ETV Bharat / state

मसूरी के आसपास भू-धंसाव का खतरा! ऊंची इमारतें बनी मुसीबत, CBRI के साइंटिस्ट बनाएंगे रिस्क मैप - CBRI SCIENTISTS INSPECTION

साल 2023 से मसूरी के आसपास के इलाकों में भू-धंसाव का खतरा बना हुआ है, जिस कारण इस इलाके का सर्वे किया गया.

ETV Bharat
CBRI के साइंटिस्ट निरीक्षण करते हुए. (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : April 4, 2025 at 1:29 PM IST

Updated : April 4, 2025 at 3:46 PM IST

3 Min Read

मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी में भू-धंसाव और आपदा के खतरे को देखते हुए सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च (CBRI)ने वैज्ञानिकों ने लंढौर बाजार का निरीक्षण किया. CBRI के अलावा एनडीएमए (राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) की ओर से मसूरी नगर के सभी भवनों का वैज्ञानिक तरीके से सर्वे किया जा रहा है.

शुक्रवार चार अप्रैल को मसूरी में सीबीआरआई रुड़की के चार वैज्ञानिक और 18 इंजीनियरों की टीम पहुंची. इसी टीम ने मसूरी के लंढौर बाजार और आसपास इलाके में जमीन का स्थलीय निरीक्षण और भवनों का सर्वेक्षण कर उनकी ग्रेडिंग देखी. इसी आधार पर CBRI द्वारा एक रिस्क मैप तैयार किया जाएगा. इसका इस्तेमाल भविष्य में किसी प्रकार की मानव निर्मित या आपदा होने पर राहत एवं बचाव कार्य के लिए किया जाएगा.

मसूरी में CBRI के साइंटिस्ट बनाएंगे रिस्क मैप (ETV Bharat)

सीबीआरआई (केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान)के वैज्ञानिक आशीष कपूर ने बताया कि मुख्य साइंटिस्ट डॉक्टर अजय चौरसिया, साइंटिस्ट डॉ एमएम दालबेरा, साइंटिस्ट डॉ चंचल सोनकर के दिशा निर्देशों पर नगर के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग टीम बनाकर घर-घर जाकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से क्षेत्रों और बिल्डिगों का सर्वे कर रहे हैं. इसके बाद आपदा से निपटने के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी.

ETV Bharat
मसूरी के आसपास भू-धंसाव का खतरा बना हुआ है. (ETV Bharat)

मसूरी में भवनों को बनाने के लिए नेशनल बिल्डिंग कोड एनबीसी के आधार पर लोगों को जागरूक किया जाएगा. उन्होंने बताया कि पहाड़ों में भूकंप, भूस्खलन और बाढ़ जैसी आपदाओं से निपटने के लिए यह सर्वे किया जा रहा है. आपदा होने पर किसी प्रकार से रिलीफ कैंप बनाना रेस्क्यू आदि को लेकर एक मॉडल तैयार किया जाएगा, ताकि आपदा होने पर तुरंत राहत एवं बचाव कार्य शुरू हो सके. साथ ही आपदा जैसी घटनाओं से भवनों को कम से कम नुकसान हो.

ETV Bharat
वैज्ञानिकों ने भवनों का भी सर्वें किया. (ETV Bharat)

उन्होने बताया कि सर्वे का कार्य 8 अप्रैल तक जारी रहेगा. निरीक्षण के दौरान देखा गया है कि मसूरी में नियम के विरुद्ध कई ऊंची इमारतें बना दी गई हैं, जो गलत है. सर्वेक्षण में इस सभी बिंन्दु को भी दर्शाया जायेगा. आपदा को लेकर एनडीएमए (राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) देशभर के विभिन्न क्षेत्रों का निरीक्षण किया जा रहा है.

Mussoorie
CBRI की टीम लण्ढौर बाजार में निरीक्षण करने पहुंची. (ETV Bharat)

उत्तराखंड में कर्णप्रयाग और नैनीताल का पूर्व में निरीक्षण कर दिया गया है. मसूरी के बाद हिमाचल के साथ अन्य राज्य का भी निरीक्षण किया जायेगा. अधिशासी अधिकारी तनवीर मारवाह ने कहा कि सीबीआरआई रुड़की के चार वैज्ञानिक और 18 इंजीनियर के साथ स्थानीय लोक निर्माण विभाग नगर पालिका और मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण की टीम के द्वारा मसूरी के विभिन्न क्षेत्रों का निरीक्षण किया जा रहा है. यह टीम 5 दिनों तक घर-घर जाकर भवनों का सर्वेक्षण करेगी और अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपेगी. बता दें कि 2023 में भी मसूरी के लंढौर बाजार में भू-धंसाव का मामला सामने आया है. तब कई देश की कई संस्थानों ने इलाके का निरीक्षण किया और अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी थी.

