शिमला: हिमाचल विधानसभा बजट सत्र के दौरान जहां सदन के अंदर भाजपा सरकार पर हमलावर है. वहीं, सदन के बाहर भी भाजपा सरकार को घेरने जा रही है. 27 मार्च वीरवार को हिमाचल विधानसभा के बाहर भाजपा प्रदर्शन करने जा रही है. आज इसको लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने सभा स्थल का निरीक्षण किया और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने संचालन समिति के साथ कल के प्रदर्शन की चर्चा भी की और उचित निर्देश भी दिए.
वीरवार को शिमला में विधानसभा के बाहर भाजपा के नेता और पदाधिकारी सहित 10 हजार कार्यकर्ताओं प्रदर्शन करेंगे. इसको लेकर भाजपा तैयारियों में जुट गई है. बीजेपी प्रदेश महामंत्री बिहारी लाल शर्मा ने कहा, "27 मार्च को भाजपा का चौड़ा मैदान में विशाल प्रदर्शन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें पूरे प्रदेश से 10 हजार कार्यकर्ता भाग लेने वाले हैं. इस विशाल प्रदर्शन में पूरे प्रदेश भर से कार्यकर्ता भाग लेने जा रहे हैं".
बिहारी लाल शर्मा ने बताया कि इस प्रदर्शन में भाजपा प्रदेश प्रभारी श्रीकांत शर्मा, सह प्रभारी संजय टंडन, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर एवं प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल मौजूद रहेंगे. उनके साथ-साथ हिमाचल प्रदेश के सभी लोकसभा सांसद भी इस प्रदर्शन के भाग लेंगे. सांसदों में पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, सुरेश कश्यप, डॉ. राजीव भारद्वाज एवं कंगना रनौत उपस्थित रहेंगी.
बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि यह विशाल प्रदर्शन प्रदेश में सरकार के संरक्षण में चल रहे माफिया राज के खिलाफ है. माफिया राज प्रदेश के कण-कण में बस चुका है. ट्रांसफर, कबाड़, डब्बा, नशा, शराब, ठेकेदार, जंगल, खनन, भू, जल जैसे सभी माफिया हिमाचल प्रदेश में हावी है. भ्रष्टाचार प्रदेश में व्यापक रूप से फैल चुका है. सभी सरकारी महाकों में भ्रष्टाचार खुलकर हो रहा है, छोटे-छोटे कामों में भी भ्रष्टाचार स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है.
उन्होंने कहा कि एचपीपीसीएल मुख्य अभियंता विमल नेगी की असामान्य परिस्थितियों में हुई मौत का ऊना के पेखूबेला स्थित सौर ऊर्जा संयंत्र से कोई संबंध है या नहीं, यह जांच ही बताएगी, लेकिन निगम का प्लांट चर्चा में अवश्य आ गया है. प्रदेश में हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने की मंशा से पेखूबेला में कुछ माह पहले 32 मेगावाट का सोलर प्लांट स्थापित किया गया था. दस्तावेज बताते हैं कि प्लांट में नियमों की अनदेखी कर अहमदाबाद की कंपनी को 100 करोड़ से अधिक का अनुचित लाभ पहुंचाया गया है.
इस प्रोजेक्ट के लिए विश्व बैंक से फंडिंग होनी थी, लेकिन एचपीपीसीएल के कई अधिकारियों ने नियमों को ठेंगा दिखा सरकार की स्वीकृति के बिना ही बैंक से ऋण ले लिया. जब इन अनियमितताओं पर प्रश्न उठने लगे और सरकार ने जांच शुरू की तो प्रोजेक्ट से जुड़े अधीक्षण अभियंता को आनन फानन चार्जशीट कर उनका मुख्यालय शिमला तय कर दिया गया.
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