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बैतूल में पानी के लिए हाहाकार, 5 हजार लोगों की प्यास का सहारा बना झिरिया - BETUL DRINKING WATER CRISIS

बैतूल में गर्मी के साथ बढ़ने लगा जल संकट, सूख गए हैंडपंप और ट्यूबवेल, पाइप लाइन से पानी देने का मिला आश्वासन.

BETUL PEOPLE DEPENDENT ON JHIRIYA
5 हजार लोगों का सहारा बना झिरिया (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : April 19, 2025 at 8:47 PM IST

3 Min Read

बैतूल: जिले के प्रभातपट्टन ब्लाक के गेहूंबारसा गांव में पानी की समस्या गहराती जा रही है. इस गांव की आबादी करीब 4200 है. यहां लाखों रुपए की लागत से 4 बोरवेल और 3 हैंडपंप लगाए गए थे. लेकिन गर्मी आते ही इन सभी स्रोतों से पानी निकलना बंद हो गया है. अब एक मात्र हैंडपंप है, जिसमें पानी आता है. लेकिन उसमें से इतना कम पानी आता है कि ग्रामीणों को अपनी बारी का इंतजार करते-करते घंटों बीत जाते हैं. जिससे वे झिरिया का पानी लाकर अपनी प्यास बुझाने को मजबूर हैं.

साइकिल और बैलगाड़ी से ला रहे पानी

गेहूंबारसा गांव से 3 किलोमीटर दूर एक झिरिया मौजूद है, जहां पत्थर की चट्टानों के बीच से रिसता पानी लोगो की प्यास बुझा रहा है. साइकिल, बैलगाड़ी और वाहनों से झिरिया जाना और पानी लेकर वापस घर आना अब ग्रामीणों के लिए दिनचर्या में शामिल हो गया है. भीषण गर्मी में गांव की महिलाओं को पानी का प्रबंध करने के लिए सुबह 4 बजे उठना पड़ता है. कई-कई किलोमीटर दूर कुएं, हैंडपंप और झिरिया पर जाकर पानी लाना पड़ता है. इतना ही नहीं स्कूली बच्चे भी अपने घर और परिवार के लिए पानी का इंतजाम करने में लगे हैं.

बैतूल में भीषण गर्मी में जल संकट (ETV Bharat)

ग्रामीणों का आरोप है कि नल जल योजना पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए हैं. लेकिन हम आज भी पीने के साफ और शुद्ध पानी के लिए तरस रहे हैं. कहा जा रहा है कि प्रति सोमवार टाइम लिमिट की बैठक में पानी को लेकर तमाम निर्देश जारी किए जा रहे हैं, लेकिन इन निर्देशों का जमीनी स्तर पर कोई परिणाम नजर नहीं आ रहा है. ग्रामीणों की मांग है कि क्षेत्र के जल स्तर को बढ़ाने के लिए आसपास के इलाके में कोई बड़ा तालाब बनाया जाए. इसके साथ ही नलकूप आदि का खनन चिन्हित स्थान पर किया जाए, जिससे पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सके.

Betul Water Crisis
गर्मी के साथ बढ़ने लगी जल संकट (ETV Bharat)
carrying water by bullock cart
बैलगाड़ी से गांव पहुंच रहा पानी (ETV Bharat)

भीषण गर्मी की वजह से हो रहा है जल संकट

बैतूल कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने कहा, "भीषण गर्मी की वजह से जल संकट है. गेहूंबारसा में जल स्तर काफी नीचे चला गया है. इसलिए पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पा रहा है. पेय जल के लिए पानी उपलब्ध करने का प्रयास किया जा रहा है. साथ ही दूर में स्थित एक जल स्रोत से पाइप लाइन के माध्यम से जल उपलब्ध कराने का प्रबंध किया जा रहा है, जल्द वो कार्य भी पूर्ण हो जायेगा."

