सुकमा : छत्तीसगढ़ में भालू के साथ बेरहमी का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. इस वीडियो में ग्रामीण भालू के साथ बर्बरता करते देखे जा रहे हैं. वीडियो में बेजुबान के साथ क्रूरता की सारी हदें पार की गई है. इस वीडियो में ग्रामीण भालू के साथ क्रूरता किया जा रहा है. भालू के पैरों को तार से डंडे पर बांधा गया है. मुंह और पंजा तोड़ा गया है. सिर पर वार किया गया है.वीडियो में भालू के पंजे को तोड़ता हुआ एक युवक दिखाई दे रहा है.इस दौरान भालू दर्द से तड़प रहा है.उसके मुंह से लगातार खून बह रहा है.लेकिन किसी को भी भालू पर रहम नहीं आ रहा. बताया जा रहा है कि इस भालू को तड़पा-तड़पा कर मार दिया गया.
सुकमा रेंज का बताया जा रहा वीडियो : बस्तर रेंज सीसीएफ ने बताया कि वायरल वीडियो सुकमा जिले के अंदरुनी इलाके का है. क्योंकि वीडियो में दिखे ग्रामीण के टीशर्ट में केरलापाल लिखा है. जो सुकमा जिले में आता है. करीब 2 मिनट 20 सेकेंड के वीडियो में एक ग्रामीण भालू के कान को पकड़कर खींच रहा है. दूसरा ग्रामीण उसके सिर में हाथ से जोर-जोर से मार रहा है.
वीडियो को देखकर ऐसा लग रहा है कि यह बारिश या उसके बाद ग्रीनरी के समय का है. साथ ही किसी ऐसे अंदरूनी गांव का है जहां बिजली नहीं है. क्योंकि गांव में सोलर लाइट दिख रही है. ग्रामीणों की पहचान के लिए इनाम भी 10 हजार रुपए का घोषित किया गया है. पहचान बताने वाले को नकद राशि गुप्त रूप से दिया जाएगा. पहचान बताने वाले का पहचान छिपाई जाएगी. पकड़े जाने पर ग्रामीणों के ऊपर वन्य प्राणी अधिनियम के तहत संवैधानिक कार्यवाही की जाएगी - आरसी दुग्गा,सीसीएफ

वनविभाग ने जारी किए नंबर : वीडियो वायरल होने के बाद वनविभाग की टीम एक्टिव हो चुकी है.इसके लिए वन विभाग ने नंबर जारी किए है.जिसमें वीडियो के बारे में जानकारी देने वालों को इनाम दिया जाएगा.वन विभाग ने 8770083810, 9754613678, 9098728660 नंबर जारी किए हैं.इस मामले में आरोपियों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा सकती है.
क्या है पशु क्रूरता अधिनियम ? : जानवरों के खिलाफ क्रूरता को रोकने के लिए पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 में लाया गया. इस एक्ट की धारा-4 के तहत 1962 में भारतीय पशु कल्याण बोर्ड का भी गठन किया गया. अधिनियम और बोर्ड का काम लोगों को जागरूक करते हुए पशुओं को गैरजरूरी सजा या उनके उत्पीड़न की मानसिकता को खत्म करना है. अधिनियम के मुताबिक इस तरह के अपराध के लिए अधिकतम 2 हजार रुपए तक का जुर्माना और 3 साल तक की सजा हो सकती है.
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