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इस शहर में परछाई छोड़ने वाली है आपका साथ, जानिए क्या होता है जीरो शैडो डे? - BHOPAL ZERO SHADOW DAY 2025

14 जून को सूरज की किरणें भोपाल पर मध्यान्ह में ठीक सीधी पड़ेंगी. ऐसे में खड़े व्यक्ति की परछाई पूरी तरह हो जाती है गायब.

BHOPAL ZERO SHADOW DAY 2025
14 जून को भोपाल में जीरो शैडो डे (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : June 13, 2025 at 6:29 PM IST

3 Min Read

भोपाल: जब इंसान की परछाई उसका साथ छोड़ती है तो यह मृत्यु का संकेत होता है लेकिन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में जीवित रहते हुए भी साया लोगों का साथ छोड़ देगा. यह कोई अंधविश्वास और भविष्यवाणी नहीं बल्कि एक खगोलीय घटना है. जो साल में 1 बार होती है. हालांकि बहुत सारे लोगों ने स्कूल के समय किताबों में इस प्रकार की खगोलीय घटनाओं के बारे में पढ़ा होगा, लेकिन स्वयं की आंखों से देखना लोगों के लिए किसी रोमांच से कम नहीं है.

क्या होता है जीरो शैडो डे?

पृथ्‍वी के झुकाव के साथ परिक्रमा करते रहने से सूर्य हर साल 6 महीने मकर रेखा से कर्क रेखा की ओर जाता दिखता है. इस दौरान वह अलग-अलग तारीख को किसी खास शहर के ठीक ऊपर होता है. शनिवार को राजधानी भोपाल की बारी है. बता दें कि 14 जून को सूर्य मध्‍यान्‍ह में ठीक आपके सिर के ऊपर होगा. इस खगोलीय घटना की स्थिति में किसी भी वस्‍तु की छाया उसके ठीक आधार के नीचे बनती है, जिससे लगता है कि छाया गायब हो गई है. छाया के इस तरह से साथ छोड़ने को जीरो शैडो डे (शून्य छाया दिवस) कहा जाता है.

धरती पर सीधी पड़ेंगी सूरज की किरणें

बता दें कि 14 जून को भोपालवासियों के लिए सुबह के समय भी सूरज कुछ सीधा दिखेगा. मकर रेखा से कर्क रेखा की ओर गति करता सूर्य शनिवार को भोपाल के ठीक ऊपर पहुंचेगा. इस कारण सूरज की किरणें भोपाल पर मध्यान्ह में ठीक सीधी पड़ रहीं होंगी. आमतौर पर सूरज की किरणें तिरछी पड़ती हैं. खगोल विज्ञानियों के अनुसार प्लस 23.5 और माइनस 23.5 अक्षांश के बीच रहने वालों के लिए साल भर में 2 ऐसे दिन आते हैं. इन 2 दिनों में सूरज ठीक हमारे सिर के ऊपर होता है.

28 जून को फिर बनेगी ऐसी स्थिति

बता दें कि इस साल सूर्य कर्क रेखा पर 21 जून को पहुंचेगा और वापस मकर रेखा की ओर अपनी वापसी यात्रा आरंभ करेगा. इस कारण यह 28 जून को दोबारा भोपाल के ऊपर स्थित होगा. मकर रेखा और कर्क रेखा के बीच स्थित स्‍थानों पर यह घटना साल में 2 बार होती है. जब सूर्य की किरणें ठीक 90 डिग्री के कोण से धरती पर गिरती हैं. इस कारण, खड़े व्यक्ति की परछाई जमीन पर नहीं पड़ती, वह पूरी तरह गायब हो जाती है.

चंद्रमा भी होगा सबसे निकट

खगोलशास्त्रियों ने बताया कि इस दिन एक और खगोलीय घटना होगी. मंगलवार शाम को सुपरमून भी होगा यानि चंद्रमा विशाल नजर आएगा. बताया जा रहा है कि इस दिन माइक्रो मून की तुलना में चंद्रमा 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत ज्यादा चमकदार दिखेगा.

