बिलासपुर: हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज बंदला के निदेशक सह प्राचार्य डॉ. हिमांशु मौंगा को छात्रा से छेड़छाड़ के आरोपों के चलते निलंबित कर दिया गया है. तकनीकी शिक्षा विभाग ने उन्हें तत्काल प्रभाव से सुंदरनगर स्थित तकनीकी शिक्षा निदेशालय में अटैच कर दिया है और इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी कर दिए गए हैं.
जानकारी के अनुसार 19 मार्च 2024 को पीड़ित ठात्रा गर्ल्स हॉस्टल के बाहर अपनी सहेलियों के साथ थी, तभी अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई और उसे चक्कर आ गया. हॉस्टल की केयरटेकर ने इस स्थिति की सूचना कॉलेज प्राचार्य डॉ. हिमांशु मौंगा को दी. इसके बाद वे सरकारी गाड़ी में चालक के साथ छात्रा को जिला अस्पताल ले गए. छात्रा के अनुसार, अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टर ने उसे भर्ती कर लिया और कुछ दवाइयां लिखी. जब चालक दवा लेने बाहर गया, तो उसी दौरान प्राचार्य ने अस्पताल में छात्रा के बैड के पास बैठकर गलत नीयत से उसके पैरों और टांगों को छुआ, जिससे छात्रा की गरिमा को ठेस पहुंची.
छात्रा की सहेलियों ने इस घटना का वीडियो अपने मोबाइल से रिकॉर्ड कर लिया. इस घटना के बाद छात्रा मानसिक तनाव में थी और कॉलेज प्रबंधन से जुड़े व्यक्ति के खिलाफ तुरंत शिकायत करने में हिचकिचा रही थी, लेकिन गत सप्ताह जब वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ, तो मामला ने तूल पकड़ लिया. इसके बाद छात्रा ने ई-समाधान पोर्टल पर 8 अप्रैल 2025 को औपचारिक शिकायत दर्ज करवाई.
बता दें कि 21 मई को कॉलेज परिसर में छात्रों ने जोरदार प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया और डॉ. मौंगा को हिरासत में लिया. प्रारंभिक पूछताछ के बाद उन्हें नोटिस देकर रिहा कर दिया गया. इस दौरान पीड़िता के अलावा कई अन्य छात्राओं ने भी प्राचार्य पर अशोभनीय व्यवहार के आरोप लगाए, जिससे मामला और गंभीर हो गया.
मामले की गंभीरता को देखते हुए तकनीकी शिक्षा विभाग ने एक जांच कमेटी गठित की, जिसमें महिला सदस्यों को भी शामिल किया गया. कमेटी ने कॉलेज स्टाफ और विद्यार्थियों के बयान दर्ज किए और अंततः अपनी रिपोर्ट विभागीय निदेशक को सौंपी. यह रिपोर्ट आगे शिक्षा विभाग के सचिव को भेजी गई, जिसके आधार पर प्राचार्य डॉ. मौंगा के निलंबन के आदेश जारी किए गए.
तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने मामले को लेकर कहा, "छात्राओं की सुरक्षा सर्वोपरि है. ऐसे मामलों में सरकार कोई समझौता नहीं करेगी. दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी".
वहीं, डॉ. मौंगा को निलंबन अवधि में तकनीकी शिक्षा निदेशालय, सुंदरनगर में रिपोर्टिंग करने के आदेश दिए गए हैं. विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि मामले की विभागीय जांच अभी जारी है और दोष सिद्ध होने पर आगे की कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.