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बारिश में टापू बन जाते हैं खेत खलिहान, बालोद के किसानों को फसलों की चिंता - BEFORE MONSOON RAINS

बालोद के गुरुर ब्लॉक के किसानों को बारिश में बर्बादी की चिंता सताने लगी है.

MONSOON RAINS IN BALOD
बालोद में किसानों को सता रही चिंता (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 27, 2025 at 5:01 PM IST

Updated : May 27, 2025 at 5:33 PM IST

3 Min Read

बालोद: छत्तीसगढ़ के किसानों को मानसून का बेसब्री से इंतजार रहता है. इस बीच बालोद के गुरूर ब्लॉक के आधा दर्जन गांव के किसान बारिश में होने वाली बर्बादी और परेशानी को लेकर अब से चिंतित हो गए हैं. इसकी वजह यह है कि बारिश के दिनों में गुरुर ब्लॉक के कई गांव के खेत और खलिहान टापू में तब्दील हो जाते हैं.

खेत पर पड़ती है कमजोर नालियों की मार: गुरुर ब्लॉक के गांवों में जब सड़क का निर्माण हुआ तो सड़क किनारे बनी नालियां सकरी होती चली गई. अब यह नालियां इतनी सकरी हो गई है कि बारिश के तेज बहाव में नाली की सुरक्षा दीवार टूटने लगती है. यहां का पानी आधा दर्जन गांवों के खेतों को प्रभावित करता है ग्रामीणों ने बताया कि लगभग 500 एकड़ में तीन से चार बार बुवाई करनी पड़ती है. किसानों ने यह भी बताया कि उन्होंने सुशासन तिहार में इस बात कई बार अपनी समस्याओं को रखा है. अब तक समस्या का समाधान नहीं हुआ है.

मानसून की बारिश से पहले किसान चिंतित (ETV BHARAT)

बालोद के इन गांवों में सबसे ज्यादा दिक्कत: बालोद के गुरुर ब्लॉक के कोचरा, डूबचेरा और भूलन डबरी गांव में सबसे ज्यादा दिक्कत है. यहां पर बारिश के समय में किसानों को खुद से ही श्रमदान कर अपनी फसलों को बचाने के लिए बोरियों में रेत भरकर सुरक्षा दीवार बनानी पड़ती है.ग्रामीण लगातार लोक निर्माण विभाग से संपर्क कर रहे हैं लेकिन अब तक किसी तरह का कोई ठोस परिणाम निकल कर सामने नहीं आया है. जिसके कारण किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. लगभग 500 एकड़ की फसल बर्बादी होने का खतरा बना हुआ है. कुछ ही दिनों में मानसून सक्रिय हो जाएगा ऐसे में किसानों के माथे पर अभी से फसल बचाने की चिंता देखी जा रही है. इसलिए किसान खुद तैयारी कर रहे हैं.

लगभग 500 एकड़ की फसल बर्बादी के कगार पर रहती है. आने वाले कुछ ही दिनों में मानसून सक्रिय हो जाएगा. ऐसे में हम लोग अपनी इस समस्या को लेकर चिंतित हैं. - गिरवर लाल, ग्रामीण

Balod Farmers Worried Of Rain
बालोद के किसानों को बारिश की चिंता (ETV BHARAT)

बारिश के समय हम श्रमदान कर बोरियों में रेत भरकर नालियों और खेत की मेढ़ों को मजबूत करते हैं. इसके बावजूद यह काफी नहीं होता है- कृष्णा लाल साहू, किसान

सुशासन तिहार में किसानों ने रखी है मांग: इस समस्या को लेकर किसानों ने सुशासन तिहार में अपनी मांगें रख दी है. जिससे उनकी समस्याओं का समाधान हो सके. इसके बावजूद अब तक विभागीय अधिकारियों ने किसी तरह किसानों से संपर्क नहीं किया है. किसानों ने बताया कि उन्होंने पिछले साल अपने स्वयं के खर्चे से तत्व का बंधन किया था, लेकिन वह काफी नहीं है. पक्के सेफ्टी दीवाल बनाने की आवश्यकता है. सड़क बनते समय हम सब किसानों ने अपनी समस्याओं को प्रमुखता से रखा था. लेकिन संबंधित अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया. जिसकी वजह से आज तक हमें यह समस्याएं झेलनी पड़ रही है.

