शिमला: हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है. हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अंदर विपक्ष ने भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया. भाजपा विधायक सुधीर शर्मा ने आरोप लगाया है कि इस पूरे मामले में बड़े अधिकारियों को बचाने की कोशिश हो रही है.
धर्मशाला से बीजेपी विधायक सुधीर शर्मा ने कहा, "पावर कारपोरेशन की कार्यप्रणाली लंबे समय से सवालों के घेरे में रही है. अब एक बड़े और ईमानदार अधिकारी की मौत ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए. इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच की जरूरत है. ऐसे में राज्य सरकार को यह जांच CBI को सौंप देनी चाहिए".
सुधीर शर्मा ने कहा कि पहले भी पावर कारपोरेशन के बड़े अधिकारियों से जुड़ा हुआ एक पत्र वायरल हुआ था, जिसमें भ्रष्टाचार के आरोप थे. लेकिन उसकी जांच नहीं करवाई गई. जबकि उस समय भी यही अधिकारी तैनात थे. राज्य सरकार जिस तरह की बात कर रही है, उससे ऐसा लगता है कि सरकार इन्हें बचाने की कोशिश में हैं. एक अधिकारी को निलंबित किया गया, जबकि एक अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
सुधीर शर्मा ने सवाल उठाया है कि क्या पुलिस ने उस वक्त भी वीडियोग्राफी की, जब विमल नेगी के शव को बरामद किया गया. इस बात की जांच होना भी जरूरी है कि क्या जब उसके शव को बरामद किया गया था, तब भी उनके पास कोई कागज मिला था या नहीं. पावर कारपोरेशन का बड़ा अधिकारी भी बिलासपुर में ही मौजूद था. जिस पर सवाल खड़े हो रहे हैं. ऐसे में इस मामले को सीबीआई को सौंपना चाहिए. ताकि दोषियों को सजा मिल सके.
ये भी पढ़ें: "विमल नेगी की मौत पर सियासत न करे विपक्ष, CBI को जांच सौंपना नहीं उचित, हिमाचल पुलिस सक्षम'