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बुरहानपुर में तरबूज पर वायरस का अटैक, सैकड़ों किसान ने रील बना उखाड़ फेंकी फसल - WATERMELON DESTROYED BY VIRUS

बुरहानपुर में तरबूज की फसल पर वायरल का प्रकोप छाया हुआ है. जिससे किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं. कई किसानों ने फसल उखाड़ दी.

WATERMELON AFFECTED BY VIRUS
बुरहानपुर में तरबूज फसल पर वायरल का प्रकोप (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 6, 2025, 7:40 AM IST

बुरहानपुर: जिले में पिछले साल तरबूज उत्पादक किसानों ने तरबूज फसल लगाकर तगड़ा मुनाफा कमाया था. लेकिन इस बार तरबूज फसल पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. आदिवासी ब्लॉक खकनार में सैकड़ों किसानों ने कई एकड़ में तरबूज की फसल लगाई है. लेकिन इस फसल पर एक गंभीर वायरस ने दस्तक दे दी है. पीड़ित किसानों ने इस वायरस का कई तरह से उपचार कराया है, लेकिन यह वायरस ठीक नहीं हो पाया. इससे तरबूज की फसल सुकड़ रही है.

किसानों को हो रहा नुकसान
क्षेत्र के कई किसानों के खेतों में फसल का विकास रुक चुका है. जबकि इस फसल पर लगातार वायरस फैलता ही जा रहा है. इससे किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं. खकनार क्षेत्र के किसानों को भारी भरकम आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है. ऐसे में अब किसान फसल उखाड़कर फेंकने के लिए विवश हो गए हैं.

तरबूज की फसल उखाड़ने पर मजबूर किसान (ETV Bharat)

फसल उखाड़ने पर मजबूर किसान
अधिकांश किसान मजबूरन अपने खेतों से तरबूज की फसल को उखाड़कर फेंक रहे हैं. इतना ही नहीं किसानों ने फसल उखाड़ने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किए हैं. इसके अलावा पीड़ित किसानों ने जिला प्रशासन के माध्यम से सीएम डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से उचित मुआवजा दिलाने की गुहार लगाई है.

WATERMELON AFFECTED BY VIRUS
तरबूज फसल को लेकर चिंतित किसान (ETV Bharat)

कैसे चुकाएंगे कर्ज, मानसिक रूप से परेशान किसान
किसानों के मुताबिक, उनके खेतों में लगभग 50 दिन की तरबूज की फसल खराब हो चुकी है. किसानों को तरबूज की खेती में प्रति एकड़ में 60 हजार से 70 हजार रूपए का खर्च आता है. इसमें मर्चिंग, दवाई, मजदूरी और बीज की लागत शामिल है. कई किसानों ने कर्ज और उधार लेकर तरबूज की फसल लगाई थी. ऐसे में पीड़ित किसान मानसिक रूप से परेशान चुके हैं. उनकी खेतों में लगाई गई तरबूज की फसल बर्बाद हो गई है. अब किसान कर्ज और उधार रुपये कैसे चुकाएंगे यह चिंता सता रही है.

सोशल मीडिया पर वायरल कर बताई पीड़ा
किसानों ने फसल उखाड़कर अपनी पीड़ा सोशल मीडिया पर वायरल करके बताई है. उन्होंने रील बनाकर अपनी समस्या जिला प्रशासन तक पहुंचाई है. साथ ही किसानों ने तरबूज की खेती में हुए नुकसानी का सर्वे कराकर उचित मुआवजा देने की मांग की है. पीड़ित किसानों ने प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. इस ज्ञापन में उचित मुआवजा देने और संकट की इस घड़ी में तरबूज उत्पादक किसान को संभल देने की मांग की है.

बुरहानपुर: जिले में पिछले साल तरबूज उत्पादक किसानों ने तरबूज फसल लगाकर तगड़ा मुनाफा कमाया था. लेकिन इस बार तरबूज फसल पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. आदिवासी ब्लॉक खकनार में सैकड़ों किसानों ने कई एकड़ में तरबूज की फसल लगाई है. लेकिन इस फसल पर एक गंभीर वायरस ने दस्तक दे दी है. पीड़ित किसानों ने इस वायरस का कई तरह से उपचार कराया है, लेकिन यह वायरस ठीक नहीं हो पाया. इससे तरबूज की फसल सुकड़ रही है.

किसानों को हो रहा नुकसान
क्षेत्र के कई किसानों के खेतों में फसल का विकास रुक चुका है. जबकि इस फसल पर लगातार वायरस फैलता ही जा रहा है. इससे किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं. खकनार क्षेत्र के किसानों को भारी भरकम आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है. ऐसे में अब किसान फसल उखाड़कर फेंकने के लिए विवश हो गए हैं.

तरबूज की फसल उखाड़ने पर मजबूर किसान (ETV Bharat)

फसल उखाड़ने पर मजबूर किसान
अधिकांश किसान मजबूरन अपने खेतों से तरबूज की फसल को उखाड़कर फेंक रहे हैं. इतना ही नहीं किसानों ने फसल उखाड़ने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किए हैं. इसके अलावा पीड़ित किसानों ने जिला प्रशासन के माध्यम से सीएम डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से उचित मुआवजा दिलाने की गुहार लगाई है.

WATERMELON AFFECTED BY VIRUS
तरबूज फसल को लेकर चिंतित किसान (ETV Bharat)

कैसे चुकाएंगे कर्ज, मानसिक रूप से परेशान किसान
किसानों के मुताबिक, उनके खेतों में लगभग 50 दिन की तरबूज की फसल खराब हो चुकी है. किसानों को तरबूज की खेती में प्रति एकड़ में 60 हजार से 70 हजार रूपए का खर्च आता है. इसमें मर्चिंग, दवाई, मजदूरी और बीज की लागत शामिल है. कई किसानों ने कर्ज और उधार लेकर तरबूज की फसल लगाई थी. ऐसे में पीड़ित किसान मानसिक रूप से परेशान चुके हैं. उनकी खेतों में लगाई गई तरबूज की फसल बर्बाद हो गई है. अब किसान कर्ज और उधार रुपये कैसे चुकाएंगे यह चिंता सता रही है.

सोशल मीडिया पर वायरल कर बताई पीड़ा
किसानों ने फसल उखाड़कर अपनी पीड़ा सोशल मीडिया पर वायरल करके बताई है. उन्होंने रील बनाकर अपनी समस्या जिला प्रशासन तक पहुंचाई है. साथ ही किसानों ने तरबूज की खेती में हुए नुकसानी का सर्वे कराकर उचित मुआवजा देने की मांग की है. पीड़ित किसानों ने प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. इस ज्ञापन में उचित मुआवजा देने और संकट की इस घड़ी में तरबूज उत्पादक किसान को संभल देने की मांग की है.

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