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बीजेपी ने कल्पना सोरेन को बताया राजनीति में परिवारवाद का ताजा उदाहरण, सुप्रियो से मिला ऐसा जवाब! - BJP TARGETED JMM

बीजेपी ने जेएमएम पर कल्पना सोरेन के बहाने परिवारवाद करने का आरोप लगाया है.

jmm leader kalpana soren
जेएमएम विधायक कल्पना सोरेन (Etv Bharat)
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Published : April 13, 2025 at 12:00 PM IST

Updated : April 13, 2025 at 12:53 PM IST

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रांची: राज्य में सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के 13वें केंद्रीय महाधिवेशन से पहले पक्ष-विपक्ष के बीच बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. 13वें महाधिवेशन में सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी और जेएमएम विधायक कल्पना सोरेन को पार्टी में बड़े पद मिलने के कयास लगाए जा रहे हैं.

इन कयासों पर बीजेपी के प्रदेश महामंत्री और राज्यसभा सांसद प्रदीप वर्मा ने जब राजनीति में परिवारवाद का उदाहरण बताया है. उन्होंने कहा कि राजनीति से दूर-दूर तक नाता नहीं रखने वाली, स्कूल और शिक्षा कार्यक्रम में लगी कल्पना सोरेन का राजनीति में आना और बड़ा पद पा जाना ही परिवारवाद है.

कल्पना सोरेन पर बीजेपी- जेएमएम आमने सामने (Etv bharat)

बीजेपी रूपी राजनीतिक दानव का संहार करेंगी कल्पना सोरेन

झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता सुप्रियो भट्टाचार्य बीजेपी से राज्यसभा सांसद की टिप्पणी पर जवाब दिया है. उन्होंने तो कल्पना सोरेन की तुलना देवी पार्वती और मां दुर्गा से कर दी. उन्होंने कहा कि शिवजी की पत्नी के रूप में पार्वती जी घर में ही रहती थीं लेकिन जब दानवों का आतंक बढ़ा तो सभी देवताओं ने उन्हें अपने अस्त्र-शस्त्र दिए और फिर वह घर से बाहर आकर दुर्गा के रूप में दानवों का संहार किया. आज बीजेपी रूपी राजनीतिक दानव का संहार करने के लिए कल्पना सोरेन राजनीति में आई हैं. उन्होंने कहा कि हर महिला शक्ति-स्वरूपा होती है, बीजेपी को धार्मिक ज्ञान बढ़ाने की जरूरत है.

राजनीति में परिवारवाद को लेकर बीजेपी की यह है परिभाषा

हर राजनीतिक दल में कई नेताओं की अगली पीढ़ी पॉलिटिक्स में है. बीजेपी में भी ऐसे कई नेता हैं, जिनके बाल बच्चे आज विधायक, एमपी और मंत्री हैं, तो फिर बीजेपी राजनीति में परिवारवाद पर इतनी मुखर क्यों होती है? इस सवाल के जवाब में बीजेपी के प्रदेश महामंत्री और राज्य सभा सांसद प्रदीप वर्मा ने कहा कि 'एक राजनीति कार्यकर्ता का पुत्र-पुत्री, पुत्रवधु या परिवार के सदस्य होने के नाते अगर राजनीति के क्षेत्र में प्रतिनिधित्व करते हैं. उत्तराधिकार को आगे बढ़ाते हैं तो उसका बीजेपी विरोध करती है.

JMM MLA KALPANA SOREN
जेएमएम नेता और विधायक कल्पना सोरेन (Etv bharat)

बीजेपी सांसद ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति किसी राजनीतिक परिवार से जुड़ा है लेकिन उसने अपनी पहचान एक पॉलिटिकल वर्कर्स के रूप में अपनी मेहनत से बनाई है तो उसे राजनीति में आना ही चाहिए. लेकिन कल्पना सोरेन कभी राजनीति में सक्रिय ही नहीं रही, वह स्कूल चलाती थीं, शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी हुई थीं.

बीजेपी सांसद ने इस मामले पर आगे कहा कि एक पद पर आकर मेहनत करना और मेहनत करते-करते उस पद के लायक बनना ये दो अलग अलग बातें हैं. उन्होंने कहा कि एक समय में समाजवादी पार्टी में एक परिवार के 22 लोग पदधारी थे, बगल के राज्य में तृणमूल कांग्रेस में ममता बनर्जी के बाद उनका भतीजा उत्तराधिकारी होगा यह तय है, यही राजनीति में परिवारवाद है.

