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अंधी मछलियों का ठिकाना है यहां, गुफा 4 महीने के लिए क्यूं हो जाती है बंद - BLIND FISHES FOUND IN KUTUMSAR CAVE

कोटमसर केव की कहानी सुनकर और देखकर आप भी पड़ जाएंगे हैरत में.

KUTUMSAR CAVE
अंधी मछलियां कब देख सकते हैं (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : June 16, 2025 at 8:00 PM IST

Updated : June 17, 2025 at 7:26 PM IST

3 Min Read

बस्तर: प्राकृतिक सौंदर्य और रोमांच से भरपूर कोटमसर गुफा का द्वार बंद हो गया है. दरअसल बारिश का मौसम शुरू होने जा रहा है. ऐसे में बारिश और सुरक्षा कारणों की वजह से कोटमसर गुफा को 16 जून से अस्थायी रूप से चार महीने के लिए बंद किया जा रहा है. हर साल मानसून के दौरान पानी भरने और फिसलन की स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया जाता है.

बड़ी संख्या में पहुंचते हैं पर्यटक: कांगेर वेली नेशनल पार्क में मौजूद कोटमसर गुफा की अद्वितीय चूना-पत्थर संरचनाएं, प्राकृतिक छटा और अंदर की ठंडक लोगों को खूब भाती है. वन विभाग के सीसीएफ आरसी दुग्गा ने बताया कि इस साल रिकॉर्ड संख्या में पर्यटक बस्तर पहुंचे हैं.मार्च से अब तक 5 लाख से अधिक पर्यटक रहस्यमयी कोटमसर गुफा की गहराइयों को देखने पहुंचे, जिनमें 150 विदेशी सैलानी भी शामिल हैं.

कोटमसर गुफा द्वार बंद (ETV Bharat)

जैव विविधता के लिए है प्रसिद्ध: कोटमसर गुफा प्रकृति की एक अद्भुत और रहस्यमयी कृति है. यह गुफा न केवल अपनी भौगोलिक संरचना के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि जैव विविधता, वैज्ञानिक महत्व और पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. यह गुफा कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत आती है. यह भारत के प्रमुख जैव विविधता हॉटस्पॉट्स में से एक है.

BLIND FISHES FOUND IN KUTUMSAR CAVE
कोटमसर गुफा द्वार बंद, (ETV Bharat)

पहुंचना है आसान: कोटमसर गुफा छत्तीसगढ़ के जगदलपुर शहर से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित है. यह गुफा घने जंगलों और पर्वतीय क्षेत्र में स्थित होने के कारण प्राकृतिक वातावरण से भरपूर है. यहां तक पहुंचना आसान है और सड़क मार्ग से सीधा संपर्क उपलब्ध है.

कोटमसर गुफा की खासियत: यह गुफा चूना पत्थर (Limestone) से बनी है. जिसमें प्राकृतिक रूप से बनी स्टैलेक्टाइट्स (stalactites) और स्टैलेग्माइट्स (stalagmites) संरचनाएं देखने को मिलती हैं. ये सदियों से पानी के रिसाव से बनी हैं. कोटमसर गुफा लगभग 330 मीटर लंबी और कई स्थानों पर काफी गहरी है. इसका कुछ हिस्सा ही पर्यटकों के लिए खुला है, क्योंकि अंदर जाना जोखिम भरा हो सकता है.

यहां मिलती है अंधी मछलियां: गुफा के अंदर का तापमान बाहरी मौसम की तुलना में हमेशा ठंडा और नम रहता है. यह पूरे वर्ष लगभग स्थिर रहता है. यह गुफा जैविक विविधता के लिए भी प्रसिद्ध है. यहां अंधेरी जगहों में रहने वाले कुछ विशेष जीव पाए जाते हैं, जैसे अंधी मछलियां, चमगादड़, विशेष प्रकार के कीट.

यह स्थल पर्यटकों के अलावा वैज्ञानिकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है. गुफा की संरचना, जैव विविधता और भूगर्भीय बनावट का अध्ययन किया जाता है. गुफा के अंदर कृत्रिम प्रकाश की मदद से प्राकृतिक संरचनाओं को रोशन किया गया है, जिससे यह और भी रहस्यमय और सुंदर दिखाई देती है.

कब खुलेगी गुफा: पर्यटकों के लिए 4 महीनों तक गुफा को बंद कर दिया गया है. यह गुफा अब छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के दिन पर्यटकों के लिए खुलेगी. बारिश के कारण विभाग इसे हर साल 4 महीनों के लिए बंद कर देती है, क्योंकि बारिश के पानी से गुफा पूरी तरह भर जाती है.

