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क्या कंडम बसों का ऐसा सदुपयोग देखा है कहीं! मध्य प्रदेश ने कर दिखाया - DILAPIDATED BUSES PINK TOILETS

पचमढ़ी में वूमेंस होटल के बाद मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड ने महिलाओं के लिए एक और नया प्रयोग किया.

dilapidated buses pink toilets
महिलाओं के लिए पर्यटन स्थलों पर सुरक्षित टॉयलेट (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : June 6, 2025 at 10:50 AM IST

Updated : June 6, 2025 at 11:16 AM IST

3 Min Read

नर्मदापुरम : मशहूर पर्यटन स्थल पचमढ़ी में मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने एक और अनूठा प्रयोग किया है. खटारा बसों का शनदार इस्तेमाल कर इन्हें पिंक टॉयलेट और कैफेटेरिया बनाया गया है. हिल स्टेशन पचमढ़ी में ये प्रयोग करने के बाद टूरिज्म बोर्ड जल्द ही ऐसा ही प्रयोग ओरछा में भी करेगा. फिर धीरे-धीरे सभी पर्यटन स्थलों पर भी पिक टॉयलेट बसें दिखेंगी. पर्यटन बोर्ड इन पिंक टॉयलेट बसों को पर्यटन स्थलों के आसपास रखेगा. जरूरत पड़ने पर पिंक टॉयलेट बसों को दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकेगा.

स्व सहायता समूह की महिलाएं करेंगी संचालन

पिंक टॉयलेट बसों का संचालन स्व सहायता समूह की महिलाएं करेंगी. पिंक टॉयलेट और कैफेटेरिया से होने वाली आमदनी इन महिलाओं की आय का साधन बनेगी. पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला ने बताया "एक बस का लोकार्पण पचमढ़ी में किया है. पिंक टॉयलेट बस पचमढ़ी के पांडव गुफा पर्यटन स्थल के पास रखी गई है. क्योंकि इस स्थान पर महिला पर्यटकों के लिए टॉयलेट की सुविधा नहीं थी. लंबे समय से यहां टॉयलेट बनाने की मांग की जा रही थी." पर्यटन विभाग के अधिकारियों के अनुसार "पचमढ़ी में स्थाई निर्माण करने पर रोक है. इस कारण पिंक टॉयलेट बसें स्थापित कर महिलाओं को सुविधा दी जाएगी. इसके साथ ही पुरुषों के लिए भी टॉयलेट जोड़ा जा रहा है."

खटारा बसों को पिंक टॉयलेट और कैफेटेरिया बनाया (ETV BHARAT)

टॉयलेट व बाथरूम की सारी सुविधाएं

पिंक टॉयलेट बसों को बहुत ही शानदार तरीके से रिनोवेट किया गया हैं. इसमें बाथरूम में उपयोग होने वाली हर सुविधा है. बस के आकार प्रकार के हिसाब से बॉथरूम डिजाइन किए गए हैं. बस के ऊपरी हिस्से में टंकी बनाई गई है. पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला ने बताया "पिंक टॉयलेट बसें बिना किसी सरकारी खर्च के बनाई गई हैं. इसमें सरकार का एक भी पैसा नहीं लगा है."

महिलाओं के लिए पर्यटन स्थलों पर सुरक्षित टॉयलेट

प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला ने बताया "इन बसों को टॉयलेट के रूप में कन्वर्ट करने में सीएसआर मद से 20 लाख रुपए खर्च किए हैं. यह काम मेक माय ट्रिप सीएसआर के अंतर्गत पूरा करा रहा है. इसका फायदा यह है कि पर्यटन स्थल पर सुरक्षित टॉयलेट मिल रहा है. ऐसी कंडम बसों में से 2 पचमढ़ी और 2 ओरछा के लिए तैयार कराया जा रहा है. ये बसें सिर्फ स्क्रैप हैं, जिनका उपयोग नहीं था. उन्हीं बसों का हम पिंक टॉयलेट और कैफेटेरिया बनाकर नवाचार कर रहे हैं."

नर्मदापुरम : मशहूर पर्यटन स्थल पचमढ़ी में मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने एक और अनूठा प्रयोग किया है. खटारा बसों का शनदार इस्तेमाल कर इन्हें पिंक टॉयलेट और कैफेटेरिया बनाया गया है. हिल स्टेशन पचमढ़ी में ये प्रयोग करने के बाद टूरिज्म बोर्ड जल्द ही ऐसा ही प्रयोग ओरछा में भी करेगा. फिर धीरे-धीरे सभी पर्यटन स्थलों पर भी पिक टॉयलेट बसें दिखेंगी. पर्यटन बोर्ड इन पिंक टॉयलेट बसों को पर्यटन स्थलों के आसपास रखेगा. जरूरत पड़ने पर पिंक टॉयलेट बसों को दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकेगा.

स्व सहायता समूह की महिलाएं करेंगी संचालन

पिंक टॉयलेट बसों का संचालन स्व सहायता समूह की महिलाएं करेंगी. पिंक टॉयलेट और कैफेटेरिया से होने वाली आमदनी इन महिलाओं की आय का साधन बनेगी. पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला ने बताया "एक बस का लोकार्पण पचमढ़ी में किया है. पिंक टॉयलेट बस पचमढ़ी के पांडव गुफा पर्यटन स्थल के पास रखी गई है. क्योंकि इस स्थान पर महिला पर्यटकों के लिए टॉयलेट की सुविधा नहीं थी. लंबे समय से यहां टॉयलेट बनाने की मांग की जा रही थी." पर्यटन विभाग के अधिकारियों के अनुसार "पचमढ़ी में स्थाई निर्माण करने पर रोक है. इस कारण पिंक टॉयलेट बसें स्थापित कर महिलाओं को सुविधा दी जाएगी. इसके साथ ही पुरुषों के लिए भी टॉयलेट जोड़ा जा रहा है."

खटारा बसों को पिंक टॉयलेट और कैफेटेरिया बनाया (ETV BHARAT)

टॉयलेट व बाथरूम की सारी सुविधाएं

पिंक टॉयलेट बसों को बहुत ही शानदार तरीके से रिनोवेट किया गया हैं. इसमें बाथरूम में उपयोग होने वाली हर सुविधा है. बस के आकार प्रकार के हिसाब से बॉथरूम डिजाइन किए गए हैं. बस के ऊपरी हिस्से में टंकी बनाई गई है. पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला ने बताया "पिंक टॉयलेट बसें बिना किसी सरकारी खर्च के बनाई गई हैं. इसमें सरकार का एक भी पैसा नहीं लगा है."

महिलाओं के लिए पर्यटन स्थलों पर सुरक्षित टॉयलेट

प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला ने बताया "इन बसों को टॉयलेट के रूप में कन्वर्ट करने में सीएसआर मद से 20 लाख रुपए खर्च किए हैं. यह काम मेक माय ट्रिप सीएसआर के अंतर्गत पूरा करा रहा है. इसका फायदा यह है कि पर्यटन स्थल पर सुरक्षित टॉयलेट मिल रहा है. ऐसी कंडम बसों में से 2 पचमढ़ी और 2 ओरछा के लिए तैयार कराया जा रहा है. ये बसें सिर्फ स्क्रैप हैं, जिनका उपयोग नहीं था. उन्हीं बसों का हम पिंक टॉयलेट और कैफेटेरिया बनाकर नवाचार कर रहे हैं."

Last Updated : June 6, 2025 at 11:16 AM IST
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