जींदः बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर सोमवार को संसद भवन और रोहतक में आयोजित कार्यक्रमों में शिरकत करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा जींद पहुंचे. यहां आयोजित कार्यक्रम में हुड्डा ने बाबासाहेब की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और संविधान निर्माण में उनके महत्वपूर्ण योगदान को याद किया. हुड्डा ने कहा कि बाबासाहेब ने समाज को ‘शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो’ का मूल मंत्र दिया था. इस मंत्र को हमें कभी भूलना नहीं चाहिए. उनकी दी गई सीख और उनके दिखाए रास्ते पर आगे बढ़कर ही देश और समाज तरक्की कर सकता है.
बाबासाहेब से हुड्डा परिवार का निजी लगावः
हुड्डा ने कहा कि उनके पिता स्वर्गीय रणबीर सिंह हुड्डा ने भी बाबासाहेब की अध्यक्षता में बतौर सदस्य संविधान निर्मात्री समिति में कार्य किया था. जिस संविधान पर बाबासाहेब की हस्ताक्षर हैं, उस पर उनके पिता के भी हस्ताक्षर हैं. यह उनके लिए गर्व का विषय है. इसीलिए संविधान और बाबासाहेब से जुड़ी स्मृतियों के साथ हमेशा हुड्डा परिवार का विशेष निजी लगाव भी रहा है.
विकास में नंबर वन के पायदान से धकेलकर गर्त में पहुंचायाः
कार्यक्रम के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए हुड्डा ने प्रधानमंत्री के भाषण पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि राजनीतिक छींटाकशी की बजाए सरकार को हरियाणा में बढ़ती बेरोजगारी, खाली पड़े लाखों पदों, बिगड़ती कानून व्यवस्था और विकास के गिरते स्तर के बारे में बात करनी चाहिए. प्रधानमंत्री को बताना चाहिए था कि कैसे प्रदेश की बीजेपी सरकार ने हरियाणा को विकास में नंबर वन के पायदान से धकेलकर गर्त में पहुंचा दिया है.
युवाओं को बेरोजगारी के दलदल में धकेल रही सरकारः
कौशल रोजगार निगम के कर्मियों को काम से निकाले जाने को हुड्डा ने बीजेपी की वादाखिलाफी करार दिया. उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले सभी कौशल कर्मियों को सरकार ने पक्का करने का वादा किया था, लेकिन तीसरी बार सरकार बनते ही बीजेपी ने युवाओं को बेरोजगारी के दलदल में धकेलने का काम शुरू कर दिया. कौशल कर्मियों समेत बीजेपी ने हरेक वर्ग से किए गए अपने चुनावी वादों को भुला दिया. विनेश फोगाट द्वारा इनाम राशि की मांग को भूपेंद्र हुड्डा ने जायज बताया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए पद और उचित इनाम देने की नीति बनाई थी. लेकिन बीजेपी ने उस नीति को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया.
गेहूं में नमी की मात्रा मानक को 2 प्रतिशत बढ़ाने की मांगः
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जींद में कई किसानों से भी बातचीत की. किसानों ने बताया कि मंडियों में गेहूं की खरीद सुचारू रूप से नहीं हो रही है. नमी का बहाना बनाकर एजेंसियां खरीद से इनकार कर रही हैं. बेमौसमी बारिश के चलते गेहूं में नमी की मात्रा बनने से किसानों की परेशानियां भी बढ़ गई हैं. सुखे गेहूं में भी 13 से 15 प्रतिशत नमी आ रही है. किसानों और आढ़तियों की ओर से 12 प्रतिशत नमी की छूट को 2 प्रतिशत और बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने की मांग उठाई गई है. हुड्डा ने उनकी मांग का समर्थन करते हुए बताया कि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान अक्सर किसानों को इसी तरह नमी में अतिरिक्त छूट दी जाती थी. इसके चलते किसानों को फसल बेचने में किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता था. लेकिन बीजेपी कार्यकाल के दौरान अक्सर सरकार द्वारा मंडियों में बारदाने और तिरपाल की व्यवस्था न करने, खरीद में देरी और समय पर उठान न होने के चलते किसान की फसल बेमौसमी बारिश की भेंट चढ़ जाती है. ऐसे में कुदरती आपदा या सरकारी नकारेपन का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है.