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एक राष्ट्र-एक चुनाव को लेकर बीजेपी प्रदेशभर में चला रही अभियान, लखनऊ में बोले केशव मौर्य-1967 तक जब एक साथ चुनाव हुए तो आज कैसी समस्या - ONE NATION ONE ELECTION CAMPAIGN

1967 तक जब एक साथ चुनाव सम्पन्न हो सकते थे तो आज ऐसा करने में समस्या कैसे हो सकती - केशव प्रसाद मौर्य

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एक राष्ट्र- एक चुनाव संगोष्ठी को संबोधित करते केशव मौर्य (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : April 26, 2025 at 8:50 PM IST

4 Min Read

लखनऊ: उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शनिवार लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में एक राष्ट्र-एक चुनाव संगोष्ठी को संबोधित किया. मौर्य ने कहा कि एक देश-एक चुनाव को लेकर हम आज चर्चा कर रहे है, जिसे भविष्य में साकार होना ही है. उसे कोई टाल नही सकता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2014 में देश में सरकार बनी और कई बडे़ निर्णय लिये गए. जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म किया गया. अयोध्या में राममंदिर का निर्माण हुआ. महिलाओं को सभी जगह हिस्सेदारी दिलाने के लिए नारी शक्ति वंदन अधिनियम-2023 संसद में पास हुआ है. वक्फ संशोधन अधिनियम-2025 को गरीब मुसलमानों की भलाई के लिए लाया गया है.

मौर्य ने कहा कि देश के पूर्व राष्ट्रपति माननीय रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक देश, एक चुनाव को लेकर कमेटी गठित की गई. समिति ने 18 हजार 626 पन्नों की रिपोर्ट 18 सितम्बर 2024 को सरकार को सौंपी और अब इस विषय को लेकर पूरे देश में चर्चा चल रही है. उन्होंने कहा कि देश की आजादी के बाद सन 1967 तक जब एक साथ चुनाव सम्पन्न कराए जा सकते थे तो आज ऐसा करने में समस्या कैसे हो सकती है. मौर्य ने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर से एक देश-एक चुनाव का संदेश पूरे प्रदेश में जाना चाहिए. हमारी आवाज आपकी आवाज मिलकर हम सब की आवाज बनकर देश की आवाज बनें और एक देश-एक चुनाव से विकसित भारत का मार्ग प्रशस्त हो सके.

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि देश में लगातार चुनाव होते रहते हैं जिसके कारण आचार संहिता बार-बार लग जाती है. ऐसे में जनहित के काम, विकास के काम ठप हो जाते हैैं. शिक्षक, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को अपना विभागीय काम छोड़कर वोटर लिस्ट बनाने सहित विभिन्न चुनावी कार्यों में जुटना पड़ता है. लोकसभा और विधानसभा के चुनावों के बाद भी नगरीय निकाय चुनाव तथा पंचायत के चुनाव की प्रक्रिया चलती है और लोकहित के कार्य व राष्ट्रहित के निर्णय पीछे छूट जाते हैं.

केशव मौर्य ने कहा कि यहां से देश के सभी राजनैतिक दलों को यहां से संदेश जाना चाहिए कि राष्ट्रहित के कार्यों का विरोध नहीं करने देंगे. जब देश के बुद्धिजीवी व छात्र ये निर्णय कर लेंगे तो संदेश भी पूरे देश व प्रदेश में पहुंच जाएगा. उन्होंने कहा कि देश में चुनाव होने से हजारो-लाखों-करोड़ों रूपयों का खर्चा होता है. जब चुनाव एक साथ होंगे तो वह खर्च बचेगा. इसके साथ ही उस बचत से देश के पिछडे़ क्षेत्रों का विकास भी संभव होगा. गरीबी से मुक्त भारत बनाने के संकल्प की सिद्धि होगी भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनेगा.

उन्होेंने कहा कि विपक्ष के एक नेता विदेश में जाकर भारत की संवैधानिक संस्थाओं पर सवाल उठाते हैं. उनकी पार्टी जीते तो चुनावी प्रक्रिया सही और उनकी पार्टी सही और उनकी पार्टी हार जाए तो चुनाव आयोग खराब, चुनावी प्रक्रिया खराब. कुछ राजनैतिक दल ईडी को बंद करने की बात कर रहे है. उन्होंने कहा कि एक देश-एक चुनाव का ऐजेंडा देश का ऐजेंडा है और राष्ट्रहित का ऐजेंडा है. बीजेपी देश के धन और देश के संसाधन को बचाना चाहती है. लेकिन कांग्रेस इसमें अड़ंगा लगाने का प्रयास कर रही है. एक देश-एक चुनाव के लिए पूरे देश में जनजागरण की आवश्यकता है और इस जनजागरण में सभी को अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है. एक देश-एक चुनाव से देश समृद्ध भी होगा और आत्मनिर्भर भी होगा.

