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बिहार में BJP विधायक की सदस्यता पर मंडराया खतरा, कोर्ट ने सुनाई 2 साल की सजा - BJP MLA MISHRI LAL YADAV

बिहार में बीजेपी को बड़ा झटका लग सकता है. 2 साल की सजा के कारण मिश्री लाल यादव की विधायकी खतरे में आ गई है.

BJP MLA Mishri Lal Yadav
मिश्री लाल यादव की विधायकी खतरे में (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 27, 2025 at 7:09 PM IST

3 Min Read

दरभंगा: बिहार की अलीनगर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक मिश्री लाल यादव को बड़ा झटका लगा है. उनको दरभंगा की एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी पाते हुए दो साल की सजा सुनाई है. इस फैसले से विधायक की विधायकी पर भी खतरा मंडराने लगा है.

मिश्री लाल यादव को दो साल की सजा: एडीजे-3 सुमन कुमार दिवाकर ने वादी उमेश मिश्रा की दायर याचिका (506) पर फैसला सुनाया हुए विधायक को 2 साल की सजा सुनाई है. इससे पहले उनको तीन महीने की सजा और 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया था. अब इस सजा को बढ़ाकर अदालत ने दो साल की सजा और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. भारी सुरक्षा के बीच अलीनगर विधायक मिश्री लाल यादव को जेल भेज दिया गया है.

मिश्री लाल यादव को दो साल की सजा (ETV Bharat)

क्या बोले बीजेपी विधायक?: वहीं, सजा मिलने के बाद अदालत से बाहर आये मिश्री लाल यादव ने कहा कि वह कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन वह इस निर्णय के खिलाफ पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे. उन्होंने कहा कि ऊपरी अदालत से उनको जरूर इंसाफ मिलेगा.

"मुझे न्यायालय के द्वारा 2 साल की सजा तथा एक लाख रुपया का आर्थिक दंड का सजा सुनाया गया है. मैं न्यायालय के आदेश का सम्मान करता हूं. मैं पटना उच्च न्यायालय में न्याय के लिए अपील करूंगा. मुझे उच्च न्यायालय पर पूरा भरोसा है, मुझे निश्चित रूप से न्याय मिलेगा."- मिश्री लाल यादव, बीजेपी विधायक, अलीनगर

'अब न्याय मिला मुझे': कोर्ट के फैसले पर वादी उमेश मिश्र ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा, 'जो कर रहें हैं, भगवान कर रहे हैं. आज हमें अदालत से न्याय मिला है. इससे पहले भी न्याय मिला था लेकिन उस सजा से हम खुश नहीं थे तो अपील में गए थे.'

विधायकी पर मंडराया खतरा: नियम के तहत अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में 2 साल से अधिक की सजा होती है तो उनकी सदस्यता स्वत: ही रद्द हो जाती है. हालांकि अगर ऊपरी अदालत से फैसला उनके पक्ष में आता है तो सदस्यता बहाल हो सकती है. बीजेपी विधायक मिश्री लाल यादव को कोर्ट से 2 साल की सजा मिली है, ऐसे में उनकी सदस्यता खत्म हो सकती है.

क्या है मामला?: दरअसल, समैला निवासी उमेश मिश्र ने 29 जनवरी 2019 की आपराधिक घटना को लेकर 30 जनवरी को प्राथमिकी दर्ज करायी थी. जिसमें उन्होंने घेरकर फरसे से वार करने की शिकायत की थी. साथ ही लूटपाट का भी आरोप लगाया था. इस मामले में एमपी/एमएलए की अदालत ने पहले मिश्री लाल यादव और गोसाईं टोल पचाढ़ी निवासी सुरेश यादव को दोषी करार देते हुए तीन महीने की सजा सुनाई थी लेकिन वादी की अपील के बाद आज सजा को बढ़ाकर 2 साल कर दिया गया है.

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दरभंगा: बिहार की अलीनगर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक मिश्री लाल यादव को बड़ा झटका लगा है. उनको दरभंगा की एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी पाते हुए दो साल की सजा सुनाई है. इस फैसले से विधायक की विधायकी पर भी खतरा मंडराने लगा है.

मिश्री लाल यादव को दो साल की सजा: एडीजे-3 सुमन कुमार दिवाकर ने वादी उमेश मिश्रा की दायर याचिका (506) पर फैसला सुनाया हुए विधायक को 2 साल की सजा सुनाई है. इससे पहले उनको तीन महीने की सजा और 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया था. अब इस सजा को बढ़ाकर अदालत ने दो साल की सजा और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. भारी सुरक्षा के बीच अलीनगर विधायक मिश्री लाल यादव को जेल भेज दिया गया है.

मिश्री लाल यादव को दो साल की सजा (ETV Bharat)

क्या बोले बीजेपी विधायक?: वहीं, सजा मिलने के बाद अदालत से बाहर आये मिश्री लाल यादव ने कहा कि वह कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन वह इस निर्णय के खिलाफ पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे. उन्होंने कहा कि ऊपरी अदालत से उनको जरूर इंसाफ मिलेगा.

"मुझे न्यायालय के द्वारा 2 साल की सजा तथा एक लाख रुपया का आर्थिक दंड का सजा सुनाया गया है. मैं न्यायालय के आदेश का सम्मान करता हूं. मैं पटना उच्च न्यायालय में न्याय के लिए अपील करूंगा. मुझे उच्च न्यायालय पर पूरा भरोसा है, मुझे निश्चित रूप से न्याय मिलेगा."- मिश्री लाल यादव, बीजेपी विधायक, अलीनगर

'अब न्याय मिला मुझे': कोर्ट के फैसले पर वादी उमेश मिश्र ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा, 'जो कर रहें हैं, भगवान कर रहे हैं. आज हमें अदालत से न्याय मिला है. इससे पहले भी न्याय मिला था लेकिन उस सजा से हम खुश नहीं थे तो अपील में गए थे.'

विधायकी पर मंडराया खतरा: नियम के तहत अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में 2 साल से अधिक की सजा होती है तो उनकी सदस्यता स्वत: ही रद्द हो जाती है. हालांकि अगर ऊपरी अदालत से फैसला उनके पक्ष में आता है तो सदस्यता बहाल हो सकती है. बीजेपी विधायक मिश्री लाल यादव को कोर्ट से 2 साल की सजा मिली है, ऐसे में उनकी सदस्यता खत्म हो सकती है.

क्या है मामला?: दरअसल, समैला निवासी उमेश मिश्र ने 29 जनवरी 2019 की आपराधिक घटना को लेकर 30 जनवरी को प्राथमिकी दर्ज करायी थी. जिसमें उन्होंने घेरकर फरसे से वार करने की शिकायत की थी. साथ ही लूटपाट का भी आरोप लगाया था. इस मामले में एमपी/एमएलए की अदालत ने पहले मिश्री लाल यादव और गोसाईं टोल पचाढ़ी निवासी सुरेश यादव को दोषी करार देते हुए तीन महीने की सजा सुनाई थी लेकिन वादी की अपील के बाद आज सजा को बढ़ाकर 2 साल कर दिया गया है.

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