक्षा की जानी चाहिए. हालांकि सार्वजनिक क्षेत्र और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का जल विद्युत उत्पादन के माध्यम से काफी विस्तार हो चुका है, लेकिन हिमाचल प्रदेश को इसका जायज हक नहीं मिला है.
हिमाचल को बिजली परियोजनाएं सौंपने पर जताया आभार
मुख्यमंत्री ने बैरा-स्यूल परियोजना को हिमाचल को सौंपने की लंबे समय से लंबित मांग पर भी चर्चा की, जिसका निर्माण 1980-81 में किया गया था. उन्होंने भाखड़ा ब्यास प्रबन्धन बोर्ड (बीबीएमबी) से बकाया राशि जारी करने का भी अनुरोध किया. साथ ही उन्होंने बीबीएमबी में हिमाचल प्रदेश से एक स्थायी सदस्य नियुक्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया. सीएम सुक्खू ने सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) की लुहरी, सुन्नी और धौलसिद्ध परियोजनाओं के साथ-साथ एनएचपीसी की डुग्गर परियोजना को राज्य को सौंपने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी देने के लिए केंद्रीय मंत्री का आभार प्रकट किया. उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं का लागत मूल्यांकन वर्तमान में किया जा रहा है. उन्होंने जाठिया देवी टाउनशिप के विकास के लिए केन्द्रीय निधि की भी मांग की और शहरी विकास विभाग के अन्तर्गत चल रही विभिन्न परियोजनाओं पर विचार-विमर्श किया. वहीं केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री को केन्द्र से हर सम्भव सहायता का आश्वासन दिया.