रायपुर : छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में फंसे पूर्व IAS अधिकारी अनिल टुटेजा के घर पर सीबीआई ने रेड मारी है.आपको बता दें कि हाल ही में अनिल टुटेजा को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है.दिल्ली से आई सीबीआई की टीम ने शुक्रवार को रायपुर में टुटेजा के आवास पर दबिश दी. इस टीम में सीबीआई के छह सदस्य शामिल हैं. सीजीपीएससी को लेकर रायपुर में तीन और महासमुंद में दो स्थानों पर पांच व्यक्तियों बिचौलियों/सॉल्वरों के परिसरों पर तलाशी ली. इससे आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए. आने वाले दिनों में कुछ और बड़े खुलासे हो सकते हैं.
सीजीपीएससी मामले में जांच कर रही है सीबीआई : लिकर सिंडिकेट में टुटेजा के साथ ही आबकारी विभाग के तत्कालीन एमडी अरुणपति त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर जैसे रसूखदार के नाम भी शामिल हैं. सीबीआई की दबिश ने इस हाई-प्रोफाइल केस में एक बार फिर हलचल मचा दी है. वहीं दूसरी ओर सीबीआई छत्तीसगढ़ पीएससी परीक्षा को लेकर भी जांच कर रही हैं.इसी कड़ी में अनिल टुटेजा के घर पर सीबीआई की दबिश भी दी है.
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग भर्ती घोटाले (सीजीपीएससी भर्ती घोटाला) से संबंधित मामले की जांच के दौरान इन व्यक्तियों की भूमिका सामने आई है. छत्तीसगढ़ सरकार के अनुरोध पर सीबीआई ने साल 2020 से 2022 के दौरान परीक्षा साक्षात्कार में योग्यता के अलावा अन्य कारकों के आधार पर करीबी रिश्तेदारों के चयन के आरोपों की जांच शुरु की.छत्तीसगढ़ राज्य में डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी और अन्य वरिष्ठ पदों पर भर्तियां की गई थी.इस मामले में स्थानीय पुलिस ने पहले मामला दर्ज किया था.
किन लोगों की हुई गिरफ्तारी : सीबीआई ने मामले में 18.11.2024 को टामन सिंह सोनवानी, तत्कालीन अध्यक्ष, सीजीपीएससी और श्री बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड, रायपुर के तत्कालीन निदेशक श्रवण कुमार गोयल को गिरफ्तार किया था. बाद में सीबीआई ने 10.01.2025 को नितेश सोनवानी (आरोपी तत्कालीन अध्यक्ष के भतीजे, डीसी के रूप में चयनित) और ललित गणवीर (तत्कालीन उप परीक्षा नियंत्रक, सीजीपीएससी) सहित पांच और आरोपियों को गिरफ्तार किया.वहीं शशांक गोयल और भूमिका कटियार (दोनों डीसी के रूप में चयनित) और साहिल सोनवानी (डिप्टी एसपी के रूप में चयनित) को मामले में 12.01.2025 को गिरफ्तार किया गया.
सीबीआई ने 16.01.2025 को रायपुर में सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश के सामने टामन सिंह सोनवानी (ए-1), श्रवण कुमार गोयल (ए-2), शशांक गोयल (ए-3), सुश्री भूमिका कटियार (ए-4), नितेश सोनवानी (ए-5), साहिल सोनवानी (ए-6) और ललित गणवीर (ए-7) के खिलाफ एक आरोप पत्र भी दायर किया. बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए अन्य उम्मीदवारों, सीजीपीएससी के अधिकारियों और अन्य के संबंध में आगे की जांच खुली रखी गई.
शराब घोटाले मामले में दोषी है अनिल टुटेजा : ईओडब्ल्यू में दर्ज एक अन्य मामले के कारण टुटेजा अब भी जेल से बाहर नहीं आ पाए हैं. अनिल टुटेजा छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ रुपए से अधिक के शराब घोटाले के मुख्य आरोपियों में शामिल हैं. ईडी की जांच में सामने आया है कि भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल के दौरान सरकारी शराब बिक्री के नाम पर एक संगठित सिंडिकेट के माध्यम से यह घोटाला अंजाम दिया गया.आपको बता दें कि टुटेजा को सुप्रीम कोर्ट ने एक साल से अधिक न्यायिक हिरासत में रहने के आधार पर सशर्त जमानत दी थी. लेकिन यह राहत केवल ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के केस तक ही सीमित रही.
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