नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा बजट सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही शुरू हो गई है. प्रश्नकाल की शुरुआत के साथ ही सदन में हंगामा शुरु हो गया. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष आतिशी और मंत्री आशीष सूद के बीच तीखी बहस देखने को मिली. वहीं विधानसभा स्पीकर ने इस बीच विपक्ष को चेतावनी दी और कहा कि हंगामा होने विपक्ष पर कार्रवाई की जाएगी.
जिसके बाद सदन में डीटीसी से संबंधित सीएजी की पेश की गई रिपोर्ट पर आज सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य चर्चा हो सकती है. यह रिपोर्ट सोमवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने प्रस्तुत की थी. पिछली सरकार के दौरान लंबित सीएजी की टेबल रिपोर्ट में कई अनियमितताएं सामने आई हैं. जिन पर सदन में चर्चा होनी प्रस्तावित है.
CAG रिपोर्ट में डीटीसी में नई बसें शामिल करने की योजना और पुरानी बसों के रखरखाव में जो विभाग ने फैसले लिए उससे करोड़ों रुपए का नुकसान होने की बात कही गई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2015-23 की अवधि के दौरान डीटीसी का बेड़ा 4,344 (2015-16) से घटकर 3,937 बसें (2022-23) रह गया.
CAG रिपोर्ट के मुताबिक फंड उपलब्ध होने के बावजूद डीटीसी 2021-22 और 2022-23 के दौरान केवल 300 इलेक्ट्रिक बसें (ईबी) खरीद सकी. डीटीसी बेड़े में ईबी को जोड़ने में देरी हुई जिसके लिए ऑपरेटरों पर देरी से डिलीवरी के लिए 29.86 करोड़ की राशि का जुर्माना नहीं लगाया गया.
वर्ष 2015-22 के दौरान डीटीसी में लो फ्लोर ओवरएज बसों की संख्या 0.13 प्रतिशत (पांच बसें) से बढ़कर 17.44 प्रतिशत (656 बसें) हो गई, जो 31 मार्च 2023 तक इसके कुल बेड़े का 44.96 प्रतिशत (1,770 बसें) हो गई. यदि डीटीसी नई बसें खरीदने के लिए ईमानदारी से प्रयास नहीं करता है, तो ओवरएज बसों का अनुपात और भी बढ़ जाएगा. डीटीसी के बेड़े के उपयोग और वाहन उत्पादकता के मामले में देशभर की औसत की तुलना में डीटीसी की परिचालन क्षमता कम रही. डीटीसी का बेड़े का उपयोग 76.95 प्रतिशत से 85.84 प्रतिशत तक रहा.
बुधवार को सदन में CAG रिपोर्ट पर चर्चा प्रस्तावित
सदन पर टेबल हुई सीएजी की रिपोर्ट रखने के बाद उसी दिन चर्चा शुरू हुई, मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा, विधायक अनिल गोयल, हरीश खुराना ने अपनी बात रखी, लेकिन अधिकांश सदस्यों ने कहा कि अभी उन्हें रिपोर्ट पढ़ने के लिए कुछ समय चाहिए. जिस पर विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि विधानसभा में मंगलवार को बजट पेश होगा तो उसके अगले दिन बुधवार को इस विषय पर चर्चा जारी रहेगी. आज सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य निर्धारित समय में अपनी बात सदन में रखेंगे.
साथ ही इसके विधानसभा सत्र के दौरान नियम 280 विशेष उल्लेख में द्रव के माध्यम से विधानसभा सदस्यों द्वारा लगाए गए समस्याओं पर भी चर्चा होगी. जिन विधायकों के नाम ड्रॉ में निकलेंगे उनके द्वारा लगाए गए सवालों सदन में पूछ सकते हैं और इस पर सरकार को अपना जवाब देना होगा.
दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत 24 मार्च को हुई थी और 28 मार्च तक यह सत्र चलेगा. हालांकि विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता कह चुके हैं कि जरूरत हुई तो सत्र की अवधि को बढ़ाया भी जा सकता है. इस बजट सत्र में खास बात यह रही की दिल्ली की सत्ता में काबिज नई बीजेपी सरकार ने अब तक का सर्वाधिक 1 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया है जो पिछले साल के मुकाबले 24000 करोड़ अधिक है.
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