भिवानी: हरियाणा के भिवानी में टेंपो ड्राइवर को इनकम टैक्स विभाग की तरफ से 31.67 करोड़ रुपये का नोटिस थमाया गया है. नोटिस में लिखा है कि जीएसटी नंबर लेने के बावजूद जीएसटी नहीं भरा, जबकि अकाउंट में एक साल में 31 करोड़ से ज्यादा की ट्रांजेक्शन की. ड्राइवर के मुताबिक वो कभी जीएसटी ऑफिस गया ही नहीं. दिल्ली में फर्जी तरीके से उसका खाता खोला गया. उसने तो कर्ज लेकर टेंपो ले रखा है. एक दिन में 500 से 1000 रुपये कमाता है. इतनी ट्रांजेक्शन तो संभव ही नहीं है.
टेंपो ड्राइवर को इनकम टैक्स विभाग का नोटिस: आयकर विभाग ने ड्राइवर से 15 अप्रैल तक जवाब देने के लिए कहा था. जवाब ना देने पर कार्रवाई की बात कही थी. ड्राइवर ने वकील के जरिए जवाब दे दिया है. इसके साथ उसने पुलिस से भी गुहार लगायी है. ये मामला भिवानी के गांव प्रहलाद गढ़ का है. टेंपो ड्राइवर राज सिंह को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 25 मार्च को नोटिस भेजा था.
नोटिस में क्या लिखा? "सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टेक्सेस ने जानकारी इकट्ठी की है, जिसमें सामने आया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान 2020-21 से संबंधित वित्तीय लेन-देन किए हैं. फर्जी लेनदेन सहित कुल कारोबार 31 करोड़ 67 लाख 10 हजार 873 रुपये का किया है. 2020-21 के लिए अपना आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया, जबकि 31.67 करोड़ रुपए के अस्पष्टीकृत क्रेडिट किए हैं. 15 अप्रैल तक जवाब दें. जवाब न देने पर सीधी कार्रवाई की जाएगी."
हजार रुपये तक है टेंपो ड्राइवर की कमाई: टेंपो ड्राइवर राज सिंह ने बताया कि परिवार में पत्नी और 2 बच्चे हैं. बेटी बड़ी है, जबकि बेटा छोटा है. बेटी की शादी हो चुकी है. बेटा अभी पढ़ रहा है. उसके पास एक टाटा 407 है (टेंपो), जो बैंक से लोन पर ले रखा है. वो लोन की किस्त समय-समय पर जमा करवाता है. लोकल में ही वो टेंपो चलाता है. दिन में 500 से हजार रुपये दिन का कमाता है. 25 मार्च को वाया पोस्ट उसे इनकम टैक्स का नोटिस मिला. इस नोटिस को देख वह हैरान रह गया.
दस्तावेजों का फर्जी इस्तेमाल: राज सिंह के मुताबिक किसी अज्ञात व्यक्ति ने उसके पैन कार्ड व आधार कार्ड का फर्जी इस्तेमाल करके जीएसटी नंबर लिया. जो दिल्ली के करावल क्षेत्र स्थित राहुल प्लास्टिक शॉप पर रजिस्टर है. उसके पास कोई जीएसटी नंबर नहीं है और न कभी नंबर नहीं लिया. राज सिंह ने कहा कि विभाग ने 31.67 करोड़ की राशि लंबित दिखाई, जो गलत व अवैध है. नोटिस मिलने पर इसका पता चला. वो जीएसटी नंबर के लिए ना किसी कार्यालय में गया और ना ही दिल्ली में बैंक खाता खेलने के लिए बैंक में गया.