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युवा संसद में मध्य प्रदेश की 3 बेटियां बनी टॉपर, नाम सुन पीएम मोदी ने घर बुलाया - BHOPAL STATE YOUTH PARLIAMENT

भोपाल में राज्य स्तरीय युवा संसद में 3 बेटियों ने किया टॉप. इन छात्राओं ने संविधान को लेकर सार्थक भाषण दिए. पीएम मोदी दिल्ली में इनसे संवाद करेंगे.

Bhopal State Youth Parliament
मध्यप्रदेश की ये 3 बेटियां अब पीएम मोदी से करेंगी संवाद (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : March 28, 2025 at 12:14 PM IST

Updated : March 28, 2025 at 12:19 PM IST

3 Min Read

भोपाल: भोपाल में गुरुवार को राज्य स्तरीय युवा संसद का आयोजन किया गया. इसमें 3 बेटियों ने टॉप किया है. अब इन्हें नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संवाद करने का मौका मिलेगा. बता दें कि इस बार युवा संसद की थीम विकसित भारत विषय पर आयोजित की गई. इसमें इंदौर की सजल जैन, भिंड की यति सिंह सिसोदिया और सतना की राशि त्रिपाठी टॉप थ्री पोजीशन में रहीं. प्रतियोगिता में प्रदेश से करीब 200 छात्र-छात्राएं शामिल हुए.

संविधान में अधिकार और कर्तव्य पर भाषण

कार्यक्रम के आखिरी दिन, सभी प्रतिभागियों को भारतीय संविधान के 75 वर्ष, अधिकार, कर्तव्य और प्रगति की यात्रा विषय पर 3-3 मिनट का समय दिया गया. इस दौरान वक्ताओं ने संविधान की यात्रा और भविष्य की योजनाओं पर अपनी बात रखी. वक्ताओं ने कहा "संविधान में अधिकार और कर्तव्य, समन्वित विकास का आधार हैं और हर व्यक्ति को यह जानना जरूरी है कि वह अपने देश के लिए क्या कर सकता है." राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान हासिल करने वाली इंदौर की छात्रा सजल जैन ने अपने भाषण में अधिकार और कर्तव्य के संतुलन पर जोर दिया. उन्होंने कहा "अधिकारों की दौड़ में हम बहुत आगे निकल गए हैं, लेकिन कर्तव्य कहीं पीछे छूट गए हैं." उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समाज और देश की प्रगति के लिए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना बेहद जरूरी है.

संविधान में महिलाओं के अधिकारों पर रखी बात

युवा संसद में दूसरा स्थान पाने वाली यति सिंह सिसोदिया ने संविधान के अधिकार, कर्तव्य और प्रगति पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा "संविधान हमें सिर्फ राइट टू लाइफ नहीं, बल्कि राइट टू लाइफ विद डिग्निटी भी देता है." उन्होंने इस पर जोर दिया कि संविधान ने महिलाओं को बराबरी का अधिकार दिया है, जिससे वे हर क्षेत्र में आगे बढ़ सकती हैं और देश के विकास में अहम भूमिका निभा सकती हैं.

संविधान सिर्फ किताबों में नहीं, यह जीवन का आधार है

युवा संसद में तीसरा स्थान पाने वाली सतना की राशि त्रिपाठी ने कहा "हमारा संविधान केवल किताबी भाषा नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा दस्तावेज है जो डिग्निटी ऑफ लाइफ को परिभाषित करता है." उन्होंने संविधान की व्यावहारिकता और उसके महत्व पर जोर देते हुए बताया "यह सिर्फ नियमों का संग्रह नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग को सम्मान और समान अवसर देने का एक सशक्त माध्यम है."

भोपाल: भोपाल में गुरुवार को राज्य स्तरीय युवा संसद का आयोजन किया गया. इसमें 3 बेटियों ने टॉप किया है. अब इन्हें नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संवाद करने का मौका मिलेगा. बता दें कि इस बार युवा संसद की थीम विकसित भारत विषय पर आयोजित की गई. इसमें इंदौर की सजल जैन, भिंड की यति सिंह सिसोदिया और सतना की राशि त्रिपाठी टॉप थ्री पोजीशन में रहीं. प्रतियोगिता में प्रदेश से करीब 200 छात्र-छात्राएं शामिल हुए.

संविधान में अधिकार और कर्तव्य पर भाषण

कार्यक्रम के आखिरी दिन, सभी प्रतिभागियों को भारतीय संविधान के 75 वर्ष, अधिकार, कर्तव्य और प्रगति की यात्रा विषय पर 3-3 मिनट का समय दिया गया. इस दौरान वक्ताओं ने संविधान की यात्रा और भविष्य की योजनाओं पर अपनी बात रखी. वक्ताओं ने कहा "संविधान में अधिकार और कर्तव्य, समन्वित विकास का आधार हैं और हर व्यक्ति को यह जानना जरूरी है कि वह अपने देश के लिए क्या कर सकता है." राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान हासिल करने वाली इंदौर की छात्रा सजल जैन ने अपने भाषण में अधिकार और कर्तव्य के संतुलन पर जोर दिया. उन्होंने कहा "अधिकारों की दौड़ में हम बहुत आगे निकल गए हैं, लेकिन कर्तव्य कहीं पीछे छूट गए हैं." उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समाज और देश की प्रगति के लिए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना बेहद जरूरी है.

संविधान में महिलाओं के अधिकारों पर रखी बात

युवा संसद में दूसरा स्थान पाने वाली यति सिंह सिसोदिया ने संविधान के अधिकार, कर्तव्य और प्रगति पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा "संविधान हमें सिर्फ राइट टू लाइफ नहीं, बल्कि राइट टू लाइफ विद डिग्निटी भी देता है." उन्होंने इस पर जोर दिया कि संविधान ने महिलाओं को बराबरी का अधिकार दिया है, जिससे वे हर क्षेत्र में आगे बढ़ सकती हैं और देश के विकास में अहम भूमिका निभा सकती हैं.

संविधान सिर्फ किताबों में नहीं, यह जीवन का आधार है

युवा संसद में तीसरा स्थान पाने वाली सतना की राशि त्रिपाठी ने कहा "हमारा संविधान केवल किताबी भाषा नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा दस्तावेज है जो डिग्निटी ऑफ लाइफ को परिभाषित करता है." उन्होंने संविधान की व्यावहारिकता और उसके महत्व पर जोर देते हुए बताया "यह सिर्फ नियमों का संग्रह नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग को सम्मान और समान अवसर देने का एक सशक्त माध्यम है."

Last Updated : March 28, 2025 at 12:19 PM IST
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