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विश्व पर्यावरण दिवस पर शुरू होगी बीड पापड़ लेपर्ड सफारी, झालाना और आमागढ़ के बाद अब तीसरी लेपर्ड सफारी - BEED PAPAD LEOPARD SAFARI

झालाना और आमागढ़ के बाद जयपुर में तीसरी लेपर्ड सफारी विश्व पर्यावरण दिवस पर 5 जून को शुरू होगी.

Leopard at Water Point
वाटर पॉइंट पर लेपर्ड (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : June 3, 2025 at 10:22 PM IST

3 Min Read

जयपुर: राजधानी में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर बीड पापड़ लेपर्ड सफारी शुरू होने वाली है. झालाना और आमागढ़ के बाद अब यह तीसरी लेपर्ड सफारी होगी. नाहरगढ़ सेंचुरी के बीच शुरू होने वाली नई लेपर्ड सफारी को बीड पापड़ लेपर्ड सफारी नाम दिया गया है. झालाना की तर्ज पर आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व विकसित किया गया और अब नाहरगढ़ अभ्यारण के बीच बीड पापड़ लेपर्ड रिजर्व विकसित किया जा रहा है.

जयपुर को कैपिटल सिटी ऑफ लेपर्ड का नाम: जयपुर अब तीन लेपर्ड सफारी के साथ ही एक लायन सफारी, एक टाइगर सफारी और एक एलिफेंट सफारी वाला शहर बन गया है. जयपुर में सबसे पहले झालाना लेपर्ड सफारी शुरू की गई थी. इसके बाद आमागढ़ लेपर्ड सफारी शुरू हुई. नाहरगढ़ वाइल्डलाइफ सेंचुरी 5240 हेक्टेयर एरिया में फैला हुई है. करीब 19 किलोमीटर के ट्रैक बनाए हैं. वन्यजीवों के लिए 12 वाटर पॉइंट बनाए गए हैं. जयपुर में लेपर्ड यानी बघेरों का कुनबा बढ़ रहा है. जयपुर में लेपर्ड संरक्षण की दिशा में कॉरिडोर स्थापित करने में भी सफलता मिली है. झालाना लेपर्ड रिजर्व से अमागढ़ होते हुए नाहरगढ़ अभ्यारण और दिल्ली रोड पर अचरोल तक कॉरिडोर विकसित किया गया.

5 जून को शुरू होगी बीड पापड़ लेपर्ड सफारी (ETV Bharat Jaipur)

पढ़ें: तेंदुओं के संरक्षण में जयपुर ने पेश की मिसाल, बन रही लेपर्ड कैपिटल - International Leopard Day 2024

इतने हैं लेपर्ड: मालवीय नगर औद्योगिक क्षेत्र के पास करीब 700 हेक्टर क्षेत्र में झालाना लेपर्ड सफारी बनी हुई है. इसी तरह झालाना की तर्ज पर आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व 1524 हेक्टेयर क्षेत्र में तैयार किया गया. झालाना के बाद अब आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है. अब 5240 हेक्टेयर नाहरगढ़ सेंचुरी एरिया में लेपर्ड रिजर्व डवलप किया गया है. झालाना में करीब 40 से अधिक लेपर्ड रहते हैं. आमागढ़ में करीब 20 लेपर्ड है, तो वही नाहरगढ़ अभ्यारण में 21 लेपर्ड है.

पढ़ें: जयपुर बना 'कैपिटल सिटी ऑफ लेपर्ड', झालाना-आमागढ़ के बाद नाहरगढ़ में लेपर्ड सफारी, जानें खासियत - INTERNATIONAL LEOPARD DAY

बीड पापड़ लेपर्ड सफारी की खासियत: डीसीएफ विजयपाल सिंह ने बताया कि नारगढ़ सेंचुरी में बीड पापड़ लेपर्ड सफारी का शुभारंभ 5 जून को प्रस्तावित है. नाहरगढ़ वाइल्डलाइफ सेंचुरी 5240 हेक्टेयर एरिया में फैला हुआ है. करीब 30 प्रतिशत एरिया में जंगल सफारी के लिए ट्रैक बना दिए गए हैं. करीब 19 किलोमीटर के ट्रैक बनाए हैं. चारों तरफ बाउंड्रीवॉल कर दी गई है. वन्यजीवों के लिए 12 वाटर पॉइंट बनाए गए हैं. जिनमें नियमित रूप से पानी भरा जाता है. नाहरगढ़ वाइल्डलाइफ सेंचुरी में करीब 21 लेपर्ड रहवास करते हैं.

पढ़ें: झालाना व आमागढ़ वन क्षेत्र में पहली बार साइन और कैमरा ट्रैप सर्वे, बारिश के कारण स्थगित हुई वन्यजीव गणना - WILDLIFE CENSUS IN JAIPUR

विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीव और पक्षी मौजूद: नाहरगढ़ जंगल में लेपर्ड के अलावा सांभर, नीलगाय, हाइना, सियार, सेही, जंगली सूअर समेत विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीव भी रहते हैं. नाहरगढ़ सेंचुरी में करीब 200 से अधिक प्रजातियों के पक्षी भी देखे गए हैं. जिनमें कई दुर्लभ प्रजातियों के पक्षी भी हैं. यहां पर धोक, सफेदा, सालर, बबूल समेत विभिन्न प्रकार की वनस्पतियां भी मौजूद हैं. नाहरगढ़ जंगल काफी घना और हरा भरा है. यहां प्रकृति का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है. उम्मीद है नाहरगढ़ सेंचुरी का बीड पापड़ लेपर्ड रिजर्व भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा.

