ETV Bharat / state

राज्य सरकार और डी फार्मा धारकों को HC से बड़ी राहत, बी फार्मा और एम फार्मा की याचिकाएं खारिज - PATNA HIGH COURT

पटना हाईकोर्ट ने फार्मासिस्ट बहाली में डी फार्मा को अनिवार्य मानते हुए बी और एम फार्मा याचिकाएं खारिज कीं.

पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : April 10, 2025 at 6:43 PM IST

2 Min Read

पटना : बिहार की पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के उस फैसले को सही ठहराया है, जिसमें फार्मासिस्टों की बहाली के लिए डिप्लोमा इन फार्मेसी को अनिवार्य योग्यता माना गया है. यह फैसला एक्टिंग चीफ जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने दिया है.

याचिकाकर्ताओं ने उठाई थी बी फार्मा और एम फार्मा की मान्यता की मांग : संजीव कुमार मिश्रा व अन्य याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट में यह दलील दी गई थी कि बी फार्मा और एम फार्मा उच्च डिग्रियां हैं. इसके बावजूद इन्हें फार्मासिस्ट बहाली प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जा रहा है. याचिकाकर्ताओं ने इस आधार पर सरकार के फैसले को चुनौती दी थी.

डी फार्मा है फार्मासिस्ट बहाली की मूल योग्यता : सरकार ने कोर्ट को बताया कि फार्मासिस्ट और ड्रग इंस्पेक्टर का संवर्ग अलग-अलग है. फार्मासिस्ट की बहाली के लिए डी फार्मा ही मूलभूत शैक्षणिक योग्यता है. भले ही बी फार्मा और एम फार्मा बड़ी डिग्रियां हैं, लेकिन बहाली में डी फार्मा को ही मान्यता दी जा सकती है.

'डी फार्मा ही बहाली का आधार' : कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा कि फार्मासिस्ट के पद पर बहाली के लिए केवल डिप्लोमा इन फार्मेसी ही मान्य योग्यता होगी. बी फार्मा और एम फार्मा को मान्यता नहीं दी जा सकती, क्योंकि यह निर्णय सरकार की नीतिगत प्राथमिकताओं से जुड़ा है.

राज्य सरकार और डी फार्मा धारकों को बड़ी राहत : इस फैसले से राज्य सरकार को जहां कानूनी राहत मिली है, वहीं डी फार्मा डिग्री धारकों के लिए यह बड़ी जीत मानी जा रही है. कोर्ट ने सभी याचिकाएं निष्पादित करते हुए यह साफ कर दिया कि फार्मासिस्ट बहाली में अब कोई भ्रम की स्थिति नहीं रहेगी.

ये भी पढ़ें-

पटना : बिहार की पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के उस फैसले को सही ठहराया है, जिसमें फार्मासिस्टों की बहाली के लिए डिप्लोमा इन फार्मेसी को अनिवार्य योग्यता माना गया है. यह फैसला एक्टिंग चीफ जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने दिया है.

याचिकाकर्ताओं ने उठाई थी बी फार्मा और एम फार्मा की मान्यता की मांग : संजीव कुमार मिश्रा व अन्य याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट में यह दलील दी गई थी कि बी फार्मा और एम फार्मा उच्च डिग्रियां हैं. इसके बावजूद इन्हें फार्मासिस्ट बहाली प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जा रहा है. याचिकाकर्ताओं ने इस आधार पर सरकार के फैसले को चुनौती दी थी.

डी फार्मा है फार्मासिस्ट बहाली की मूल योग्यता : सरकार ने कोर्ट को बताया कि फार्मासिस्ट और ड्रग इंस्पेक्टर का संवर्ग अलग-अलग है. फार्मासिस्ट की बहाली के लिए डी फार्मा ही मूलभूत शैक्षणिक योग्यता है. भले ही बी फार्मा और एम फार्मा बड़ी डिग्रियां हैं, लेकिन बहाली में डी फार्मा को ही मान्यता दी जा सकती है.

'डी फार्मा ही बहाली का आधार' : कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा कि फार्मासिस्ट के पद पर बहाली के लिए केवल डिप्लोमा इन फार्मेसी ही मान्य योग्यता होगी. बी फार्मा और एम फार्मा को मान्यता नहीं दी जा सकती, क्योंकि यह निर्णय सरकार की नीतिगत प्राथमिकताओं से जुड़ा है.

राज्य सरकार और डी फार्मा धारकों को बड़ी राहत : इस फैसले से राज्य सरकार को जहां कानूनी राहत मिली है, वहीं डी फार्मा डिग्री धारकों के लिए यह बड़ी जीत मानी जा रही है. कोर्ट ने सभी याचिकाएं निष्पादित करते हुए यह साफ कर दिया कि फार्मासिस्ट बहाली में अब कोई भ्रम की स्थिति नहीं रहेगी.

ये भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.