ये भी पढ़े: जेएमएम का बढ़ता कुनबा: आजसू नेता की पत्नी नीरू शांति भगत झामुमो में शामिल

वक्फ संशोधन बिल के विरोध में प्रदर्शन, पूर्व मंत्री मिथलेश ठाकुर हुए शामिल

विधायक ने अवैध कोयले के डिपो पर डाली रेड, प्रशासन और बीसीसीएल अधिकारी पर बिफरीं

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इन कयासों पर बीजेपी के प्रदेश महामंत्री और राज्यसभा सांसद प्रदीप वर्मा ने जब राजनीति में परिवारवाद का उदाहरण बताया है. उन्होंने कहा कि राजनीति से दूर-दूर तक नाता नहीं रखने वाली, स्कूल और शिक्षा कार्यक्रम में लगी कल्पना सोरेन का राजनीति में आना और बड़ा पद पा जाना ही परिवारवाद है.

कल्पना सोरेन पर बीजेपी- जेएमएम आमने सामने (Etv bharat)

बीजेपी रूपी राजनीतिक दानव का संहार करेंगी कल्पना सोरेन

झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता सुप्रियो भट्टाचार्य बीजेपी से राज्यसभा सांसद की टिप्पणी पर जवाब दिया है. उन्होंने तो कल्पना सोरेन की तुलना देवी पार्वती और मां दुर्गा से कर दी. उन्होंने कहा कि शिवजी की पत्नी के रूप में पार्वती जी घर में ही रहती थीं लेकिन जब दानवों का आतंक बढ़ा तो सभी देवताओं ने उन्हें अपने अस्त्र-शस्त्र दिए और फिर वह घर से बाहर आकर दुर्गा के रूप में दानवों का संहार किया. आज बीजेपी रूपी राजनीतिक दानव का संहार करने के लिए कल्पना सोरेन राजनीति में आई हैं. उन्होंने कहा कि हर महिला शक्ति-स्वरूपा होती है, बीजेपी को धार्मिक ज्ञान बढ़ाने की जरूरत है.

राजनीति में परिवारवाद को लेकर बीजेपी की यह है परिभाषा

हर राजनीतिक दल में कई नेताओं की अगली पीढ़ी पॉलिटिक्स में है. बीजेपी में भी ऐसे कई नेता हैं, जिनके बाल बच्चे आज विधायक, एमपी और मंत्री हैं, तो फिर बीजेपी राजनीति में परिवारवाद पर इतनी मुखर क्यों होती है? इस सवाल के जवाब में बीजेपी के प्रदेश महामंत्री और राज्य सभा सांसद प्रदीप वर्मा ने कहा कि 'एक राजनीति कार्यकर्ता का पुत्र-पुत्री, पुत्रवधु या परिवार के सदस्य होने के नाते अगर राजनीति के क्षेत्र में प्रतिनिधित्व करते हैं. उत्तराधिकार को आगे बढ़ाते हैं तो उसका बीजेपी विरोध करती है.

JMM MLA KALPANA SOREN
जेएमएम नेता और विधायक कल्पना सोरेन (Etv bharat)

बीजेपी सांसद ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति किसी राजनीतिक परिवार से जुड़ा है लेकिन उसने अपनी पहचान एक पॉलिटिकल वर्कर्स के रूप में अपनी मेहनत से बनाई है तो उसे राजनीति में आना ही चाहिए. लेकिन कल्पना सोरेन कभी राजनीति में सक्रिय ही नहीं रही, वह स्कूल चलाती थीं, शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी हुई थीं.

बीजेपी सांसद ने इस मामले पर आगे कहा कि एक पद पर आकर मेहनत करना और मेहनत करते-करते उस पद के लायक बनना ये दो अलग अलग बातें हैं. उन्होंने कहा कि एक समय में समाजवादी पार्टी में एक परिवार के 22 लोग पदधारी थे, बगल के राज्य में तृणमूल कांग्रेस में ममता बनर्जी के बाद उनका भतीजा उत्तराधिकारी होगा यह तय है, यही राजनीति में परिवारवाद है.

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Last Updated : April 13, 2025 at 12:53 PM IST
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