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कांग्रेस के अहमदाबाद अधिवेशन पर मायावती की तीखी प्रतिक्रिया: बोलीं- सारे प्रस्ताव छलावा, अविश्वसनियता से ग्रस्त - BSP SUPREMO MAYAWATI

कांग्रेस के साथ भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी पर भी निशाना साधा

मायावती ने कांग्रेस को घेरा.
मायावती ने कांग्रेस को घेरा. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : April 9, 2025 at 10:31 PM IST

3 Min Read

लखनऊ: कांग्रेस के अहमदाबाद अधिवेशन में तमाम प्रस्ताव पास किए गए हैं. इन प्रस्तावों में दलित और पिछड़े बहुजन हितों को लेकर भी बात हुई और आगे इस पर अमल करने का कांग्रेसियों ने संकल्प लिया. कांग्रेस के अहमदाबाद अधिवेशन में कार्यकारिणी की तरफ से पास किए गए प्रस्तावों पर बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने तीखा प्रहार किया है. उन्होंने कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी को निशाने पर लेते हुए कहा कि यह सभी जातिवादी पार्टियां हैं. यह कभी भी दलित और पिछड़ों का हित नहीं कर सकतीं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मायावती ने पोस्ट करते हुए कांग्रेस के अहमदाबाद अधिवेशन पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के अहमदाबाद अधिवेशन में ख़ासकर भाजपा के ’छद्म राष्ट्रवाद’ व दलित और पिछड़े बहुजन-हित आदि को लेकर प्रस्ताव छलावा व अविश्वसनीयता से ग्रस्त है. इन वर्गों के आरक्षण व अन्य कल्याणकारी संवैधानिक गारण्टियों को लागू करने के मामले में कांग्रेस का रवैया हमेशा छलावापूर्ण रहा है. संविधान निर्माता डा. भीमराव आंबेडकर ने ओबीसी समाज को धारा 340 के जरिए आरक्षण देने व उसे लागू न करने पर कानून मंत्री पद से इस्तीफा दिया था, फिर मण्डल कमीशन की रिपोर्ट के तहत इन्हें आरक्षण दिलाने में बीएसपी की अहम भूमिका जगजाहिर है, जबकि कांग्रेस, भाजपा का आरक्षण-विरोधी रवैया सर्वविदित है.

लिखा है, वास्तव में डॉ आंबेडकर को भारतरत्न से सम्मानित करने से लेकर उनके करोड़ों अनुयाइयों के प्रति कांग्रेस, भाजपा व सपा आदि का रवैया हमेशा ही जातिवादी व बहुजन-विरोधी रहा, जिससे मुक्ति के लिए ही बीएसपी का गठन हुआ. अब इन वर्गों के वोटों की खातिर छल व छलावा की राजनीति की जा रही है.
मायावती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ अब राज्यपालों की मनमानी व राजभवनों के राजनीतिक द्वेषपूर्ण भूमिका पर अंकुश लगाने वाले चर्चित फैसले का स्वागत है. उम्मीद है कि डा. भीमराव आंबेडकर के मानवतावादी व कल्याणकारी संविधान और देश के लोकतंत्र को इससे ज़रूर मजबूती मिलेगी.

इसके साथ ही कहा है, यूपी में आए दिन हर छोटी-छोटी बात पर लोगों का शोषण व उत्पीड़न हो रहा है. अभी हाल ही में फतेहपुर के एक ही किसान परिवार के तीन क्षत्रिय/ठाकुरों की व एक दलित व्यक्ति की भी हत्या कर दी गई, जिससे लोगों में वहां काफी दहशत व्याप्त है. सरकार दोषियों के विरुद्ध सख़्त क़ानूनी कार्रवाई करके वहां पीड़ित परिवार को समय से न्याय दे और कानून-व्यवस्था को भी सुधारने पर विशेष ध्यान दे.

यह भी पढ़ें : पीएम मोदी का वाराणसी दौरा: तैयारियों का डीजीपी और प्रमुख सचिव ने लिया जायजा, फाइव लेयर सिक्योरिटी घेरे में रहेंगे प्रधानमंत्री - PM MODIS VARANASI VISIT

लखनऊ: कांग्रेस के अहमदाबाद अधिवेशन में तमाम प्रस्ताव पास किए गए हैं. इन प्रस्तावों में दलित और पिछड़े बहुजन हितों को लेकर भी बात हुई और आगे इस पर अमल करने का कांग्रेसियों ने संकल्प लिया. कांग्रेस के अहमदाबाद अधिवेशन में कार्यकारिणी की तरफ से पास किए गए प्रस्तावों पर बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने तीखा प्रहार किया है. उन्होंने कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी को निशाने पर लेते हुए कहा कि यह सभी जातिवादी पार्टियां हैं. यह कभी भी दलित और पिछड़ों का हित नहीं कर सकतीं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मायावती ने पोस्ट करते हुए कांग्रेस के अहमदाबाद अधिवेशन पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के अहमदाबाद अधिवेशन में ख़ासकर भाजपा के ’छद्म राष्ट्रवाद’ व दलित और पिछड़े बहुजन-हित आदि को लेकर प्रस्ताव छलावा व अविश्वसनीयता से ग्रस्त है. इन वर्गों के आरक्षण व अन्य कल्याणकारी संवैधानिक गारण्टियों को लागू करने के मामले में कांग्रेस का रवैया हमेशा छलावापूर्ण रहा है. संविधान निर्माता डा. भीमराव आंबेडकर ने ओबीसी समाज को धारा 340 के जरिए आरक्षण देने व उसे लागू न करने पर कानून मंत्री पद से इस्तीफा दिया था, फिर मण्डल कमीशन की रिपोर्ट के तहत इन्हें आरक्षण दिलाने में बीएसपी की अहम भूमिका जगजाहिर है, जबकि कांग्रेस, भाजपा का आरक्षण-विरोधी रवैया सर्वविदित है.

लिखा है, वास्तव में डॉ आंबेडकर को भारतरत्न से सम्मानित करने से लेकर उनके करोड़ों अनुयाइयों के प्रति कांग्रेस, भाजपा व सपा आदि का रवैया हमेशा ही जातिवादी व बहुजन-विरोधी रहा, जिससे मुक्ति के लिए ही बीएसपी का गठन हुआ. अब इन वर्गों के वोटों की खातिर छल व छलावा की राजनीति की जा रही है.
मायावती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ अब राज्यपालों की मनमानी व राजभवनों के राजनीतिक द्वेषपूर्ण भूमिका पर अंकुश लगाने वाले चर्चित फैसले का स्वागत है. उम्मीद है कि डा. भीमराव आंबेडकर के मानवतावादी व कल्याणकारी संविधान और देश के लोकतंत्र को इससे ज़रूर मजबूती मिलेगी.

इसके साथ ही कहा है, यूपी में आए दिन हर छोटी-छोटी बात पर लोगों का शोषण व उत्पीड़न हो रहा है. अभी हाल ही में फतेहपुर के एक ही किसान परिवार के तीन क्षत्रिय/ठाकुरों की व एक दलित व्यक्ति की भी हत्या कर दी गई, जिससे लोगों में वहां काफी दहशत व्याप्त है. सरकार दोषियों के विरुद्ध सख़्त क़ानूनी कार्रवाई करके वहां पीड़ित परिवार को समय से न्याय दे और कानून-व्यवस्था को भी सुधारने पर विशेष ध्यान दे.

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