इंदौर : हाई कोर्ट में पिछले दिनों भाजपा पार्षद कमलेश कालरा के फर्जी जाति प्रमाण पत्र को लेकर एक याचिका लगाई गई थी, जिस पर कोर्ट ने संबंधित विभागों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के आदेश जारी किए थे. विभागों द्वारा इंदौर हाई कोर्ट के समक्ष जवाब पेश किए गए तो इस मामले में सब दूध का दूध, पानी का पानी हो गया.
फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाने के आरोप
बता दें कि भाजपा पार्षद कमलेश कालरा के खिलाफ फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाने की ये याचिका गोपाल कोटवानी और सुनील यादव के माध्यम से दायर की गई थी. याचिका के माध्यम से याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में कहा कि भाजपा पार्षद कमलेश कालरा ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाया है और उस जाति के माध्यम से बीजेपी का टिकट लेकर जीत दर्ज की है. इसी पूरे मामले को लेकर इंदौर हाई कोर्ट ने संबंधित विभागों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.
कोर्ट ने जाति प्रमाणपत्र पर सुनाया ये फैसला
इस मामले में जांच कमेटी ने तय समय के अनुसार कोर्ट के समक्ष प्रमाण प्रस्तुत किए. कलेक्टर और छानबीन समिति द्वारा विभिन्न दस्तावेज भाजपा पार्षद कमलेश कालरा की जाति को लेकर प्रस्तुत किए गए , जिसमें पाया गया कि वे जिस जाति से आते हैं उन्होंने उसी जाति का प्रमाण पत्र बनवाया था और चुनाव के दौरान लगाया था, जिसके बाद उनपर लगाए गए आरोप और याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज कर दिया गया है.
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बता दें कि भाजपा पार्षद कमलेश कालरा उस समय सुर्खियों में आए थे जब उनका विवाद भाजपा में ही मौजूद एमआईसी सदस्य जीतू यादव से हुआ था.