जबलपुर : आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) जबलपुर इकाई ने जबलपुर डायोसिस के पूर्व बिशप पी.सी. सिंह और एनडीटीए के चेयरमेन पॉल दुपारे के खिलाफ 2.45 करोड़ रु की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. इनपर आरोप हैं कि दोनों ने मिलकर फर्जी दस्तावेजों के जरिए रेलवे मुआवजा राशि को हड़प लिया.
पीसी सिंह पर आरोप है कि उन्होंने जबलपुर में चर्च और स्कूलों ट्रस्ट के नाम पर दर्ज करोड़ों रुपए की जमीन फर्जी तरीके से बेची थी. इतना ही नहीं, उन्होंने इसका सारा पैसा और रेलवे से मिला मुआवजा का पैसा भी डकार लिया.
जबलपुर EOW की जांच में खुलासा
आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो EOW की जांच में सामने आया है कि एनडीटीए के स्वामित्व वाले बार्ड्स्ले स्कूल की 0.022 हेक्टेयर भूमि (खसरा नंबर 404/1) को भारतीय रेलवे ने अधिग्रहित किया था. इसके बदले रेलवे द्वारा 2,45,30,830 रु की मुआवजा राशि प्रदान की गई थी. यह राशि कथित रूप से पी.सी. सिंह और पॉल दुपारे ने एनडीटीए को बिना सूचना दिए फर्जी खाता खोलकर प्राप्त की. मुआवजा राशि को ट्रस्ट के वैध खातों में जमा करने के बजाय बोर्ड ऑफ एजुकेशन, CNI जबलपुर डायोसिस के खाते में स्थानांतरित कर गबन किया गया.
गौरतलब है कि एनडीटीए (नागपुर डायोसिस ट्रस्ट एसोसिएशन) एक पंजीकृत संस्था है, जो बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट एक्ट के अंतर्गत चैरिटी कमिश्नर, नागपुर के अधीन कार्य करती है. बिना चैरिटी कमिश्नर की अनुमति के ट्रस्ट की संपत्ति का विक्रय या मुआवजा लेना कानून प्रतिबंधित है.
आरोप सही पाए गए, भेजा जाएगा जेल
EOW सूत्रों के मुताबिक जांच में आरोप सही पाए जाने पर पॉल दुपारे और पी.सी. सिंह के विरुद्ध अपराध क्रमांक 82/25 धारा 406, 420, 120बी भारतीय दंड संहिता (IPC) के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर लिया गया है. मामले की विवेचना जारी है. इस मामले में बिशप व उनके सहयोगी को 7 साल तक की सजा हो सकती है. आरोपी बिशप के खिलाफ क्रिश्चियन समिति की संपत्ति को खुर्द बुर्द करने के आरोप में जबलपुर के कई थानों में मामले भी दर्ज हैं लेकिन उन्हें हाई कोर्ट से जमानत मिल गई थी. वहीं अब इस मामले के बाद एक बार सभी को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा.
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