यह भी पढ़ें : पहलगाम हमले का विरोध: काली पट्टी बांध पढ़ी जुमे की नमाज, केशव प्रसाद मौर्य बोले- पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब मिलेगा


लखनऊ: उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शनिवार लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में एक राष्ट्र-एक चुनाव संगोष्ठी को संबोधित किया. मौर्य ने कहा कि एक देश-एक चुनाव को लेकर हम आज चर्चा कर रहे है, जिसे भविष्य में साकार होना ही है. उसे कोई टाल नही सकता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2014 में देश में सरकार बनी और कई बडे़ निर्णय लिये गए. जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म किया गया. अयोध्या में राममंदिर का निर्माण हुआ. महिलाओं को सभी जगह हिस्सेदारी दिलाने के लिए नारी शक्ति वंदन अधिनियम-2023 संसद में पास हुआ है. वक्फ संशोधन अधिनियम-2025 को गरीब मुसलमानों की भलाई के लिए लाया गया है.

मौर्य ने कहा कि देश के पूर्व राष्ट्रपति माननीय रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक देश, एक चुनाव को लेकर कमेटी गठित की गई. समिति ने 18 हजार 626 पन्नों की रिपोर्ट 18 सितम्बर 2024 को सरकार को सौंपी और अब इस विषय को लेकर पूरे देश में चर्चा चल रही है. उन्होंने कहा कि देश की आजादी के बाद सन 1967 तक जब एक साथ चुनाव सम्पन्न कराए जा सकते थे तो आज ऐसा करने में समस्या कैसे हो सकती है. मौर्य ने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर से एक देश-एक चुनाव का संदेश पूरे प्रदेश में जाना चाहिए. हमारी आवाज आपकी आवाज मिलकर हम सब की आवाज बनकर देश की आवाज बनें और एक देश-एक चुनाव से विकसित भारत का मार्ग प्रशस्त हो सके.

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि देश में लगातार चुनाव होते रहते हैं जिसके कारण आचार संहिता बार-बार लग जाती है. ऐसे में जनहित के काम, विकास के काम ठप हो जाते हैैं. शिक्षक, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को अपना विभागीय काम छोड़कर वोटर लिस्ट बनाने सहित विभिन्न चुनावी कार्यों में जुटना पड़ता है. लोकसभा और विधानसभा के चुनावों के बाद भी नगरीय निकाय चुनाव तथा पंचायत के चुनाव की प्रक्रिया चलती है और लोकहित के कार्य व राष्ट्रहित के निर्णय पीछे छूट जाते हैं.

केशव मौर्य ने कहा कि यहां से देश के सभी राजनैतिक दलों को यहां से संदेश जाना चाहिए कि राष्ट्रहित के कार्यों का विरोध नहीं करने देंगे. जब देश के बुद्धिजीवी व छात्र ये निर्णय कर लेंगे तो संदेश भी पूरे देश व प्रदेश में पहुंच जाएगा. उन्होंने कहा कि देश में चुनाव होने से हजारो-लाखों-करोड़ों रूपयों का खर्चा होता है. जब चुनाव एक साथ होंगे तो वह खर्च बचेगा. इसके साथ ही उस बचत से देश के पिछडे़ क्षेत्रों का विकास भी संभव होगा. गरीबी से मुक्त भारत बनाने के संकल्प की सिद्धि होगी भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनेगा.

उन्होेंने कहा कि विपक्ष के एक नेता विदेश में जाकर भारत की संवैधानिक संस्थाओं पर सवाल उठाते हैं. उनकी पार्टी जीते तो चुनावी प्रक्रिया सही और उनकी पार्टी सही और उनकी पार्टी हार जाए तो चुनाव आयोग खराब, चुनावी प्रक्रिया खराब. कुछ राजनैतिक दल ईडी को बंद करने की बात कर रहे है. उन्होंने कहा कि एक देश-एक चुनाव का ऐजेंडा देश का ऐजेंडा है और राष्ट्रहित का ऐजेंडा है. बीजेपी देश के धन और देश के संसाधन को बचाना चाहती है. लेकिन कांग्रेस इसमें अड़ंगा लगाने का प्रयास कर रही है. एक देश-एक चुनाव के लिए पूरे देश में जनजागरण की आवश्यकता है और इस जनजागरण में सभी को अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है. एक देश-एक चुनाव से देश समृद्ध भी होगा और आत्मनिर्भर भी होगा.

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