बुरहानपुर (सोनू सोहले): जिले के लालबाग चिंचाला से एक अनोखी खबर सामने आई है. यहां रिटायर्ड प्रिंसिपल शकुंतला दुनगे ने अपने घर के बाहर केवल आम के फल की निगरानी के लिए 2-2 सीसीटीवी लगाएं हैं. इतना ही नहीं शंकुतला ने आम की निगरानी के लिए एक जर्मन शेफर्ड डॉग भी तैनात कर रखा है. इस अनोखे नवाचार के लिए उन्होंने करीब 50 हजार रुपए से अधिक खर्च किए हैं.
500 ग्राम से अधिक वजन को होता है हर आम
शकुंतला दुनगे बताती हैं कि "करीब 6 साल पहले घर के आंगन में हापुस आम का पेड़ लगाया था. शुरुआती दौर में इस पेड़ को 2 बार नुकसान पहुंचा और वह टूट गया था. इसके बाद यह पेड़ खुद-ब-खुद दोबारा उग आया. अब हापुस आम का पेड़ फलदार और विशाल हो गया है. इसमें कई क्विंटल तक आम लगते हैं. इस हापुस आम के पेड़ की खासियत यह है कि इस पेड़ में जो आम लगते हैं, वे इतने बड़े होते हैं कि 1 आम का वजन 500 से 750 ग्राम का होता है. यह बेहद दुर्लभ और स्वादिष्ट हैं."
आम की रखवाली में जर्मन शेफर्ड तैनात
शकुंतला ने कुछ पैसे खर्च कर सुरक्षा का आसान तरीका अपनाया है. अब वे घर में बैठे-बैठे स्क्रीन पर आम के पेड़ और उसके फल पर नजर रखती हैं. खास बात यह है कि शकुंतला को पेड़-पौधों से गहरा लगाव है और वे नहीं चाहतीं कि कोई इस पेड़ को नुकसान पहुंचाए. यही वजह है कि उन्होंने तकनीक का सहारा लिया और यह खास कदम उठाया. शकुंतला दुनगे ने बताया कि "इस साल पेड़ पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगवाए हैं. साथ ही जर्मन शेफर्ड डॉग को रखवाली के लिए तैनात किया गया है."
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रिश्तेदारों में भी बांटती हैं आम की मिठास
शकुंतला दुनगे ने बताया कि "पेड़ पर लगे आमों को बेचती नहीं हैं. वे लोगों तक इसकी मिठास को बांटना चाहती हैं. इसलिए जब आम पक जाते हैं तो उन्हें अपने रिश्तेदारों और आसपास के लोगों में नि:शुल्क बांटती हैं. अपने पेड़ पर लगे आम को इंदौर तक के रिश्तेदारों तक पहुंचाते हैं." उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि खाली जमीन या आंगन में पेड़ लगाएं और पर्यावरण को स्वच्छ बनाएं.