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खुशखबरी! बिहार के इन सात शहरों से उड़ सकेंगे छोटे विमान, केंद्र सरकार ने 190 करोड़ की दी स्वीकृति - FLIGHT OPERATION IN BIHAR

बिहार के सात शहरों से अब आप भी कर सकेंगे की हावाई यात्रा, केंद्र सरकार ने हवाई अड्डों के विकास के लिए 190 करोड़ दिए.

FLIGHT OPERATION IN BIHAR
बिहार में छोटे विमान का परिचालन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : April 5, 2025 at 10:59 AM IST

3 Min Read

पटना: बिहार के पूर्णिया, वाल्मीकिनगर, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, मुंगेर समेत 7 शहरों तक हवाई मार्ग से पहुंचना अब आसान होगा. उड़ान योजना के तहत केंद्र सरकार ने बिहार के बीरपुर, सहरसा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, वाल्मीकिनगर, मधुबनी और पूर्णिया जैसे शहरों में हवाई अड्डों को विकसित करने के लिए 190 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं. नई दिल्ली के राजीव गांधी भवन में नागरिक उड्डयन सचिव की अध्यक्षता में नागरिक उड्डन मंत्रालय की 15वीं परियोजना मूल्यांकन समिति (पीईसी) की बैठक में यह निर्णय लिया गया.

जानें कितने सीट वाले विमान का होगा संचालन: बिहार सरकार के अनुरोध पर राज्य में 20 सीट तक वाले छोटे विमानों की उड़ानों के संचालन के लिए 7 हवाई अड्डों का चयन किया गया है. केंद्र सरकार की उड़ान योजना के तहत इसका विकास होगा. इन हवाई अड्डों का विकास भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के स्तर से किया जाएगा. इसके लिए राज्य सरकार भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के साथ एमओयू करेगी. केंद्र सरकार की ओर से बीरपुर, सहरसा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, वाल्मीकिनगर और मधुबनी के हवाई अड्डों के विकास के लिए 25-25 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है. जबकि पूर्णिया एयरपोर्ट के लिए 40 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं.

सीएम नीतीश कुमार ने की थी पहल: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नगर विमानन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 4 सितंबर 2024 को मुख्य सचिव और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के साथ बैठक की थी. फिर 13 मार्च 2025 को मुख्यमंत्री ने पटना हवाई अड्डे के नए टर्मिनल एवं बिहटा सिविल इन्कलेव का निरीक्षण किया था. मुख्यमंत्री ने हवाई अड्डों के विकास में राज्य सरकार का पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया था.

क्या है उड़ान योजना की पहल?: उड़ान योजना का उदेश्य छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों को हवाई मार्ग से जोड़ना है. इससे हवाई यात्रा सुलभ और किफायती हो सके. इसके अंतर्गत हवाई अड्डों के विकास से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा. रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे. बेहतर हवाई संपर्क से पर्यटन स्थलों की पहुंच में सुधार होता है, जिससे राज्य के पर्यटन उद्योग को लाभ होता है. हवाई यात्रा से यात्रियों के समय में बचत होगी. इससे व्यापार भी सुविधाजनक होगा. दूरस्थ और पिछड़े क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़कर सामाजिक समावेश को बढ़ावा दिया जाता है.

बिहार में अभी इन तीन एयरपोर्ट: बिहार में अभी पटना, गया और दरभंगा से ही विमान उड़ान भर रहे हैं. बिहटा में नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा का निर्माण हो रहा है, पूर्णिया में बन रहे हवाई अड्डे से अगले 3 महीने में उड़ान शुरू हो जाएगा. आने वाले समय में 6 अन्य शहरों से भी छोटे विमान का संचालन संभव हो पाएगा.

आपदा के समय भी मिलेगी मदद: उड़ान योजना से राज्य सरकार के स्वामित्व वाले हवाई अड्डों के विकास से राज्य में नागरिक विमानन संरचना में बढ़ोतरी होगी. राज्य में बाढ़ समेत अन्य आपदा की स्थिति में बड़ी संख्या में हवाई अड्डों के माध्यम से आपदा राहत के कार्य किए जा सकेंगे.