पढ़ें---

मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी में भू-धंसाव और आपदा के खतरे को देखते हुए सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च (CBRI)ने वैज्ञानिकों ने लंढौर बाजार का निरीक्षण किया. CBRI के अलावा एनडीएमए (राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) की ओर से मसूरी नगर के सभी भवनों का वैज्ञानिक तरीके से सर्वे किया जा रहा है.

शुक्रवार चार अप्रैल को मसूरी में सीबीआरआई रुड़की के चार वैज्ञानिक और 18 इंजीनियरों की टीम पहुंची. इसी टीम ने मसूरी के लंढौर बाजार और आसपास इलाके में जमीन का स्थलीय निरीक्षण और भवनों का सर्वेक्षण कर उनकी ग्रेडिंग देखी. इसी आधार पर CBRI द्वारा एक रिस्क मैप तैयार किया जाएगा. इसका इस्तेमाल भविष्य में किसी प्रकार की मानव निर्मित या आपदा होने पर राहत एवं बचाव कार्य के लिए किया जाएगा.

मसूरी में CBRI के साइंटिस्ट बनाएंगे रिस्क मैप (ETV Bharat)

सीबीआरआई (केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान)के वैज्ञानिक आशीष कपूर ने बताया कि मुख्य साइंटिस्ट डॉक्टर अजय चौरसिया, साइंटिस्ट डॉ एमएम दालबेरा, साइंटिस्ट डॉ चंचल सोनकर के दिशा निर्देशों पर नगर के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग टीम बनाकर घर-घर जाकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से क्षेत्रों और बिल्डिगों का सर्वे कर रहे हैं. इसके बाद आपदा से निपटने के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी.

ETV Bharat
मसूरी के आसपास भू-धंसाव का खतरा बना हुआ है. (ETV Bharat)

मसूरी में भवनों को बनाने के लिए नेशनल बिल्डिंग कोड एनबीसी के आधार पर लोगों को जागरूक किया जाएगा. उन्होंने बताया कि पहाड़ों में भूकंप, भूस्खलन और बाढ़ जैसी आपदाओं से निपटने के लिए यह सर्वे किया जा रहा है. आपदा होने पर किसी प्रकार से रिलीफ कैंप बनाना रेस्क्यू आदि को लेकर एक मॉडल तैयार किया जाएगा, ताकि आपदा होने पर तुरंत राहत एवं बचाव कार्य शुरू हो सके. साथ ही आपदा जैसी घटनाओं से भवनों को कम से कम नुकसान हो.

ETV Bharat
वैज्ञानिकों ने भवनों का भी सर्वें किया. (ETV Bharat)

उन्होने बताया कि सर्वे का कार्य 8 अप्रैल तक जारी रहेगा. निरीक्षण के दौरान देखा गया है कि मसूरी में नियम के विरुद्ध कई ऊंची इमारतें बना दी गई हैं, जो गलत है. सर्वेक्षण में इस सभी बिंन्दु को भी दर्शाया जायेगा. आपदा को लेकर एनडीएमए (राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) देशभर के विभिन्न क्षेत्रों का निरीक्षण किया जा रहा है.

Mussoorie
CBRI की टीम लण्ढौर बाजार में निरीक्षण करने पहुंची. (ETV Bharat)

उत्तराखंड में कर्णप्रयाग और नैनीताल का पूर्व में निरीक्षण कर दिया गया है. मसूरी के बाद हिमाचल के साथ अन्य राज्य का भी निरीक्षण किया जायेगा. अधिशासी अधिकारी तनवीर मारवाह ने कहा कि सीबीआरआई रुड़की के चार वैज्ञानिक और 18 इंजीनियर के साथ स्थानीय लोक निर्माण विभाग नगर पालिका और मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण की टीम के द्वारा मसूरी के विभिन्न क्षेत्रों का निरीक्षण किया जा रहा है. यह टीम 5 दिनों तक घर-घर जाकर भवनों का सर्वेक्षण करेगी और अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपेगी. बता दें कि 2023 में भी मसूरी के लंढौर बाजार में भू-धंसाव का मामला सामने आया है. तब कई देश की कई संस्थानों ने इलाके का निरीक्षण किया और अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी थी.

पढ़ें---

Last Updated : April 4, 2025 at 3:46 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.