बैतूल: आमला ब्लॉक के एक गांव में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां करीब एक महीने से रात के अंधेरे में पत्थरबाजी होती है. यह पत्थर करीब 20 घरों को निशाना बनाकर मारे जाते हैं. हालांकि ये पत्थर कहां से आते हैं और कौन मारता है ये रहस्य बना हुआ है. रोज अंधेरा शुरू होते ही पत्थरबाजी शुरू हो जाती है. इससे ग्रामीणों में दहशत है. हैरान-परेशान ग्रामीणों ने इसकी शिकायत पुलिस से की है. ग्रामीणों की मांग है कि जल्द से जल्द पुलिस पत्थर मारने वाले अज्ञात व्यक्ति को गिरफ्तार करे, नहीं तो वो आंदोलन करेंगे.
अंधेरा होते ही शुरू हो जाती है पत्थरबाजी
मामला आवरिया गांव का है. ग्रामीणों का कहना है कि बीते करीब 1 महीने से अंधेरा होते ही किसी के द्वारा गांव के करीब 20 घरों पर पत्थर फेंके जा रहे हैं. ये पत्थरबाजी अचानक से शुरू होती है और वो कुछ समझ पाते हैं तबतक पत्थर आने बंद हो जाते हैं. ये स्पष्ट नहीं हो पाता कि अगला निशाना किसका घर होगा, क्योंकि अचानक से पत्थरों की बौछार शुरू होती है.
ग्रामीण समझ नहीं पा रहे हैं कि ये कौन कर रहा है. गांव का ही कोई व्यक्ति है या कोई बाहरी, इसका अंदाजा भी नहीं लगा पा रहे हैं. इस घटना से शाम होते ही लोग घरों में चले जाते हैं कि पता नहीं कब और किस तरफ से पत्थर आ जाए और उन्हें चोटिल कर दे. हालांकि गनीमत रही है कि अभी तक किसी को चोट नहीं आई है, लेकिन ग्रामीण इससे डरे हुए हैं.
पुलिस से जल्द से जल्द आरोपी को पकड़ने की मांग
पहले तो ग्रामीणों को लगा कि हो सकता है कोई ऐसे ही कर रहा होगा, लेकिन ये लगातार चला आ रहा है. गांववालों ने अज्ञात पत्थरबाज को पकड़ने की कोशिश भी लेकिन सफल नहीं हो पाए. इसके बाद उन्होंने पुलिस को घटना की जानकारी दी और मांग की कि जल्द से जल्द अज्ञात आरोपी को पकड़ा जाए, नहीं तो वो आंदोलन करने पर बाध्य हो जाएंगे.
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डॉग स्क्वायड की मदद से पत्थरबाजों की हो रही तलाश
गांव के निवासी घनश्याम पटवारी ने बताया कि "वह अपनी किराना की दुकान में बैठे थे, तभी रात करीब 8 बजे दुकान पर अचानक पत्थर गिरा. यदि दुकान में चॉकलेट की बरनी सामने न रखी होती तो पत्थर सीधे सिर पर लग जाता." इस मामले में आमला थाना प्रभारी सत्यप्रकाश सक्सेना ने बताया कि "ग्रामीणों की शिकायत मिली है. डॉग स्क्वायड की मदद से आरोपियों की तलाश की जा रही है."