खगोलविदों के अनुसार अंडाकार पथ पर पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए चन्द्रमा जब 361885 किमी से कम दूरी पर रहता है तब पूर्णिमा का चन्द्रमा सुपरमून कहा जाता है. मंगलवार को यह स्थिति भी निर्मित होगी. खास बात यह है कि यह इस साल का पहला सुपरमून होगा. चंद्रमा शाम 5 बजकर 22 मिनट पर पृथ्वी से सबसे ज्यादा निकट होगा.

भोपाल: जब इंसान की परछाई उसका साथ छोड़ती है तो यह मृत्यु का संकेत होता है लेकिन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में जीवित रहते हुए भी साया लोगों का साथ छोड़ देगा. यह कोई अंधविश्वास और भविष्यवाणी नहीं बल्कि एक खगोलीय घटना है. जो साल में 1 बार होती है. हालांकि बहुत सारे लोगों ने स्कूल के समय किताबों में इस प्रकार की खगोलीय घटनाओं के बारे में पढ़ा होगा, लेकिन स्वयं की आंखों से देखना लोगों के लिए किसी रोमांच से कम नहीं है.

क्या होता है जीरो शैडो डे?

पृथ्‍वी के झुकाव के साथ परिक्रमा करते रहने से सूर्य हर साल 6 महीने मकर रेखा से कर्क रेखा की ओर जाता दिखता है. इस दौरान वह अलग-अलग तारीख को किसी खास शहर के ठीक ऊपर होता है. शनिवार को राजधानी भोपाल की बारी है. बता दें कि 14 जून को सूर्य मध्‍यान्‍ह में ठीक आपके सिर के ऊपर होगा. इस खगोलीय घटना की स्थिति में किसी भी वस्‍तु की छाया उसके ठीक आधार के नीचे बनती है, जिससे लगता है कि छाया गायब हो गई है. छाया के इस तरह से साथ छोड़ने को जीरो शैडो डे (शून्य छाया दिवस) कहा जाता है.

धरती पर सीधी पड़ेंगी सूरज की किरणें

बता दें कि 14 जून को भोपालवासियों के लिए सुबह के समय भी सूरज कुछ सीधा दिखेगा. मकर रेखा से कर्क रेखा की ओर गति करता सूर्य शनिवार को भोपाल के ठीक ऊपर पहुंचेगा. इस कारण सूरज की किरणें भोपाल पर मध्यान्ह में ठीक सीधी पड़ रहीं होंगी. आमतौर पर सूरज की किरणें तिरछी पड़ती हैं. खगोल विज्ञानियों के अनुसार प्लस 23.5 और माइनस 23.5 अक्षांश के बीच रहने वालों के लिए साल भर में 2 ऐसे दिन आते हैं. इन 2 दिनों में सूरज ठीक हमारे सिर के ऊपर होता है.

28 जून को फिर बनेगी ऐसी स्थिति

बता दें कि इस साल सूर्य कर्क रेखा पर 21 जून को पहुंचेगा और वापस मकर रेखा की ओर अपनी वापसी यात्रा आरंभ करेगा. इस कारण यह 28 जून को दोबारा भोपाल के ऊपर स्थित होगा. मकर रेखा और कर्क रेखा के बीच स्थित स्‍थानों पर यह घटना साल में 2 बार होती है. जब सूर्य की किरणें ठीक 90 डिग्री के कोण से धरती पर गिरती हैं. इस कारण, खड़े व्यक्ति की परछाई जमीन पर नहीं पड़ती, वह पूरी तरह गायब हो जाती है.

चंद्रमा भी होगा सबसे निकट

खगोलशास्त्रियों ने बताया कि इस दिन एक और खगोलीय घटना होगी. मंगलवार शाम को सुपरमून भी होगा यानि चंद्रमा विशाल नजर आएगा. बताया जा रहा है कि इस दिन माइक्रो मून की तुलना में चंद्रमा 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत ज्यादा चमकदार दिखेगा.

खगोलविदों के अनुसार अंडाकार पथ पर पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए चन्द्रमा जब 361885 किमी से कम दूरी पर रहता है तब पूर्णिमा का चन्द्रमा सुपरमून कहा जाता है. मंगलवार को यह स्थिति भी निर्मित होगी. खास बात यह है कि यह इस साल का पहला सुपरमून होगा. चंद्रमा शाम 5 बजकर 22 मिनट पर पृथ्वी से सबसे ज्यादा निकट होगा.

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