भोपाल: पैरा कैनोइंग की प्लेयर अर्जुन अवार्डी प्राची यादव को प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा करने से भी बड़ी खुशी इस बात की थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें देखते ही पहचान लिया. ईटीवी भारत से बात करते हुए प्राची उत्साह से लबरेज हुई बताती हैं, "पीएम मोदी ने मुझसे पूछा कैसी हो प्राची. फिर ये भी कहा कि और क्या नया कर रही हो." प्राची उन महिलाओं में से हैं जो देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300 वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में उन चुनिंदा 4 महिलाओं में शामिल थीं, जिन्हें मंच पर पीएम मोदी का सम्मान करने का मौका मिला.
व्हीलचेयर पर पहुंची प्राची बोली खुशी ये कि पीएम पहचान गए
व्हीलचेयर पर मंच पर पहुंची प्राची ने पीएम मोदी का स्वागत किया. प्राची ने बताया कि उनके लिए ये बेहद गौरव का क्षण था. लेकिन सबसे बड़ी खुशी की बात ये है कि पीएम मोदी ने उन्हें पहचान लिया. वे कहती हैं, "उन्होंने मुझसे पूछा कि प्राची नया क्या कर रही हो. पीएम मोदी का ये पूछना मुझे ऊर्जा दे गया. हालांकि मेरी आंखों की रोशनी दिक्कत कर रही है. बाकी जो शारीरिक चुनौतियां हैं वो अपनी जगह हैं. लेकिन जब देश के प्रधानमंत्री आपको हौसला देते हों तो हिम्मत मिलती है और फिर कुछ नया करने का जुनून बनता है." प्राची ने कहा, "मैं अब फिर देश का नाम रोशन करने में जुटी हुई हूं."
पीएम मोदी से मिलने वाली प्राची यादव हैं कौन
प्राची यादव 28 बरस की हैं. पैरा कैनोइंग की खिलाड़ी प्राची बचपन से दिव्यांग हैं. 8 बरस की छोटी उम्र से मुश्किलें देखी. बचपन में मां का साया सिर से छिन गया. उसके बाद 4 साल पहले जीवन में ऐसे हालात भी बने कि पैसों की तंगी की वजह से उनके खेलने पर ब्रेक लग गया. लेकिन हार नहीं मानी और अर्जुन पुरस्कार जीता. अब तक प्राची पंच इंटरनेशनल गोल्ड और 2 सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं. प्राची के जन्म से ही पैर लकवाग्रस्त थे. प्राची बताती हैं कि "एक आंख का रेटिना खराब हुआ. संक्रमण हो चुका था. लेकिन ओलम्पिक खेलना था इसलिए उन्होंने इलाज नहीं करवाया." कैनो में पूरा जोर बांई आंख पर होता है उसी का रेटिना खराब था. लेकिन जुनून से जीत हासिल कर ली.

वो खास महिलाएं जिन्होंने पीएम का स्वागत किया
प्राची यादव के अलावा जबलपुर की ज्ञानेश्वरी देवी मंच पर थीं. समाजसेवी ज्ञानेश्वरी कैंसर रोगियों की सेवा में जुटी रहती हैं. सबसे खास बात ये है कि जब आखिरी स्टेज होती है कैंसर की और जिस समय किसी भी व्यक्ति को सबसे ज्यादा संबल की जरुरत होती है उस समय वे सहारा देती हैं.
स्वच्छता का परचम फहराने वाली सरपंच मंच पर पहुंची
धार जिले के तिरला गांव की सरपंच आरती पटेल ने अपनी पूरी पंचायत में स्वच्छता अभियान छेड़ा हुआ है. उन्होंने ऐसे ऐसे नवाचार किये हैं कि उनका गांव प्रदेश में मिसाल बन गया. आरती पटेल ने महेश्वर घाट की प्रतिकृति पीएम मोदी को भेंट स्वरूप दी.
- पीएम मोदी की इस शाही मखमली पगड़ी की हर तरफ हो रही चर्चा, जानें क्या है इसका इतिहास?
- PM मोदी ने पाकिस्तान को ललकारा- उधर से गोली चलेगी तो यहां से गोले चलेंगे
मीनाक्षी ने ओढाई महेश्वरी शॉल
अहिल्या बाई होल्कर ने जिस महेश्वर साड़ी की शुरुआत की थी. मीनाक्षी ठाकले ने उसी महेश्वरी ताने बाने की शॉल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट में दी. मीनाक्षी स्व सहायता समूह के जरिए ऐतिहासिक महेश्वरी ताने बाने को उसी स्वरूप में बचाए हुए हैं.