चंडीगढ़: अनहेल्दी लाइफस्टाइल में बढ़ रही बीमारियों में थायराइड भी एक गंभीर बीमारी है. आजकल इस बीमारी से पीड़ितों की फेहरिस्त लंबी है. इस बीमारी से परेशान लोगों को मोटापा, भूख न लगना, स्किन का ड्राई होना, बालों का झड़ना इत्यादि समस्याओं का सामना करना पड़ता है. कई लोग सेहतमंद रहने के लिए गर्म पानी पीते हैं. लेकिन, हेल्थ एक्सपर्ट थायराइड में गर्म पानी पीने की सलाह देते हैं.
महिलाओं में अधिक गंभीर है थायराइड: IN MS (इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरो कलर मेडिसिन एंड एलाइड) और नेशनल थायराइड रिसर्च के डॉ. रमन कुमार मर्वाह ने बताया कि यह समस्या आजकल बड़ों में 15-20 प्रतिशत और बच्चों में 5-10 प्रतिशत तथा महिलाओं में यह पुरुषों की तुलना में पांच गुना ज्यादा होती है. आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में महिलाओं के लिए घर और दफ्तर के काम में बैलेंस करने के चक्कर में खाने का पैटर्न बिगड़ जाता है.

खाने-पीने का रखें खास ख्याल: खाने-सोने का समय तथा वर्क प्रेशर से तनाव के चलते महिलाओं में यह बीमारी बेहद ही आम मानी जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि महिलाओं के लिए एक थायराइड ही नहीं, थायराइड से और भी अन्य बीमारियां जैसे पीसीओडी और डिप्रेशन, हाई और लो ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां पनपने लगती हैं, जो कि जानलेवा भी हो सकती है. इसलिए महिलाओं को बीमारियों से बचने के लिए समय पर खाने-सोने का रूटीन रखना कितना बेहद जरूरी है.
क्या है थायराइड: खराब जीवनशैली और खान-पान की वजह से आमतौर पर लोग थायराइड के शिकार हो जाते हैं. थायराइड दरअसल, गले के पास तितली के आकार की एक ग्रंथि होती है. यह ग्रंथि दिल-दिमाग और शरीर के दूसरे अंगों को सही तरीके से चलाने वाले हार्मोन पैदा करती है. आसान शब्दों में बात की जाए तो यह ग्रंथि (ग्लैंड) शरीर में एक बैटरी का काम करती है. समस्या तब पैदा हो जाती है जब शरीर में हार्मोन ज्यादा (हाइपरथायरायडिज्म) या फिर कम (हाइपोथायरायडिज्म) बनने लगता है. दोनों ही स्थितियों में पीड़ित व्यक्ति को सेहत से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

थायराइड नोड्यूल: वैसे तो ज्यादातर मामलों में थायराइड नोड्यूल चिंता का कारण नहीं है. लेकिन भले ही थायराइड नोड्यूल का अधिकांश हिस्सा सौम्य होता है, लेकिन कुछ थायराइड नोड्यूल्स में थायराइड कैंसर होता है. लेकिन डॉक्टर अक्सर एडवाइस देते हैं कि गांठ बनने पर अल्ट्रासाउंड से जांच करानी चाहिए. हर साल इसकी स्क्रीनिंग जरूरी है. ताकि समय रहते कैंसर या अन्य बीमारी की पहचान की जा सके.
बच्चों में थायराइड: डॉ. की मानें तो कई बच्चों में थायराइड की समस्या जन्मजात भी हो सकती है. इसके अलावा, बच्चे को मां के पेट से ही सही पोषण दिया जाना चाहिए. यदि बच्चों में थायराइड है, तो उसकी मानसिक और शारीरिक ग्रोथ कम होगी. ऐसा बच्चा थकावट महसूस करता है और जल्दी बीमार पड़ने लगता है. बच्चे के हड्डियां, बाल, दांत कमजोर हो जाते हैं. बच्चों में मोटापे की समस्या होती है.

थायराइड से कैसे करें बचाव: थायराइड से बचाव के लिए सबसे पहले खानपान में बदलाव करें और तनाव से बचें. डॉक्टर से चेकअप कराएं और डॉक्टर की सलाह लें. डॉक्टर इस बीमारी से लड़ने के लिए दवा लिखेंगे. जिससे कुछ ही दिनों में अच्छा महसूस होगा. इस बीमारी का पता चलते ही इसका इलाज बेहद जरुरी है. इसके लिए आयोडीन वाला नमक खाना बेहद जरूरी है. आयोडीन न खाना भी इस बीमारी की मुख्य वजह मानी जाती है. इन बीमारियों को लेकर सतर्क रहना जरूरी है.
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