पटना: बिहार में खेल को बढ़ावा और खिलाड़ियों को सम्मान देने के उद्देश्य से शुरू की गई "मेडल लाओ, नौकरी पाओ" योजना एक बड़ा बदलाव लेकर आई है. इसके तहत अब तक की सबसे बड़ी नियुक्ति प्रक्रिया का आयोजन होने जा रहा है. राज्य खेल प्राधिकरण और खेल विभाग द्वारा संयुक्त रूप से की गई स्क्रूटनी में 88 खिलाड़ियों का चयन किया गया है.
88 में 21 खिलाड़ी बनेंगे सब-इंस्पेक्टर: इस महीने एक भव्य समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों खिलाड़ियों को नियुक्ति पत्र दिया जाएगा. राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवीन्द्रण शंकरण ने बताया कि चयनित 88 खिलाड़ियों में से 21 खिलाड़ियों को 4200 ग्रेड पे की नौकरी दी जाएगी, जिनमें पुलिस विभाग में सब-इंस्पेक्टर जैसे पद शामिल हैं. शेष खिलाड़ियों को 1900 और 1800 ग्रेड पे की सरकारी नौकरियों में नियुक्त किया जाएगा.
कब दिया जाएगा नियुवक्ति पत्र: इन खिलाड़ियों में उत्तराखंड नेशनल गेम्स सहित विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को वरीयता दी गई है. रवीन्द्रण शंकरण ने यह भी बताया कि इन सभी खिलाड़ियों की नियुक्ति की प्रक्रिया मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दी गई है. जैसे ही मुख्यमंत्री का समय मिलेगा, उसी महीने एक बड़े आयोजन के तहत नियुक्ति पत्र सौंपे जाएंगे.
पदक जीतने वाले खिलाड़ियों की सीधे नियुक्ति: "मेडल लाओ, नौकरी पाओ" योजना की शुरुआत बिहार सरकार ने साल 2010 में की थी. इस योजना का उद्देश्य राज्य के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देकर उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करना है. इसके तहत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को सीधे नियुक्ति देने का प्रावधान है.
योजना की शुरुआत और अब तक की उपलब्धियां: साल 2023 में इसमें सुधार करते हुए उत्कृष्ट खिलाड़ी सीधी नियुक्ति नियमावली लाई गई. जिसमें खिलाड़ियों को परीक्षा और इंटरव्यू नहीं देने होते हैं. इस योजना के तहत वर्ष 2023-24 में ही 71 खिलाड़ियों को नियुक्त किया गया, जिनमें 42 लड़कियां शामिल थीं. सब इंस्पेक्टर, बीडीओ और लिपिक के पद पर नियुक्ति हुई थी.
3 महीने में 200 और खिलाड़ियों को मिलेगा नियुक्ति पत्र: महानिदेशक रवीन्द्रण शंकरण ने यह भी जानकारी दी कि वर्तमान में लगभग 200 अन्य खिलाड़ियों के आवेदन पर स्क्रूटनी की प्रक्रिया चल रही है. आगामी तीन महीनों में इन योग्य खिलाड़ियों को भी इस योजना के तहत नौकरी दी जाएगी. इससे न केवल खिलाड़ियों को सामाजिक सुरक्षा मिलेगी, बल्कि राज्य में खेलों को लेकर एक नई जागरूकता भी उत्पन्न होगी.
"बिहार सरकार की यह पहल देशभर में एक मिसाल बनकर उभर रही है, जहां खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन को सीधे रोजगार से जोड़ा जा रहा है. इससे युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिल रहा है और राज्य में खेलों की स्थिति भी मजबूती हुई है. इस योजना के तहत नौकरी पाने वाले खिलाड़ियों को नौकरी मिलने के बाद कम से कम 5 साल अपने खेल विद्या में खेल खेलने होते हैं."-रवीन्द्रण शंकरण, महानिदेशक, राज्य खेल प्राधिकरण
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