Betul Drinking Water Crisis
साइकिल से लाना रहा है पानी (ETV Bharat)
Betul People dependent on Jhiriya
बैतूल में 5 हजार लोगों का सहारा बना (ETV Bharat)

उन्होंने कहा कि "झिरिया का पानी पीने के लिए प्रयोग नहीं किया जा रहा है. हालंकि ग्रामीण अन्य काम के लिए इसका उपयोग कर रहे हैं. फिलहाल ग्रामीण पीने के लिए हैंडपंप का पानी ही यूज कर रहे हैं."

बैतूल: जिले के प्रभातपट्टन ब्लाक के गेहूंबारसा गांव में पानी की समस्या गहराती जा रही है. इस गांव की आबादी करीब 4200 है. यहां लाखों रुपए की लागत से 4 बोरवेल और 3 हैंडपंप लगाए गए थे. लेकिन गर्मी आते ही इन सभी स्रोतों से पानी निकलना बंद हो गया है. अब एक मात्र हैंडपंप है, जिसमें पानी आता है. लेकिन उसमें से इतना कम पानी आता है कि ग्रामीणों को अपनी बारी का इंतजार करते-करते घंटों बीत जाते हैं. जिससे वे झिरिया का पानी लाकर अपनी प्यास बुझाने को मजबूर हैं.

साइकिल और बैलगाड़ी से ला रहे पानी

गेहूंबारसा गांव से 3 किलोमीटर दूर एक झिरिया मौजूद है, जहां पत्थर की चट्टानों के बीच से रिसता पानी लोगो की प्यास बुझा रहा है. साइकिल, बैलगाड़ी और वाहनों से झिरिया जाना और पानी लेकर वापस घर आना अब ग्रामीणों के लिए दिनचर्या में शामिल हो गया है. भीषण गर्मी में गांव की महिलाओं को पानी का प्रबंध करने के लिए सुबह 4 बजे उठना पड़ता है. कई-कई किलोमीटर दूर कुएं, हैंडपंप और झिरिया पर जाकर पानी लाना पड़ता है. इतना ही नहीं स्कूली बच्चे भी अपने घर और परिवार के लिए पानी का इंतजाम करने में लगे हैं.

बैतूल में भीषण गर्मी में जल संकट (ETV Bharat)

ग्रामीणों का आरोप है कि नल जल योजना पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए हैं. लेकिन हम आज भी पीने के साफ और शुद्ध पानी के लिए तरस रहे हैं. कहा जा रहा है कि प्रति सोमवार टाइम लिमिट की बैठक में पानी को लेकर तमाम निर्देश जारी किए जा रहे हैं, लेकिन इन निर्देशों का जमीनी स्तर पर कोई परिणाम नजर नहीं आ रहा है. ग्रामीणों की मांग है कि क्षेत्र के जल स्तर को बढ़ाने के लिए आसपास के इलाके में कोई बड़ा तालाब बनाया जाए. इसके साथ ही नलकूप आदि का खनन चिन्हित स्थान पर किया जाए, जिससे पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सके.

Betul Water Crisis
गर्मी के साथ बढ़ने लगी जल संकट (ETV Bharat)
carrying water by bullock cart
बैलगाड़ी से गांव पहुंच रहा पानी (ETV Bharat)

भीषण गर्मी की वजह से हो रहा है जल संकट

बैतूल कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने कहा, "भीषण गर्मी की वजह से जल संकट है. गेहूंबारसा में जल स्तर काफी नीचे चला गया है. इसलिए पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पा रहा है. पेय जल के लिए पानी उपलब्ध करने का प्रयास किया जा रहा है. साथ ही दूर में स्थित एक जल स्रोत से पाइप लाइन के माध्यम से जल उपलब्ध कराने का प्रबंध किया जा रहा है, जल्द वो कार्य भी पूर्ण हो जायेगा."

Betul Drinking Water Crisis
साइकिल से लाना रहा है पानी (ETV Bharat)
Betul People dependent on Jhiriya
बैतूल में 5 हजार लोगों का सहारा बना (ETV Bharat)

उन्होंने कहा कि "झिरिया का पानी पीने के लिए प्रयोग नहीं किया जा रहा है. हालंकि ग्रामीण अन्य काम के लिए इसका उपयोग कर रहे हैं. फिलहाल ग्रामीण पीने के लिए हैंडपंप का पानी ही यूज कर रहे हैं."

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