पटना: सर्वाइकल कैंसर एक गंभीर बीमारी है और भारत में इसके मरीजों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ बिहार ने निशुल्क एचपीवी वैक्सीनेशन की शुरुआत कर दी है. फिलहाल इसकी शुरुआत अभी प्रदेश के 5 जिलों में हुई है जिसमें पटना, नालंदा, सिवान, पूर्णिया और मुजफ्फरपुर शामिल है.
निशुल्क टीकाकरण में बना देश का पहला राज्य: इस अभियान की शुरुआत पटना के आईजीआईएमएस परिसर से की गई, जहां 100 बच्चियों को इस वैक्सीन से टीकाकृत किया गया. इसके साथ ही बिहार देश में पहला राज्य बन गया जिसे सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ निशुल्क टीकाकरण अभियान की शुरुआत की है. बिहार में अब मुख्यमंत्री बालिका कैंसर प्रतिरक्षण योजना के तहत बच्चेदानी के मुख्य कैंसर से बचाव के लिए 9 वर्ष से 14 वर्ष की बच्चियों को निशुल्क एचपीवी टीकाकरण का लाभ मिलेगा.
सर्वाइकल कैंसर से 17 परसेंट मौतें: स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि वह पिछले 6 साल से स्वास्थ्य विभाग में मंत्री हैं लेकिन उनके कार्यकाल का सबसे महत्वपूर्ण दिन ये है. जब बालिकाओं को सर्वाइकल कैंसर से सुरक्षित करने के लिए इतने बड़े अभियान की शुरुआत की गई है. सर्वाइकल कैंसर गंभीर बीमारी है जो अधिकांश तौर पर 26 से 38 वर्ष की आयु की महिलाओं को ग्रसित करता है. देश में विभिन्न प्रकार के कैंसर से होने वाली मौतों में 17 परसेंट मौत सर्वाइकल कैंसर से होती है. सर्वाइकल कैंसर के विश्व में प्रत्येक 5 मरीजों में एक भारतीय है और भारत के प्रत्येक 5 मरीज में एक बिहार से है.
बिहार ने की बड़ी पहल: स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि देश में कई ऐसे राज्य हैं जो आर्थिक रूप से बिहार से काफी सशक्त हैं लेकिन वहां इस अभियान की शुरुआत नहीं हुई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर जब उन्होंने सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ निशुल्क टीकाकरण शुरू करने की बात कही तो मुख्यमंत्री तुरंत मान गए. ऐसा इसलिए कि बिहार गरीब प्रदेश है और सर्वाइकल कैंसर का जो वैक्सीन होता है, ह्यूमन पेपिलोमा वायरस का टीका, वह काफी खर्चीला होता है. ऐसे में बिहार के गरीब जनता के लिए यह संभव नहीं था. इसलिए सरकार ने अपनी ओर से टीका के माध्यम से सर्वाइकल कैंसर से सुरक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया.
सभी जिलों में कब शुरू होगा टीकाकरण अभियान: स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि अभी प्रदेश के पांच जिले में इसकी शुरुआत हुई है और सभी जिला अस्पताल में यह टीका मिलेगा. 1 महीने के भीतर प्रदेश के सभी जिलों में मुख्यमंत्री बालिका कैंसर प्रतिरक्षण योजना के तहत बच्चेदानी के मुंह के कैंसर से बचाव के लिए निशुल्क एचपीवी टीकाकरण की शुरुआत हो जाएगी. इसे नियमित टीकाकरण की श्रेणी में डाला गया है, जो बच्चियों को दी जाएगी. 9 वर्ष से 14 वर्ष की आयु वर्ग की बालिकाओं को इस योजना के तहत निशुल्क टीका मिलेगा.
"इस वैक्सीन का दो डोज बच्चियों को दिया जाएगा जिसमें पहले डोज की 6 महीने के बाद दूसरा डोज दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि राज्य में अभी के समय 12 प्रकार की जानलेवा बीमारी के खिलाफ नियमित टीकाकरण अभियान चल रहा है."- मंगल पांडेय, स्वास्थ्य मंत्री
वैक्सीनेशन में 1 साल में होगा कितना खर्च: स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि इस टीकाकरण अभियान में अगले 1 साल में अनुमान है कि 150 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य विभाग को कैबिनेट से राशि उपलब्ध करा दी है. अगले 1 साल में एक करोड़ बच्चियों को इस वैक्सीन के माध्यम से उनमें सर्वाइकल कैंसर के खतरा को कम किया जाएगा, ताकि जब बच्चियां बड़ी हो तो एक स्वस्थ महिला के रूप में अपनी भूमिका निभा सकें. बिहार ने आज यह ऐतिहासिक पहल शुरू की है और बिहार के इस पहल का आने वाले दिनों में दूसरे राज्य अनुकरण करेंगे.
अब बिहार बीमारू नहीं बल्कि स्वस्थ प्रदेश: उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में बिहार में जितने काम हुए हैं, उससे देश में बिहार की अवधारणा बदली है. पहले इसे बीमारू प्रदेश कहते थे लेकिन अब बिहार बीमारू प्रदेश ना होकर स्वस्थ प्रदेश बन गया है. वहीं सिर्फ शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी बिहार सशक्त बना है. बिहार के लोगों को केंद्र सरकार और बिहार सरकार के माध्यम से स्वास्थ्य बीमा की योजनाओं से जोड़ा गया है ताकि किसी को पैसे के अभाव में इलाज की कमी ना हो.
एक करोड़ बच्चियों को वैक्सीन का लक्ष्य: उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि आज तक देश के किसी राज्य ने एक साल के भीतर एक करोड़ बच्चियों को टीकाकृत नहीं किया है. सर्वाइकल कैंसर से बचने का लक्ष्य किसी ने नहीं रखा है और ना ही पूरा किया है. बिहार ने ऐसा लक्ष्य रखा है और यह पूरा भी होगा. वह प्रदेश के वित्त मंत्री भी हैं और स्वास्थ्य क्षेत्र में इलाज की दिशा में कभी भी प्रदेश में पैसे की कमी नहीं होने देंगे.
"स्वास्थ्य क्षेत्र का कोई भी अभियान पैसे की कमी के कारण अवरोध नहीं होगा. प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र में कई काम हुए हैं और अभी कई काम चल रहे हैं. गंभीर बीमारियों के इलाज की बेहतर सुविधा विकसित हुई है और प्रदेश की सरकार प्रदेश के सभी लोगों के स्वास्थ्य की चिंता करती है."-सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री
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