जयपुर: राजधानी में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर बीड पापड़ लेपर्ड सफारी शुरू होने वाली है. झालाना और आमागढ़ के बाद अब यह तीसरी लेपर्ड सफारी होगी. नाहरगढ़ सेंचुरी के बीच शुरू होने वाली नई लेपर्ड सफारी को बीड पापड़ लेपर्ड सफारी नाम दिया गया है. झालाना की तर्ज पर आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व विकसित किया गया और अब नाहरगढ़ अभ्यारण के बीच बीड पापड़ लेपर्ड रिजर्व विकसित किया जा रहा है.

जयपुर को कैपिटल सिटी ऑफ लेपर्ड का नाम: जयपुर अब तीन लेपर्ड सफारी के साथ ही एक लायन सफारी, एक टाइगर सफारी और एक एलिफेंट सफारी वाला शहर बन गया है. जयपुर में सबसे पहले झालाना लेपर्ड सफारी शुरू की गई थी. इसके बाद आमागढ़ लेपर्ड सफारी शुरू हुई. नाहरगढ़ वाइल्डलाइफ सेंचुरी 5240 हेक्टेयर एरिया में फैला हुई है. करीब 19 किलोमीटर के ट्रैक बनाए हैं. वन्यजीवों के लिए 12 वाटर पॉइंट बनाए गए हैं. जयपुर में लेपर्ड यानी बघेरों का कुनबा बढ़ रहा है. जयपुर में लेपर्ड संरक्षण की दिशा में कॉरिडोर स्थापित करने में भी सफलता मिली है. झालाना लेपर्ड रिजर्व से अमागढ़ होते हुए नाहरगढ़ अभ्यारण और दिल्ली रोड पर अचरोल तक कॉरिडोर विकसित किया गया.

5 जून को शुरू होगी बीड पापड़ लेपर्ड सफारी (ETV Bharat Jaipur)

पढ़ें: तेंदुओं के संरक्षण में जयपुर ने पेश की मिसाल, बन रही लेपर्ड कैपिटल - International Leopard Day 2024

इतने हैं लेपर्ड: मालवीय नगर औद्योगिक क्षेत्र के पास करीब 700 हेक्टर क्षेत्र में झालाना लेपर्ड सफारी बनी हुई है. इसी तरह झालाना की तर्ज पर आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व 1524 हेक्टेयर क्षेत्र में तैयार किया गया. झालाना के बाद अब आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है. अब 5240 हेक्टेयर नाहरगढ़ सेंचुरी एरिया में लेपर्ड रिजर्व डवलप किया गया है. झालाना में करीब 40 से अधिक लेपर्ड रहते हैं. आमागढ़ में करीब 20 लेपर्ड है, तो वही नाहरगढ़ अभ्यारण में 21 लेपर्ड है.

पढ़ें: जयपुर बना 'कैपिटल सिटी ऑफ लेपर्ड', झालाना-आमागढ़ के बाद नाहरगढ़ में लेपर्ड सफारी, जानें खासियत - INTERNATIONAL LEOPARD DAY

बीड पापड़ लेपर्ड सफारी की खासियत: डीसीएफ विजयपाल सिंह ने बताया कि नारगढ़ सेंचुरी में बीड पापड़ लेपर्ड सफारी का शुभारंभ 5 जून को प्रस्तावित है. नाहरगढ़ वाइल्डलाइफ सेंचुरी 5240 हेक्टेयर एरिया में फैला हुआ है. करीब 30 प्रतिशत एरिया में जंगल सफारी के लिए ट्रैक बना दिए गए हैं. करीब 19 किलोमीटर के ट्रैक बनाए हैं. चारों तरफ बाउंड्रीवॉल कर दी गई है. वन्यजीवों के लिए 12 वाटर पॉइंट बनाए गए हैं. जिनमें नियमित रूप से पानी भरा जाता है. नाहरगढ़ वाइल्डलाइफ सेंचुरी में करीब 21 लेपर्ड रहवास करते हैं.

पढ़ें: झालाना व आमागढ़ वन क्षेत्र में पहली बार साइन और कैमरा ट्रैप सर्वे, बारिश के कारण स्थगित हुई वन्यजीव गणना - WILDLIFE CENSUS IN JAIPUR

विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीव और पक्षी मौजूद: नाहरगढ़ जंगल में लेपर्ड के अलावा सांभर, नीलगाय, हाइना, सियार, सेही, जंगली सूअर समेत विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीव भी रहते हैं. नाहरगढ़ सेंचुरी में करीब 200 से अधिक प्रजातियों के पक्षी भी देखे गए हैं. जिनमें कई दुर्लभ प्रजातियों के पक्षी भी हैं. यहां पर धोक, सफेदा, सालर, बबूल समेत विभिन्न प्रकार की वनस्पतियां भी मौजूद हैं. नाहरगढ़ जंगल काफी घना और हरा भरा है. यहां प्रकृति का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है. उम्मीद है नाहरगढ़ सेंचुरी का बीड पापड़ लेपर्ड रिजर्व भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा.

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