जशपुर: छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल जशपुर में सरहुल पर्व धूमधाम से मनाया गया. शहर के दीपू बागीचा में आदिवासी समाज के लोग जुटे और देश प्रदेश के खुशहाली की कामना की गई है. इस अवसर पर भगवान महादेव और माता पार्वती की पूजा अर्चना की गई. सरहुल पूजा पर एक शोभा यात्रा भी निकाली गई. इस शोभा यात्रा में भारी संख्या में वनवासी समाज के लोग जुटे. इस कार्यक्रम में शामिल होने केंद्रीय मंत्री जुएल उरांव पहुंचे.
कहां कहां से गुजरी शोभा यात्रा ?: यह शोभा यात्रा दोपहर ढाई बजे शुरू हुई. पारंपरिक वेशभूषा में सजे ग्रामीण,ढोल और नगाड़े के साथ वनवासी कल्याण आश्रम से दीपू बगीचा के लिए रवाना हुए. शोभायात्रा जिला अस्पताल,महाराजा चौक,बिरसामुंडा चौक होते हुए दीपू बगीचा पहुंची. उसके बाद यह आयोजन एक धार्मिक सभा में बदल गई. दीपू बगीचा में आयोजित धार्मिक सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल उरांव ने मिशनरी संस्थाओं पर जमकर निशाना साधा.
शिक्षा और चिकित्सा देकर संस्थाएं आदिवासियों से उनकी पहचान और परम्रपरा छी रही है. इसे हम सबको एकजुट होकर बचाना होगा. आज देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद राष्ट्रपति की कुर्सी पर एक आदिवासी महिला बैठी हुई है. यह हम सबके लिए गौरव की बात है-जुएल उरांव, केंद्रीय मंत्री
जंगल को बचाने की अपील आर लोगों से करता हूं. जंगल आदिवासी और जशपुर की पहचान है. मतांतरण के विरूद्व हम सबको एकजुट होना होगा-रणविजय सिंह जूदेव, पूर्व सांसद
सरहुल पर्व हम सबको एकजुट रहने का संदेश देता है. यह त्यौहार हमारे पूर्वजों द्वारा रखी गई संस्कृति और परम्परा के प्रति समर्पित रहने का संकल्प लेने का अवसर देता है- गणेश राम भगत, पूर्व मंत्री
सरहुल पूजा आदिवासियों की परंपरा: जशपुर की विधायक रायमुनि भगतन ने कहा कि सरहुल पूजा आदिवासी समाज की परम्परा और संस्कृति का प्रतीक है. इस कार्यक्रम में भारी संख्या में आदिवासी समाज के लोग शामिल हुए.
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