पढ़ें-हवाई यात्रा होगी सस्ती! राज्यसभा से पास हुआ विमान लीजिंग लागत घटाने वाला बिल

पटना: बिहार के पूर्णिया, वाल्मीकिनगर, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, मुंगेर समेत 7 शहरों तक हवाई मार्ग से पहुंचना अब आसान होगा. उड़ान योजना के तहत केंद्र सरकार ने बिहार के बीरपुर, सहरसा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, वाल्मीकिनगर, मधुबनी और पूर्णिया जैसे शहरों में हवाई अड्डों को विकसित करने के लिए 190 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं. नई दिल्ली के राजीव गांधी भवन में नागरिक उड्डयन सचिव की अध्यक्षता में नागरिक उड्डन मंत्रालय की 15वीं परियोजना मूल्यांकन समिति (पीईसी) की बैठक में यह निर्णय लिया गया.

जानें कितने सीट वाले विमान का होगा संचालन: बिहार सरकार के अनुरोध पर राज्य में 20 सीट तक वाले छोटे विमानों की उड़ानों के संचालन के लिए 7 हवाई अड्डों का चयन किया गया है. केंद्र सरकार की उड़ान योजना के तहत इसका विकास होगा. इन हवाई अड्डों का विकास भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के स्तर से किया जाएगा. इसके लिए राज्य सरकार भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के साथ एमओयू करेगी. केंद्र सरकार की ओर से बीरपुर, सहरसा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, वाल्मीकिनगर और मधुबनी के हवाई अड्डों के विकास के लिए 25-25 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है. जबकि पूर्णिया एयरपोर्ट के लिए 40 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं.

सीएम नीतीश कुमार ने की थी पहल: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नगर विमानन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 4 सितंबर 2024 को मुख्य सचिव और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के साथ बैठक की थी. फिर 13 मार्च 2025 को मुख्यमंत्री ने पटना हवाई अड्डे के नए टर्मिनल एवं बिहटा सिविल इन्कलेव का निरीक्षण किया था. मुख्यमंत्री ने हवाई अड्डों के विकास में राज्य सरकार का पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया था.

क्या है उड़ान योजना की पहल?: उड़ान योजना का उदेश्य छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों को हवाई मार्ग से जोड़ना है. इससे हवाई यात्रा सुलभ और किफायती हो सके. इसके अंतर्गत हवाई अड्डों के विकास से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा. रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे. बेहतर हवाई संपर्क से पर्यटन स्थलों की पहुंच में सुधार होता है, जिससे राज्य के पर्यटन उद्योग को लाभ होता है. हवाई यात्रा से यात्रियों के समय में बचत होगी. इससे व्यापार भी सुविधाजनक होगा. दूरस्थ और पिछड़े क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़कर सामाजिक समावेश को बढ़ावा दिया जाता है.

बिहार में अभी इन तीन एयरपोर्ट: बिहार में अभी पटना, गया और दरभंगा से ही विमान उड़ान भर रहे हैं. बिहटा में नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा का निर्माण हो रहा है, पूर्णिया में बन रहे हवाई अड्डे से अगले 3 महीने में उड़ान शुरू हो जाएगा. आने वाले समय में 6 अन्य शहरों से भी छोटे विमान का संचालन संभव हो पाएगा.

आपदा के समय भी मिलेगी मदद: उड़ान योजना से राज्य सरकार के स्वामित्व वाले हवाई अड्डों के विकास से राज्य में नागरिक विमानन संरचना में बढ़ोतरी होगी. राज्य में बाढ़ समेत अन्य आपदा की स्थिति में बड़ी संख्या में हवाई अड्डों के माध्यम से आपदा राहत के कार्य किए जा सकेंगे.

पढ़ें-हवाई यात्रा होगी सस्ती! राज्यसभा से पास हुआ विमान लीजिंग लागत घटाने वाला बिल

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