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सौरभ शर्मा व सहयोगियों के खिलाफ ED ने पेश किया चालान, 11 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई - BHOPAL SAURABH SHARMA CASE

मध्य प्रदेश के चर्चित सौरभ शर्मा केस में ईडी ने मंगलवार को चालान पेश किया. मामले में 11 अप्रैल को अगली सुनवाई होगी.

BHOPAL SAURABH SHARMA CASE
सौरभ शर्मा व सहयोगियों के खिलाफ ED ने पेश किया चालान (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : April 8, 2025 at 7:32 PM IST

3 Min Read

भोपाल: परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों को लेकर मंगलवार को भोपाल की विशेष प्रवर्तन निदेशालय कोर्ट में चालान पेश किया गया. इस मामले में पहले से जांच कर रही लोकायुक्त की टीम द्वारा 60 दिनों की समय सीमा में चालान प्रस्तुत नहीं किया गया था. जिसके चलते भोपाल सेशन कोर्ट से इन तीनों आरोपियों को लोकायुक्त मामले में जमानत मिल गई थी, लेकिन ईडी ने समय सीमा के अंतर्गत पूरे मामले में चालान प्रस्तुत कर दिया है.

ED ने पेश किया चालान

मध्य प्रदेश के गलियारों में हलचल मचा देने वाले सौरभ शर्मा के केस में आज एक महत्वपूर्ण विषय सामने आया है. जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा सौरभ शर्मा के घर पर और उसके सहयोगियों के जबलपुर, ग्वालियर और इंदौर में की गई कार्रवाई के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने भोपाल के प्रवर्तन निदेशालय के विशेष न्यायाधीश के सामने चालान प्रस्तुत किया है.

कार में मिला था 52 किलो सोना और कैश

दरअसल, दिसंबर के महीने में सौरभ शर्मा के खिलाफ लोकायुक्त में एक शिकायत दर्ज हुई थी. जिसके बाद लोकायुक्त ने सौरभ शर्मा के घर पर छापा मारा था. इस कार्रवाई के चलते एक इनोवा कार जो की सौरभ के सबसे करीबी चेतन के नाम पर रजिस्टर्ड थी. वह भदभदा रोड पर मेंडोरी में पुलिस को लावारिस हालत में मिली थी. जिसकी सूचना पुलिस द्वारा आयकर विभाग को दी गई थी. आयकर विभाग ने जब भी जाकर जांच की तो कार से 52 किलो सोना और लगभग 11 करोड रुपए कैश बरामद हुए.

प्रापर्टी के ओरिजनल दस्तावेज भी मिले

इस मामले में जेल में रहते हुए आयकर विभाग द्वारा सौरभ शर्मा चेतन गौर और और शरद जायसवाल से कई बार पूछताछ की, लेकिन तीनों ने रटा रटाया जवाब दिया. तीनों ने उसे पैसे और सोने से अपना कोई संबंध न होने की बात कही. वहीं प्रवर्तन निदेशालय ने भी तीनों की कस्टडी लेकर कई दिनों तक पूछताछ की. प्रवर्तन निदेशालय की टीम को सौरभ शर्मा के घर से कुछ ऐसी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री ओरिजिनल मिली है, जो कि सौरभ या उसके परिवार के सदस्यों के नाम पर नहीं है, लेकिन वह अन्य लोगों के नाम पर है. उसे लेकर भी पूछताछ की गई.

11 अप्रैल को होगी सुनवाई

मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा चालान प्रस्तुत कर दिया गया है. 11 अप्रैल को मामले में सुनवाई होना है, क्योंंकि लोकायुक्त पुलिस द्वारा जिस प्रकार से इस चालान प्रस्तुत नहीं किया गया, जिसका बेनिफिट सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों को मिला है.

भोपाल: परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों को लेकर मंगलवार को भोपाल की विशेष प्रवर्तन निदेशालय कोर्ट में चालान पेश किया गया. इस मामले में पहले से जांच कर रही लोकायुक्त की टीम द्वारा 60 दिनों की समय सीमा में चालान प्रस्तुत नहीं किया गया था. जिसके चलते भोपाल सेशन कोर्ट से इन तीनों आरोपियों को लोकायुक्त मामले में जमानत मिल गई थी, लेकिन ईडी ने समय सीमा के अंतर्गत पूरे मामले में चालान प्रस्तुत कर दिया है.

ED ने पेश किया चालान

मध्य प्रदेश के गलियारों में हलचल मचा देने वाले सौरभ शर्मा के केस में आज एक महत्वपूर्ण विषय सामने आया है. जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा सौरभ शर्मा के घर पर और उसके सहयोगियों के जबलपुर, ग्वालियर और इंदौर में की गई कार्रवाई के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने भोपाल के प्रवर्तन निदेशालय के विशेष न्यायाधीश के सामने चालान प्रस्तुत किया है.

कार में मिला था 52 किलो सोना और कैश

दरअसल, दिसंबर के महीने में सौरभ शर्मा के खिलाफ लोकायुक्त में एक शिकायत दर्ज हुई थी. जिसके बाद लोकायुक्त ने सौरभ शर्मा के घर पर छापा मारा था. इस कार्रवाई के चलते एक इनोवा कार जो की सौरभ के सबसे करीबी चेतन के नाम पर रजिस्टर्ड थी. वह भदभदा रोड पर मेंडोरी में पुलिस को लावारिस हालत में मिली थी. जिसकी सूचना पुलिस द्वारा आयकर विभाग को दी गई थी. आयकर विभाग ने जब भी जाकर जांच की तो कार से 52 किलो सोना और लगभग 11 करोड रुपए कैश बरामद हुए.

प्रापर्टी के ओरिजनल दस्तावेज भी मिले

इस मामले में जेल में रहते हुए आयकर विभाग द्वारा सौरभ शर्मा चेतन गौर और और शरद जायसवाल से कई बार पूछताछ की, लेकिन तीनों ने रटा रटाया जवाब दिया. तीनों ने उसे पैसे और सोने से अपना कोई संबंध न होने की बात कही. वहीं प्रवर्तन निदेशालय ने भी तीनों की कस्टडी लेकर कई दिनों तक पूछताछ की. प्रवर्तन निदेशालय की टीम को सौरभ शर्मा के घर से कुछ ऐसी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री ओरिजिनल मिली है, जो कि सौरभ या उसके परिवार के सदस्यों के नाम पर नहीं है, लेकिन वह अन्य लोगों के नाम पर है. उसे लेकर भी पूछताछ की गई.

11 अप्रैल को होगी सुनवाई

मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा चालान प्रस्तुत कर दिया गया है. 11 अप्रैल को मामले में सुनवाई होना है, क्योंंकि लोकायुक्त पुलिस द्वारा जिस प्रकार से इस चालान प्रस्तुत नहीं किया गया, जिसका बेनिफिट सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों को मिला है.

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