बुरहानपुर(सोनू सोहले): ताजमहल का नाम सामने आते ही दिमाग में मुगल शासक शाहजहां और उनकी बेगम मुमताज महल की प्रेम कहानी याद आ जाती है. मुमताज महल उनकी सबसे प्रिय बेगम थीं. मुगल बादशाह शाहजहां ने उनकी याद में आगरा में ताजामहल बनवाया था, जिसे प्रेम की निशानी को तौर पर जाना जाता है. ताजमहल एक बार फिर चर्चा की विषय बन हुआ है, लेकिन यह ताजमहल आगरा वाला नहीं है. इस बार मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में बने ताजमहल ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है. इसके कई वीडियो सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं.
प्यार दिखाने का अनोखा अंदाज
दरअसल, सोशल मीडिया पर बुरहानपुर का एक वीडियो धूम मचाए हुआ है. इस वीडियो को देखकर लोग भौचक्के रह जा रहे हैं. लोगों को अपनी आंखों पर विश्वास ही नहीं हो पा रहा है कि ताजमहल वो भी बुरहानपुर में. पूरा माजरा यह है कि बुरहानपुर निवासी शिक्षाविद् आनंद प्रकाश चौकसे ने अपनी पत्नी मंजूषा चौकसे को तोहफे में मकान भेंट किया है, जो देखने में हूबहू ताजमहल जैसा लगता है. दिलचस्प बात तो यह है कि लोग दूर से देखने पर बता ही नहीं पाते हैं कि यह आगरा का ताजमहल नहीं है. एकदम आगरा के ताजमहल जैसा दिखता है आनंद चौकेसे का घर.
पति ने पत्नी के लिए बुरहानपुर में बनवाया ताजमहल
आनंद चौकसे ने साल 2019 में हूबहू आगरा के ताज महल जैसा मकान बनाकर पत्नी को गिफ्ट दिया है. उनका कहना है, "400 साल से बुरहानपुर वासियों को ताज महल बुरहानपुर में न बनने का मलाल था. मेरे स्कूल में देशभर के 2500 विद्यार्थी पढ़ते हैं. सालभर में 4-5 बार उनके अभिभावक बुरहानपुर आते हैं. जब उन्हें पता चलता है कि ताजमहल बुरहानपुर में बनने वाला था, लेकिन किसी कारणवश नहीं बन पाया, इससे उन्हें निराशा होती हैं. इससे प्रेरित होकर मैंने ताजमहल जैसा दिखने वाला मकान बनवाया है."

चर्चा का मुद्दा बना बुरहानपुर का ताजमहल
हाल ही में सोशल मीडिया पर यह अनूठा घर और आनंद चौकसे देशभर में चर्चा का विषय बन गए हैं. बता दें कि आनंद प्रकाश चौकसे बुरहानपुर में एक प्रतिष्ठित कॉन्वेंट स्कूल चलाते हैं, जहां देशभर से छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण करने आते हैं. आनंद चौकसे का कहना है, "जब छात्र-छात्राएं अपने अभिभावकों से बुरहानपुर की खासियत के बारे में चर्चा करते हैं, तो मुमताज और शाहजहां की प्रेम कहानी का जिक्र जरूर होता है.

मुमताज महल का बुरहानपुर में 6 माह रखा था शव
इतिहासकारों के मुताबिक मुमताज महल ने अपने जीवन की अंतिम सांस बुरहानपुर के शाही किले में ही ली थी. ताजमहल का निर्माण भी यहीं होना प्रस्तावित था, लेकिन बाद में यह आगरा में बनाया था. ज्ञात हो कि 14वीं संतान को जन्म देने के दौरान बेगम मुमताज को प्रसव पीड़ा हुई. इसके बाद उनकी मौत हो गई थी. करीब 6 महीने तक बेगम मुमताज महल का शव बुरहानपुर में रखा रहा था. इसके बाद उसे आगरा ले जाया गया था. बेगम मुमताज की प्रेम कहानी बुरहानपुर से जुड़ी है, जिसके चलते बुरहानपुर में आनंद चौकसे ने ताज महल जैसा घर बनाया है, जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है.

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बुरहानपुर वासियों का अधूरा ख्वाब हुआ पूरा
बुरहानपुर वासियों को यह मलाल था कि ताजमहल उनके शहर में नहीं बन पाया. यही भावना आनंद चौकसे के मन में भी थी, इसलिए उन्होंने इस अधूरे सपने को पूरा करने की ठानी और अपने निजी आवास को ताजमहल का रूप देकर पत्नी को समर्पित कर दिया. आनंद चौकसे का यह प्रेममय कदम न केवल व्यक्तिगत भावना की गहराई को दर्शाता है, बल्कि ऐतिहासिक विरासत से जुड़ाव का एक सुंदर उदाहरण भी पेश करता है. अब उनका यह घर बुरहानपुर की नई पहचान बनता जा रहा है.