Kotumsar Cave: देश की सबसे लंबी कोटमसर गुफा का जानिए रहस्य, बारिश में भूलकर भी ना जाए यहां
छत्तीसगढ़ पर्यटन स्थल: सैलानी यहां आकर ले सकते हैं कुदरत का नजारा
SPECIAL: छत्तीसगढ का 'पाताल लोक', जहां रहती हैं अंधी मछलियां !

बस्तर: प्राकृतिक सौंदर्य और रोमांच से भरपूर कोटमसर गुफा का द्वार बंद हो गया है. दरअसल बारिश का मौसम शुरू होने जा रहा है. ऐसे में बारिश और सुरक्षा कारणों की वजह से कोटमसर गुफा को 16 जून से अस्थायी रूप से चार महीने के लिए बंद किया जा रहा है. हर साल मानसून के दौरान पानी भरने और फिसलन की स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया जाता है.

बड़ी संख्या में पहुंचते हैं पर्यटक: कांगेर वेली नेशनल पार्क में मौजूद कोटमसर गुफा की अद्वितीय चूना-पत्थर संरचनाएं, प्राकृतिक छटा और अंदर की ठंडक लोगों को खूब भाती है. वन विभाग के सीसीएफ आरसी दुग्गा ने बताया कि इस साल रिकॉर्ड संख्या में पर्यटक बस्तर पहुंचे हैं.मार्च से अब तक 5 लाख से अधिक पर्यटक रहस्यमयी कोटमसर गुफा की गहराइयों को देखने पहुंचे, जिनमें 150 विदेशी सैलानी भी शामिल हैं.

कोटमसर गुफा द्वार बंद (ETV Bharat)

जैव विविधता के लिए है प्रसिद्ध: कोटमसर गुफा प्रकृति की एक अद्भुत और रहस्यमयी कृति है. यह गुफा न केवल अपनी भौगोलिक संरचना के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि जैव विविधता, वैज्ञानिक महत्व और पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. यह गुफा कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत आती है. यह भारत के प्रमुख जैव विविधता हॉटस्पॉट्स में से एक है.

BLIND FISHES FOUND IN KUTUMSAR CAVE
कोटमसर गुफा द्वार बंद, (ETV Bharat)

पहुंचना है आसान: कोटमसर गुफा छत्तीसगढ़ के जगदलपुर शहर से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित है. यह गुफा घने जंगलों और पर्वतीय क्षेत्र में स्थित होने के कारण प्राकृतिक वातावरण से भरपूर है. यहां तक पहुंचना आसान है और सड़क मार्ग से सीधा संपर्क उपलब्ध है.

कोटमसर गुफा की खासियत: यह गुफा चूना पत्थर (Limestone) से बनी है. जिसमें प्राकृतिक रूप से बनी स्टैलेक्टाइट्स (stalactites) और स्टैलेग्माइट्स (stalagmites) संरचनाएं देखने को मिलती हैं. ये सदियों से पानी के रिसाव से बनी हैं. कोटमसर गुफा लगभग 330 मीटर लंबी और कई स्थानों पर काफी गहरी है. इसका कुछ हिस्सा ही पर्यटकों के लिए खुला है, क्योंकि अंदर जाना जोखिम भरा हो सकता है.

यहां मिलती है अंधी मछलियां: गुफा के अंदर का तापमान बाहरी मौसम की तुलना में हमेशा ठंडा और नम रहता है. यह पूरे वर्ष लगभग स्थिर रहता है. यह गुफा जैविक विविधता के लिए भी प्रसिद्ध है. यहां अंधेरी जगहों में रहने वाले कुछ विशेष जीव पाए जाते हैं, जैसे अंधी मछलियां, चमगादड़, विशेष प्रकार के कीट.

यह स्थल पर्यटकों के अलावा वैज्ञानिकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है. गुफा की संरचना, जैव विविधता और भूगर्भीय बनावट का अध्ययन किया जाता है. गुफा के अंदर कृत्रिम प्रकाश की मदद से प्राकृतिक संरचनाओं को रोशन किया गया है, जिससे यह और भी रहस्यमय और सुंदर दिखाई देती है.

कब खुलेगी गुफा: पर्यटकों के लिए 4 महीनों तक गुफा को बंद कर दिया गया है. यह गुफा अब छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के दिन पर्यटकों के लिए खुलेगी. बारिश के कारण विभाग इसे हर साल 4 महीनों के लिए बंद कर देती है, क्योंकि बारिश के पानी से गुफा पूरी तरह भर जाती है.

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Last Updated : June 17, 2025 at 7:26 PM IST
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