पटना: बिहार शिक्षा विभाग ने प्रधान शिक्षक पद के अभ्यर्थियों के लिए जिला आवंटन की कार्रवाई का अनुपालन अनिवार्य कर दिया है. इसको लेकर शिक्षा विभाग ने लेटर जारी कर प्रधान शिक्षकों को चेतावनी दी गई. पत्र में कहा गया है कि बिना तथ्यों के जानकारी के विभाग द्वारा ट्रांसफर पर सवाल नहीं खड़ा करें. विकल्पों के अनुसार जिला आवंटित किया गया है.
प्रधान शिक्षकों को निर्देश: दरअसल, काउंसलिंग में सफल 36333 अभ्यर्थियों से प्राप्त विकल्प एवं जिलावार उपलब्ध रिक्तियों के आलोक में सॉफ्टवेयर के माध्यम से कुल 32688 अभ्यर्थियों को उनके विकल्प (प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय) के अनुरूप आवंटित जिला की अनुशंसा की गयी है, लेकिन कुछ अभ्यर्थी जिला आवंटन को लेकर सवाल खड़ा कर रहे हैं. इस पर शिक्षा विभाग की ओर निर्देश जारी कर किया गया है.

93 प्रतिशत सफल अभ्यर्थी: प्राथमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि बीपीएससी ने आरक्षण रोस्टर के अनुसार 36947 सफल अभ्यर्थियों की अनुशंसा विभाग को उपलब्ध करायी है जिसमें विभाग द्वारा निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप कुल 35333 अभ्यर्थियों में से कुल 32688 को उनके द्वारा दिये गये विकल्प के अनुसार जिला का आवंटन किया गया है. जो लगभग 93 प्रतिशत है.
शिक्षा विभाग ने जारी किया स्पष्टीकरण: विभागीय आदेश में कहा गया है कि प्रधान शिक्षक पद के सफल कुछ अभ्यर्थियों द्वारा यह जिज्ञासा व्यक्त की जा रही है कि मेधा क्रम में ऊपर रहने के बावजूद उन्हें विकल्प का लाभ नहीं मिला, जबकि मेधा क्रम में नीचे वाले को विकल्प के अनुरूप जिला आवंटित किया गया है. अभ्यर्थियों के इसी सवाल को लेकर शिक्षा विभाग ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा है यह जिला स्तरीय संवर्ग है, इसलिए जिला में कोटिवार स्वीकृत पद के अनुरूप ही पदस्थापन की कार्रवाई की जानी है.

विभागीय समीक्षा की गई: वस्तुस्थिति यह है कि शिक्षा विभाग द्वारा सामान्य कोटि में अनुशंसित अभ्यर्थियों को उनके मेधा क्रम में, आर्थिक रूप से पिछड़े अभ्यर्थियों को उनके मेधा क्रम, पिछड़ा वर्ग के उनके मेधा क्रम में, अति पिछड़ा वर्ग को उनके मेधा क्रम में, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति को उनके मेधा क्रम के अनुरूप विकल्प के आधार पर जिला आवंटन की कार्रवाई की गयी है.
जिलेवार स्वीकृत पद के अनुसार पोस्टिंग: प्रधान शिक्षक पद के लिए अनुशंसित पिछड़ा वर्ग की कुल सफल अभ्यर्थियों की संख्या देखी जाए तो यह संख्या सामान्य कोटि के तहत 4403 एवं पिछड़ा वर्ग के तहत 4549 है, जबकि पिछड़ा वर्ग के लिए जिलावार प्रधान शिक्षक पद के लिए कुल निर्धारित पदों की संख्या मात्र 4549 है. यही स्थिति अन्य कोटि में भी है.
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