लखनऊ : देश के 17 केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में काफी लंबे समय से स्थाई प्रमुख नहीं हैं. बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इसे लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
1. आईआईटी, आईआईएम व एनआईटी समेत देश के 17 शीर्ष केन्द्रीय शिक्षण संस्थानों में लम्बे समय से स्थाई प्रमुख नहीं होकर तदर्थ व्यवस्था के बीच कैम्पस सेलेक्शन में गिरावट के प्रति संसदीय समिति द्वारा चिन्ता व्यक्त करने की ख़बर सरकार के गवरनेन्स को लेकर अनेकों सवाल खड़ी करती है। (1/2)
— Mayawati (@Mayawati) April 15, 2025
2. वैसे भी सरकारी नौकरियों तथा शिक्षित बेरोजगार व हुनरमन्दों आदि के लिए उपयुक्त रोजी-रोजगार का अभाव तथा अधिकतर कूरियर सर्विस, सेल्समैन, सुरक्षा गार्ड व गैरहुनरमन्दों के अस्थायी जॉब ने लोगों को काफी परेशान व दुखी कर रखा है। रोजगार व गुड गवरनेन्स के प्रति गंभीर उपाय जरूरी। (2/2)
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बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि आईआईटी, आईआईएम व एनआईटी समेत देश के 17 शीर्ष केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में लम्बे समय से स्थाई प्रमुख नहीं होकर तदर्थ व्यवस्था के बीच कैंपस सेलेक्शन में गिरावट के प्रति संसदीय समिति ने चिंता व्यक्त की है. ये खबर सरकार के गवर्नेंस को लेकर अनेकों सवाल खड़ी करती है. उन्होंने लिखा कि वैसे भी सरकारी नौकरियों और शिक्षित बेरोजगार व हुनरमंदों के लिए उपयुक्त रोजी-रोजगार का अभाव और अधिकतर कूरियर सर्विस, सेल्समैन, सुरक्षा गार्ड व गैरहुनरमंदों के अस्थायी जॉब ने लोगों को काफी परेशान व दुखी कर रखा है. रोजगार व गुड गवर्नेंस के प्रति गंभीर उपाय जरूरी है.
वहीं दो दिन पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी में वापस लेने का फैसला लिया था. यह जानकारी देते हुए उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म X पर पोस्ट किया था. बता दें कि बसपा सुप्रीमो मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और अपनी बुआ मायावती से माफी मांगी थी. बता दें कि बीती 3 मार्च को आकाश आनंद को मायावती ने पार्टी से निष्कासित कर दिया था.