भिंड: मध्य प्रदेश के भिंड जिले को ऋषियों की तपोभूमि माना जाता है, इसलिए यहां बड़ी संख्या में मंदिर स्थित हैं. इनमें से कई मंदिर तो सैकड़ों साल पुराने हैं. ऐसा ही मंदिर मोटे गणेश जी का है, जो गौरी सरोवर पर बना है. जिसका धार्मिक महत्व बहुत है, यहां हर बुधवार को मेला लगता है, जिसमें हजारों की संख्या भक्तों की भीड़ लगती है. इस मंदिर का निर्माण हिन्दू राजा पृथ्वीराज चौहान ने करवाया था.
यहां लगता है भगवान को दूब का भोग
यहां विराजे मोटे गणेश जी का मंदिर बेहद अद्भुत और आकर्षित है. दूर- दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए यहां आते हैं. खासकर गणेश चतुर्थी पर लाखों भक्त मोटे गणेश मंदिर पहुंचते हैं. इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालु दूब लेकर आते हैं. क्योंकि इसके बिना भगवान गणेश की पूजा संपन्न नहीं होती है. भगवान गणेश को भोग लगाने से पहले दूब चढ़ाई जाती है. दूब के बिना भगवान गणेश की पूजा अधूरी मानी जाती थी.
हर बुधवार को भक्तों का उमड़ता है हुजूम
मंदिर के मुख्य पुजारी श्यामाशरण पुरोहित ने बताया,"मोटे गणेश जी का मंदिर करीब 1000 साल पुराना है. इसका निर्माण 11वीं सदी में हिंदू राजा पृथ्वीराज सिंह चौहान ने करवाया था. इस मंदिर में विराजमान भगवान गणेश की मूर्ति 5 फीट ऊंची है और यह जिले की सबसे बड़ी प्रतिमा है. इस मंदिर से लाखों श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी हुई है. यहां हर बुधवार को मेला लगता है. हजारों श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर भगवान गणेश के दर्शन करने आते हैं."
भक्तों की परेशानियां हो जाती हैं दूर
पुजारी श्यामाशरण के अनुसार," मोटे गणेश मंदिर को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित हैं. इनमें से एक मान्यता है कि यदि कोई भक्त 5 बुधवार लगातार भगवान के दर्शन कर मन से प्रार्थना करता है, तो उनकी मनचाही मन्नत पूरी होती है." इसके अलावा उन्होंने कहा, "भगवान गणेश का नाम विघ्नहर्ता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान गणेश मनुष्यों से लेकर देवताओं तक के विघ्नों का हरण करते हैं. जब भी देवताओं पर कोई परेशानी आई, भगवान गणेश ने उन्हें परेशानी से बाहर निकाला."

लड्डू और मोदक गणेश जी का प्रिय भोग
मंदिर के महंत संजय ने बताया, "विघ्नहर्ता भगवान गणेश को प्रसाद में लड्डू और मोदक प्रिय है, इसलिए भक्तगण भगवान को मोदक और लड्डुओं का भोग लगाते हैं. उन्होंने कहा, "वैसे तो अलग अलग मंदिरों में अलग अलग तरह से भोग लगाने की मान्यता है, लेकिन मोटे गणेश जी को भोग लगाने की बड़ी आसान विधि है. यहां गणेश जी को भोग लगाने से पहले दूब चढ़ाया जाता है. इसके बाद उन्हें लड्डू या मोदक का भोग लगाया जाता है."
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दूब चढ़ाने से मनोकामना होती है पूरी
मंदिर को लेकर मान्यता है कि भगवान मोटे गणेश जी को लगातार 5 बुधवार को दूब चढ़ाने से मनोकामना पूरी होती है. ऐसा करने से बच्चों के बुद्धि में विकास होता है और भक्तों को गृह क्लेश आदि से मुक्ति मिलती है. भगवान गणेश के दूब अति प्रिय है. इसे चढ़ाने से भगवान गणेश अपने भक्त को मनवांछित फल देते हैं. यहां महिला-पुरुष के साथ बच्चों और बुजुर्ग भक्तों की भारी हुजूम हर बुधवार को उमड़ता है.