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मॉक ड्रिल के दौरान फटा ग्रेनेड, ब्लास्ट में 2 जवान गंभीर रूप से घायल - BHOPAL MOCK DRILL GRENADE BLAST

भोपाल में मॉक ड्रिल के दौरान ग्रेनेड फटने से 2 पुलिसकर्मी घायल. निजी अस्पताल में चल रहा दोनों का इलाज. जांच के आदेश.

bhopal mock drill grenade blast
भोपाल में मॉक ड्रिल के दौरान फटा ग्रेनेड (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 16, 2025 at 7:06 AM IST

Updated : May 16, 2025 at 7:22 AM IST

3 Min Read

भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 25 वीं पुलिस बटालियन में मॉक ड्रिल के दौरान बड़ा हादसा हो गया. 25 बटालियन में मॉक ड्रिल करते समय हैंड ग्रेनेड फट गया. जिससे दो पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए. जिनको इलाज के लिए भोपाल के चूना भट्टी स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है. पुलिस हेड क्वार्टर (PHQ) ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं.

अभ्यास के दौरान फटा ग्रेनेड
भारत और पाकिस्तान के बीच बनी तनाव की स्थिति के कारण सभी लोग अपने-अपने स्तर पर तैयारी कर रहे हैं. इसी बीच मॉक ड्रिल के दौरान भोपाल में ग्रेनेड फट गया. जिसका शिकार दो पुलिसकर्मी हो गए. इस पूरे मामले में कमला नगर थाना प्रभारी निरूपा पांडेय ने बताया कि, ''गुरुवार को 25वीं बटालियन में मॉक ड्रिल चल रही थी. इसी दौरान अचानक एक ग्रेनेड फट गया. जिससे अभ्यास में लगे दो पुलिस कर्मचारी घायल हुए हैं. घायलों में प्रधान आरक्षक विशाल सिंह और आरक्षक संतोष कुमार गंभीर शामिल हैं. दोनों घायल आरक्षकों का इलाज बंसल अस्पताल के एमरजेंसी वार्ड में उपचार जारी है. घटना के कारणों की जांच की जा रही है.''

7 मई को हुआ था मॉक ड्रिल
इससे पहले 7 मई को भोपाल में मॉक ड्रिल हुआ था. युद्ध के खतरों के बीच केंद्र सरकार ने 7 मई, 2025 को पूरे देश में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल करने की घोषणा की है. रात 7.30 बजे रेड अलर्ट का सायरन बजते ही पूरा भोपाल शहर अंधेरे में डूब गया था. प्रशासन ने पहले से ही नागरिकों से ब्लैक आउट का सपोर्ट करने की अपील की थी. प्रशासन की अपील का शहर के नागरिकों ने भरपूर पालन किया. शहर की सड़कें ब्लैक आउट के दौरान अंधेरा छा गया था. वाहन जहां खड़े थे वहीं रुक गए थे.

क्या होता है मॉक ड्रिल
यह अभ्यास नागरिक सुरक्षा नियम, 1968 के अंतर्गत आता है. मॉक ड्रिल युद्ध के खतरों से पहले एक तैयारी अभ्यास है, जिसका उद्देश्य यह टेस्ट करना है कि युद्ध, मिसाइल हमलों या हवाई हमलों जैसी आपातकालीन स्थितियों के दौरान नागरिक और सरकारी सिस्टम कैसे प्रतिक्रिया करते हैं. मॉक ड्रिल के लिए चुनिंदा लोगों और वॉलंटियर्स को ट्रेनिंग भी दी जाती है. दुश्मन के हमले या आगजनी जैसी स्थिति के लिए अपनी तैयारी को जानने के लिए मॉक ड्रिल की जाती है. मॉक ड्रिल में लोगों की कमियों की पहचान होती है, फिर उन्हें ट्रेनिंग दी जाती है. उन्हें बताया जाता है कि खतरा होने पर सुरक्षित जगह पर कैसे जाना है. मॉक ड्रिल कई प्रकार के अभ्यास शामिल होते हैं. जैसे युद्ध ड्रिल, आगजनी और भूकंप ड्रिल. मॉक ड्रिल में हवाई हमले के सायरन बजते हैं, शहरों में लाइट बंद हो जाती हैं. नागरिक खुद को बचाने का प्रयास करते हैं.

भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 25 वीं पुलिस बटालियन में मॉक ड्रिल के दौरान बड़ा हादसा हो गया. 25 बटालियन में मॉक ड्रिल करते समय हैंड ग्रेनेड फट गया. जिससे दो पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए. जिनको इलाज के लिए भोपाल के चूना भट्टी स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है. पुलिस हेड क्वार्टर (PHQ) ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं.

अभ्यास के दौरान फटा ग्रेनेड
भारत और पाकिस्तान के बीच बनी तनाव की स्थिति के कारण सभी लोग अपने-अपने स्तर पर तैयारी कर रहे हैं. इसी बीच मॉक ड्रिल के दौरान भोपाल में ग्रेनेड फट गया. जिसका शिकार दो पुलिसकर्मी हो गए. इस पूरे मामले में कमला नगर थाना प्रभारी निरूपा पांडेय ने बताया कि, ''गुरुवार को 25वीं बटालियन में मॉक ड्रिल चल रही थी. इसी दौरान अचानक एक ग्रेनेड फट गया. जिससे अभ्यास में लगे दो पुलिस कर्मचारी घायल हुए हैं. घायलों में प्रधान आरक्षक विशाल सिंह और आरक्षक संतोष कुमार गंभीर शामिल हैं. दोनों घायल आरक्षकों का इलाज बंसल अस्पताल के एमरजेंसी वार्ड में उपचार जारी है. घटना के कारणों की जांच की जा रही है.''

7 मई को हुआ था मॉक ड्रिल
इससे पहले 7 मई को भोपाल में मॉक ड्रिल हुआ था. युद्ध के खतरों के बीच केंद्र सरकार ने 7 मई, 2025 को पूरे देश में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल करने की घोषणा की है. रात 7.30 बजे रेड अलर्ट का सायरन बजते ही पूरा भोपाल शहर अंधेरे में डूब गया था. प्रशासन ने पहले से ही नागरिकों से ब्लैक आउट का सपोर्ट करने की अपील की थी. प्रशासन की अपील का शहर के नागरिकों ने भरपूर पालन किया. शहर की सड़कें ब्लैक आउट के दौरान अंधेरा छा गया था. वाहन जहां खड़े थे वहीं रुक गए थे.

क्या होता है मॉक ड्रिल
यह अभ्यास नागरिक सुरक्षा नियम, 1968 के अंतर्गत आता है. मॉक ड्रिल युद्ध के खतरों से पहले एक तैयारी अभ्यास है, जिसका उद्देश्य यह टेस्ट करना है कि युद्ध, मिसाइल हमलों या हवाई हमलों जैसी आपातकालीन स्थितियों के दौरान नागरिक और सरकारी सिस्टम कैसे प्रतिक्रिया करते हैं. मॉक ड्रिल के लिए चुनिंदा लोगों और वॉलंटियर्स को ट्रेनिंग भी दी जाती है. दुश्मन के हमले या आगजनी जैसी स्थिति के लिए अपनी तैयारी को जानने के लिए मॉक ड्रिल की जाती है. मॉक ड्रिल में लोगों की कमियों की पहचान होती है, फिर उन्हें ट्रेनिंग दी जाती है. उन्हें बताया जाता है कि खतरा होने पर सुरक्षित जगह पर कैसे जाना है. मॉक ड्रिल कई प्रकार के अभ्यास शामिल होते हैं. जैसे युद्ध ड्रिल, आगजनी और भूकंप ड्रिल. मॉक ड्रिल में हवाई हमले के सायरन बजते हैं, शहरों में लाइट बंद हो जाती हैं. नागरिक खुद को बचाने का प्रयास करते हैं.

Last Updated : May 16, 2025 at 7:22 AM IST
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