बुरहानपुर: नगर निगम क्षेत्र के नागरिकों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 2017 में जलावर्धन योजना की शुरुआत की गई थी. 8 साल हो गए लेकिन अभी तक योजना पूरी नहीं हुई. इसको लेकर कई बार शिकायत भी की गई, लेकिन इसका कोई खास असर नहीं हुआ. इससे व्यथित होकर शहर के नागरिक व आरटीआई कार्यकर्ता डॉ. आनंद दीक्षित ने जबलपुर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई है. कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए मध्य प्रदेश शासन, बुरहानपुर नगर निगम, बुरहानपुर कलेक्टर और ठेकेदार कंपनी को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह में जवाब मांगा है.
जबलपुर हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
याचिकाकर्ता आनंद दीक्षित ने अपनी याचिका में कहा है कि, जलावर्धन योजना में बार-बार समय सीमा बढ़ाए जाने के बाद भी योजना पूरी नहीं हो पा रही है. उन्होंने जमीन में बिछाई जा रही पाइप लाइन की निर्धारित गहराई से कम रखने का मामला भी कोर्ट से समक्ष रखा है. याचिकाकर्ता ने बताया कि सरकारी पक्ष से एडिशनल एडवोकेट जनरल जान्हवी पंडित ने नोटिस स्वीकार किया है, उन्होंने कोर्ट से जवाब दाखिल करने की मोहलत मांगी हैं. बता दें कि जबलपुर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की डबल बेंच ने राज्य सरकार और संबंधितों को नोटिस जारी किया है.
- पीएम आवास पर बुलडोजर एक्शन, फर्जीवाड़ा करने वालों पर हाईकोर्ट की सख्ती शुरु
- बीजेपी पार्षद के फर्जी जाति प्रमाण पत्र का मामला, सब हो गया दूध का दूध पानी का पानी
विधायक और सांसद के निरीक्षण में मिली थी अनियमितता
गौरतलब है कि, खंडवा-बुरहानपुर लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल और क्षेत्रीय विधायक अर्चना चिटनिस ने 18 जनवरी 2025 को जलावर्धन योजना का निरीक्षण किया था. याचिकाकर्ता ने बताया कि जब सांसद और विधायक ने सड़क खुदवाकर देखा तो अनियमितताएं पाई गईं. पाइपलाइन बेहद कम गहराई पर डाली गई थी. याचिकाकर्ता डॉ. सूर्यकांत उर्फ आनंद दीक्षित का कहना है, ''उन्हें भारत की न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है. अब उन्हें पूरी उम्मीद है कि ठेकेदार कंपनी तेज गति से योजना का क्रियान्वयन करेगी जिससे बुरहानपुर वासियों को पीने का शुद्ध पानी मिलेगा.''