इंसान नहीं बल्कि पेड़ ने बढ़ाई मुसीबत, गांव में दो फाड़

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बालोद: छत्तीसगढ़ के किसानों को मानसून का बेसब्री से इंतजार रहता है. इस बीच बालोद के गुरूर ब्लॉक के आधा दर्जन गांव के किसान बारिश में होने वाली बर्बादी और परेशानी को लेकर अब से चिंतित हो गए हैं. इसकी वजह यह है कि बारिश के दिनों में गुरुर ब्लॉक के कई गांव के खेत और खलिहान टापू में तब्दील हो जाते हैं.

खेत पर पड़ती है कमजोर नालियों की मार: गुरुर ब्लॉक के गांवों में जब सड़क का निर्माण हुआ तो सड़क किनारे बनी नालियां सकरी होती चली गई. अब यह नालियां इतनी सकरी हो गई है कि बारिश के तेज बहाव में नाली की सुरक्षा दीवार टूटने लगती है. यहां का पानी आधा दर्जन गांवों के खेतों को प्रभावित करता है ग्रामीणों ने बताया कि लगभग 500 एकड़ में तीन से चार बार बुवाई करनी पड़ती है. किसानों ने यह भी बताया कि उन्होंने सुशासन तिहार में इस बात कई बार अपनी समस्याओं को रखा है. अब तक समस्या का समाधान नहीं हुआ है.

मानसून की बारिश से पहले किसान चिंतित (ETV BHARAT)

बालोद के इन गांवों में सबसे ज्यादा दिक्कत: बालोद के गुरुर ब्लॉक के कोचरा, डूबचेरा और भूलन डबरी गांव में सबसे ज्यादा दिक्कत है. यहां पर बारिश के समय में किसानों को खुद से ही श्रमदान कर अपनी फसलों को बचाने के लिए बोरियों में रेत भरकर सुरक्षा दीवार बनानी पड़ती है.ग्रामीण लगातार लोक निर्माण विभाग से संपर्क कर रहे हैं लेकिन अब तक किसी तरह का कोई ठोस परिणाम निकल कर सामने नहीं आया है. जिसके कारण किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. लगभग 500 एकड़ की फसल बर्बादी होने का खतरा बना हुआ है. कुछ ही दिनों में मानसून सक्रिय हो जाएगा ऐसे में किसानों के माथे पर अभी से फसल बचाने की चिंता देखी जा रही है. इसलिए किसान खुद तैयारी कर रहे हैं.

लगभग 500 एकड़ की फसल बर्बादी के कगार पर रहती है. आने वाले कुछ ही दिनों में मानसून सक्रिय हो जाएगा. ऐसे में हम लोग अपनी इस समस्या को लेकर चिंतित हैं. - गिरवर लाल, ग्रामीण

Balod Farmers Worried Of Rain
बालोद के किसानों को बारिश की चिंता (ETV BHARAT)

बारिश के समय हम श्रमदान कर बोरियों में रेत भरकर नालियों और खेत की मेढ़ों को मजबूत करते हैं. इसके बावजूद यह काफी नहीं होता है- कृष्णा लाल साहू, किसान

सुशासन तिहार में किसानों ने रखी है मांग: इस समस्या को लेकर किसानों ने सुशासन तिहार में अपनी मांगें रख दी है. जिससे उनकी समस्याओं का समाधान हो सके. इसके बावजूद अब तक विभागीय अधिकारियों ने किसी तरह किसानों से संपर्क नहीं किया है. किसानों ने बताया कि उन्होंने पिछले साल अपने स्वयं के खर्चे से तत्व का बंधन किया था, लेकिन वह काफी नहीं है. पक्के सेफ्टी दीवाल बनाने की आवश्यकता है. सड़क बनते समय हम सब किसानों ने अपनी समस्याओं को प्रमुखता से रखा था. लेकिन संबंधित अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया. जिसकी वजह से आज तक हमें यह समस्याएं झेलनी पड़ रही है.

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Last Updated : May 27, 2025 at 5:33 PM IST
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