भोपाल: कांग्रेस को फिर से खड़ा करने के लिए राहुल गांधी नए फॉर्मूले पर काम कर रहे हैं. मध्यप्रदेश में इसकी शुरुआत हो चुकी है. अगर ये फॉर्मूला हिट होता है तो पार्टी इसे देश के अन्य राज्यों में भी लागू करेगी. राहुल गांधी के इस फॉर्मूले में पार्टी की सबसे मजबूत कड़ी होंगे जिलाध्यक्ष. जिनकी पार्टी हाईकमान तक सीधी एंट्री होगी. अब विधानसभा और लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारी इन जिलाध्यक्षों की रजामंदी से होगी.
फॉर्मूला तो दे दिया, इन सवालों के जवाब बकाया
सिलेक्शन प्रोसेस तय हो गई लेकिन जिलाध्यक्ष के चुनाव के लिए किसी कार्यकर्ता में कौन सी अर्हता जरूरी है. कैसे ये जिलाध्यक्ष कांग्रेस की सबसे मजबूत कड़ी बन पाएंगे? क्या 20 दिन में पूरे प्रदेश में पारदर्शी तरीके से जिलाध्यक्षों की नई खेप खड़ी हो पाएगी. ऐसे कई सवाल हैं, जिनके जवाब आना अभी बाकी हैं. जिलाध्यक्ष की भूमिका बहुत अहम होने वाली है.
कांग्रेस में सबसे पॉवरफुल होगा जिलाध्यक्ष
गुजरात के बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस के कायाकल्प के लिए आए राहुल गांधी ने संगठन में सबसे ताकतवर जिलाध्यक्ष को बनाया है. उन्होंने कहा कि जिलाध्यक्ष के लिए चौबीसों घंटे और सातों दिन राहुल गांधी से लेकर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तक के दरवाज़े खुले रहेंगे. राहुल गांधी ने कहा "शुरुआत जिलाअध्यक्ष से होगी. वहीं से हम पार्टी को खड़ा करेंगे. एआईसीसी ने तय किया है कि जिलाध्यक्ष के जरिए ही पूरे प्रदेश में कांग्रेस को मजबूत किया जाएगा." राहुल गांधी ने घोड़ों का उदाहरण भी जिलाध्यक्षों के संदर्भ में दिया और उन्हें रेस का घोड़ा बताया.

ऐसी होगी जिलाध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया
कांग्रेस ने इन जिलाध्यक्षों के चुनाव का जो फार्मेट तैयार किया है. उसमें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी से आए ऑब्जर्वर और प्रदेश के कांग्रेस कमेटी के सदस्य मिलकर जिलाध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को पूरा करेंगे.
लोकसभा व विधानसभा चुनाव में कैसे तय होंगे उम्मीदवार
पार्टी के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी का कहना है "विधानसभा से लोकसभा चुनाव तक उम्मीदवारों के चयन में भी अब जिलाध्यक्षों को शामिल किया जाएगा. जिलाध्यक्ष को उस जिले के संगठन में अधिकार क्या दिए जाएंगे, रोल क्या रहेगा. संगठन सृजन अभियान में ये तय किया गया है. कांग्रेस के प्रत्याशी के चयन की जो शीर्ष संस्था है, केन्द्रीय चुनाव समिति आने वाले समय में विधानसभा लोकसभा के उम्मीदवारों का जब चुनाव होगा तो जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष उन फैसलों में शामिल होंगे, ये कांग्रेस पार्टी ने फैसला किया है. स्थानीय निकाय के चुनाव में जिला कांग्रेस के कमेटियों के अध्यक्ष की अनुशंसा होगी."
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एक के साथ तीन के फार्मूले पर तैयार होगी टीम.
- एआईसीसी के एक ऑब्जर्वर के साथ तीन प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य बनेंगे.
- 10 जून से 30 जून तक जिलों में चलेगा जिलाध्यक्ष की खोज का अभियान.
- न्यूनतम 7 दिन एक जिले में बिताएंगे पर्यवेक्षक.
- जिलाध्यक्ष के चुनाव में प्रबुद्ध जनों और सामान्य नागरिकों से भी संवाद.
- 6 नामों की अनुशंसा के पार्टी पर्यवेक्षक अपना निर्णय केन्द्रीय नेतृत्व को सौंपेगे.
- इसके बाद प्रदेश में जिलाध्यक्षों की घोषणा होगी.