शिमला: वर्ष 1819 से अस्तित्व में आया शिमला जहां अपनी ऐतिहासिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है. वहीं, ब्रिटिशर्स ने 1864 में शिमला को भारत की राजधानी घोषित किया था. शिमला नगर भारत के सबसे पुराने नगर निगमों में से एक है. इसे पहली बार दिसंबर, 1851 में अधिनियम XXVI, 1850 के प्रावधानों के तहत नगर कमेटी के रूप में गठित किया गया था. डेढ़ सौ वर्षों से अधिक पुरानी नगर निगम शिमला अब 1870 से लेकर 2015 तक के जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र ऑनलाइन उपलब्ध करवाएगी.
नगर निगम शिमला ने वर्ष 1870 से 2015 तक का जन्म एवं मृत्यु का सारा डाटा अब ऑनलाइन कर दिया है. CM सुखविंदर सिंह सुक्खू जल्द इस सेवा का शुभारंभ करेंगे. देश के विभिन्न कोनों में रह रहे लोग ही नहीं, बल्कि विदेशी भी अब घर बैठे अपने जन्म एवं मृत्यु प्रमाणपत्र चंद मिनटों में एक क्लिक के साथ पा सकेंगे. पहले लोगों को कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे. आजादी से पहले शिमला में रह रहे ब्रिटिशर्स और अन्य विदेशियों के रिश्तेदार इस रिकॉर्ड को निकालने के लिए शिमला पहुंचते थे. अब सात समंदर पार कर उन विदेशी लोगों को शिमला में आने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. उन्हें घर द्वार पर ही अब रिकॉर्ड उपलब्ध हो जाएगा.
सर्टिफिकेट के लिए देना होगा शुल्क
महापौर सुरेंद्र चौहान ने बताया कि 'शिमला नगर निगम भारत की सबसे पुराने नगर निगम में से एक है. ब्रिटिशकालीन समय मे शिमला भारत की राजधानी थी. शिमला नगर निगम के पास 1870 से जन्म एवं मृत्यु का डाटा उपलब्ध है. नगर निगम शिमला अब लोगों को घर पर ही जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र उपलब्ध करवाएगा. नगर निगम शिमला ने वर्ष 1870 से 2015 तक का सारा डाटा ऑनलाइन कर दिया है. इस समय नगर निगम शिमला के पास 2,37,741 लोगों के जन्म और 73,940 लोगों की मृत्यु का डाटा है, जो कुल मिलाकर 3,11,681 तक पहुंचता है, जिसे निगम ने अब ऑनलाइन कर दिया है. ये डाटा वर्ष 1870 से 2015 तक का है. कोई भी देश के कोने में हो या विदेश में वो अपना और अपने रिश्तेदारों के जन्म एवं मृत्यु का प्रमाणपत्र कुछ ही मिनटों में घर बैठे प्राप्त कर सकता है. बहुत से विदेशी हर साल अपने रिश्तेदारों के जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र लेने शिमला नगर निगम आते थे. अब उन लोगों को घर बैठे ही ये सुविधा मिल जाएगी. प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए मात्र 50 रुपये अदा करने होंगे और वो अपना प्रमाण पत्र डाउनलोड कर सकता है. डाटा ऑनलाइन कर दिया गया है जल्द ही मुख्यमंत्री इस सेवा का शुभारंभ करेंगे.'

नगर निगम शिमला के पास सालों पुराना रिकॉर्ड
नगर निगम शिमला के पास 1870 से 1947 तक के रिकॉर्ड में सैकड़ों ब्रिटिश लोगों के बर्थ और डेथ का रिकॉर्ड शामिल है. देश-विदेश के कई लोग निगम दफ्तर आकर अपने पूर्वजों का रिकॉर्ड लेते हैं. कई ऐसे लोग भी हैं जो शिमला घूमने आते हैं और यहां से यादों के रूप में अपने पूर्वजों के जन्म संबंधी प्रमाण पत्र लेकर जाते हैं. हर साल विदेशी नगर निगम में अपने परिजनों का रिकॉर्ड लेने नगर निगम पहुचते हैं. नगर निगम में अभी भी उस समय के रजिस्टर मौजूद हैं, जिसमें जन्म मृत्यु की तिथि अंकित है.
दादा का वर्थ सर्टिफिकेट लेने इंग्लैंड से शिमला पहुंचा पोता
13 मई को ब्रिटिश नागरिक ऑस्कर तोश इंग्लैंड के हैंपशायर से अपने दादा मेलकम तोश का जन्म प्रमाण पत्र लेने के लिए शिमला पहुंचे थे, क्योंकि उनके दादा मेलकम का जन्म यहीं हुआ था. ब्रिटिश शासनकाल में मेलकम का परिवार शिमला में रहता था. यहीं पर 14 मई 1934 को मेलकम का जन्म हुआ. मेलकम का बचपन भी यहीं बीता था. 14 मई को मेलकम तोश का बर्थड़े था. इससे पहले ही ऑस्कर तोश अपने दादा को बर्थड़े गिफ्ट में उनका बर्थ सर्टिफिकेट देने के लिए शिमला पहुंचे. 13 मई की शाम करीब 4:00 बजे नगर निगम दफ्तर से उन्हें अपने दादा के जन्म का पूरा रिकॉर्ड मिल गया.

106 साल बाद लिया मां का बर्थ सर्टिफिकेट
साल 2020 इंग्लैंड से आए एक दंपति को 1914 में जन्मी उनकी पूर्वज का प्रमाण पत्र नगर निगम शिमला ने दिया. इंग्लैंड के साउथैम्पटन शहर की जेलियन अपने पति के साथ शिमला घूमने पहुंची थी. इस दौरान जेलियन नगर निगम के संयुक्त आयुक्त के पास पहुंची और उन्हें बताया कि उनकी मां का जन्म शिमला में हुआ था. उसका रिकॉर्ड मांगने के लिए अर्जी भी दी. इसके बाद निगम की स्वास्थ्य शाखा ने उन्हें उनकी मां का जन्मप्रमाण पत्र दिया. हाथ से लिखा हुआ इतने साल पहले का रिकॉर्ड देख दंपति हैरान रह गए. जन्म रिकॉर्ड के मुताबिक 22 सितंबर 1914 को जेलियन की मां का जन्म शिमला में हुआ था.
आजादी से पहले शिमला अंग्रेजों की ग्रीष्मकालीन राजधानी हुआ करती थी. अंग्रेज अधिकारी शिमला में रहा करते थे. दिसंबर 1851 में नगर निगम शिमला को बतौर नगर कमेटी के रूप में गठित किया गया था. 31 जुलाई 1871 में शिमल प्रथम श्रेणी नगर पालिका गठित हुई. ब्रिटिश लोगों का पंजीकरण यहां पर हुआ करता था. 1884 में इसे पंजाब म्युनिसिपल एक्ट के तहत नगर निगम बनाया गया, जबकि हिमाचल प्रदेश के गठन होने के बाद हिमाचल प्रदेश म्युनिसिपल एक्ट के तहत नगर निगम का गठन किया गया.